दिवालिया कंपनी HNGIL की INSCO ने संभाली कमान, 2250 करोड़ रुपये के अधिग्रहण के साथ नया दौर शुरू

HNGIL अब नए अध्याय में कदम रख चुकी है. लंबे समय से संकट में फंसी यह कंपनी अब INSCO के अधिग्रहण के साथ अपनी नई यात्रा शुरू कर रही है. शेयर बाजार में निवेशकों की नजरें अब इस बात पर है कि क्या नए फैसले के बाद कंपनी के शेयर फिर से ट्रेड करेंगे.

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शेयर बाजार में लंबे समय से संकट से जूझ रही हिंदुस्तान नेशनल ग्लास एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (HNGIL) अब नए सफर पर निकल चुकी है. शनिवार को इंडिपेंडेंट शुगर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (INSCO)ने कंपनी का अधिग्रहण पूरा कर लिया. यह अधिग्रहण Insolvency and Bankruptcy Code (IBC) के तहत हुआ और इसके साथ ही निवेशकों के लिए कंपनी का नया दौर शुरू हो गया. INSCO युगांडा स्थित माधवानी ग्रुप का हिस्सा है,

शेयर बाजार से बाहर HNGIL

HNGIL अक्टूबर 2021 से कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में थी. इसी वजह से इसके शेयरों का ट्रेडिंग पर असर पड़ा और 3 सितंबर 2025 से कंपनी के शेयर पूरी तरह से निलंबित कर दिए गए. हालांकि इससे पहले भी निवेशकों का अनुभव अच्छा नहीं रहा. कंपनी का ऑल टाइम रिटर्न देखें तो इसने 40 फीसदी से ज्यादा का नुकसान कराया है. वहीं पिछले पांच सालों में शेयरों ने 66.55 फीसदी का मुनाफा जरूर दिया, लेकिन हाल के संकट ने निवेशकों की उम्मीदों को तोड़ दिया.

2250 करोड़ रुपये की डील

INSCO ने हिंदुस्तान नेशनल ग्लास का अधिग्रहण 2,250 करोड़ रुपये के रेजॉल्यूशन प्लान के तहत किया. इस प्लान को 14 अगस्त 2025 को NCLT से मंजूरी मिली थी और बाद में इसे RBI और CCI ने भी हरी झंडी दी. योजना के तहत INSCO वित्तीय और परिचालन लेनदारों को 1,901.55 करोड़ रुपये की तत्काल राशि देगा, जबकि 356.28 करोड़ रुपये तीन साल में चुकाए जाएंगे. साथ ही, वित्तीय लेनदारों को 5 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी भी दी जाएगी.

नए दौर की तैयारी

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, INSCO के चेयरमैन श्रै माधवानी ने कहा कि कर्मचारियों और कामगारों का सहयोग कंपनी की मजबूती है और अब लक्ष्य HNGIL को फिर से खड़ा करना है. कंपनी ने furnaces और उपकरणों को आधुनिक बनाने, नई प्रोडक्ट लाइन्स पर निवेश करने और घरेलू व निर्यात बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने का ऐलान किया है.

हालांकि HNGIL के शेयर अब बाजार में उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन INSCO का यह अधिग्रहण संकेत देता है कि संकट में फंसी कंपनियां भी नए निवेशकों और प्रबंधन के आने से पुनर्जीवित हो सकती हैं. शेयरधारकों को इस सफर में फिलहाल धैर्य रखना होगा, क्योंकि कंपनी का रीलिस्टिंग का रास्ता अभी साफ नहीं है.

डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.