इजरायल से 3.8 मिलियन का बंपर ऑर्डर मिलते रॉकेट हुआ इस डिफेंस कंपनी का शेयर, DRDO भी क्लाइंट; चेक करें फंडामेंटल

पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने इजराइल से मिले इस नए ऑर्डर के साथ अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है. कंपनी की बढ़ती ऑर्डर बुक, मजबूत वित्तीय स्थिति, और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां इसे डिफेंस और अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती हैं.

पारस डिफेंस Image Credit: money9 live

Paras Defence and Space Technologies Limited: पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड इन दिनों तेजी से बढ़ रही भारतीय कंपनियों में से एक है. ये इन दिनों चर्चा में है. इस कंपनी ने इजराइल की मशहूर डिफेंस कंपनी, एल्बिट सिक्योरिटी सिस्टम्स लिमिटेड से 3.8 मिलियन डॉलर (लगभग 34 करोड़ रुपये) का बड़ा ऑर्डर हासिल किया है. इस खबर के बाद कंपनी के शेयर की कीमत में 1.44 फीसदी की तेजी देखी गई, जो 710.80 रुपये से बढ़कर 721 रुपये तक पहुंच गई. हालांकि, बाद में शेयर की कीमत थोड़ी कम होकर 707.15 रुपये पर आ गई. कंपनी का मार्केट कैपिटल 5,698.73 करोड़ रुपये है.

ऑर्डर बुक में और इजाफा

पारस डिफेंस ने इजराइल की कंपनी एल्बिट सिक्योरिटी सिस्टम्स से 34 करोड़ रुपये का ऑर्डर लिया है. इस ऑर्डर में इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स प्रोडक्ट्स (खास तरह के ऑप्टिकल उपकरण) सप्लाई करने का काम शामिल है. यह ऑर्डर फरवरी 2026 से नवंबर 2026 के बीच पूरा होगा. इस ऑर्डर से कंपनी की ऑर्डर बुक में और इजाफा हुआ है, जिससे उसका अंतरराष्ट्रीय कारोबार और मजबूत होगा.

ऑर्डर बुक की स्थिति

मार्च 2025 तक पारस डिफेंस की ऑर्डर बुक 928 करोड़ रुपये की थी. यह राशि पहले के सालों की तुलना में काफी ज्यादा है. मार्च 2021 में यह 215.1 करोड़ रुपये थी, और मार्च 2024 में 576 करोड़ रुपये थी. कंपनी के ऑर्डर दो मुख्य हिस्सों में बंटे हैं:

  • 60% ऑप्टिक्स और ऑप्ट्रोनिक सिस्टम्स: ये निगरानी और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिए उन्नत ऑप्टिकल उपकरण हैं.
  • 40% डिफेंस इंजीनियरिंग: इसमें डिफेंस से जुड़े इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग के काम शामिल हैं.

कंपनी के बारे में

पारस डिफेंस एक जानी-मानी भारतीय कंपनी है, जो पिछले 40 साल से डिफेंस और अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रही है. यह कंपनी डिफेंस और अंतरिक्ष से जुड़े कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाती है. इसके चार मुख्य क्षेत्र हैं:

  1. डिफेंस और स्पेस ऑप्टिक्स
  2. डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स
  3. हैवी इंजीनियरिंग जैसे बड़े डिफेंस उपकरण और मिसाइल के हिस्से.
  4. ईएमपी प्रोटेक्शन: इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स से बचाव के उपकरण.

कंपनी ने हाल ही में इजराइल की हेवनड्रोन्स के साथ मिलकर एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसमें हाइड्रोजन से चलने वाले ड्रोन्स बनाए जाएंगे, जो डिफेंस और होमलैंड सिक्योरिटी के लिए होंगे. कंपनी का लक्ष्य इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर विस्तार करना है. पारस डिफेंस भारत में कई बड़े संगठनों जैसे इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज, डीआरडीओ, इसरो और प्राइवेट कंपनियों जैसे गोडरेज, टाटा, और एलएंडटी के साथ काम करती है. इसके अलावा, यह इजराइल की राफेल, आईएआई, और एल्बिट सिस्टम्स जैसी अंतरराष्ट्रीय डिफेंस कंपनियों के साथ भी साझेदारी करती है.

हाल के वित्तीय नतीजे

जून 2024 (Q1 FY25) में कंपनी की आय 84 करोड़ रुपये थी, जो जून 2025 (Q1 FY26) में बढ़कर 93 करोड़ रुपये हो गई. यानी, इसमें 10.71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. हालांकि, कंपनी का नेट प्रॉफिट 14 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा. पिछले तीन सालों में कंपनी की आय 25.88 फीसदी और मुनाफा 31.22 फीसदी की सालाना दर से बढ़ा है. कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 15.6 फीसदी और रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 11.5 फीसदी है. प्रति शेयर आय (EPS) 7.87 रुपये है, और कंपनी का कर्ज-इक्विटी अनुपात सिर्फ 0.04x है.

डेटा सोर्स: BSE, Groww, Trade Brains

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