1 करोड़ के फ्री बीमा समेत कई फायदे 15 जुलाई से हो जाएंगे बंद, SBI क्रेडिट कार्ड के नियमों में बड़ा बदलाव

15 जुलाई से एसबीआई अपने क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाला फ्री एयर एक्सीडेंट कवरेज बंद कर देगा. इसके अलावा पेमेंट और बिलिंग के तरीके में भी बड़ा बदलाव किया जा रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि एसबीआई के किन-किन क्रेडिट कार्ड्स पर ये बदलाव लागू होंगे.

SBI Credit Card क्रेडिट कार्ड Image Credit:

SBI Credit Card: अगर आप SBI का क्रेडिट कार्ड यूज करते हैं, तो आपके लिए एक जरूरी खबर है. दरअसल SBI Card ने अपने क्रेडिट कार्ड नियमों में बड़े बदलावों की घोषणा की है, जो 15 जुलाई 2025 से लागू होंगे. इनमें फ्री एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस, पेमेंट सेटलमेंट का तरीका और मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) की गणना से जुड़ी अहम बातें शामिल हैं. इन बदलावों का सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो SBI के प्रीमियम कार्ड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं और एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस जैसी सुविधाओं का फायदा उठा रहे हैं. साथ ही EMI लेने वाले या बिल को थोड़ा-थोड़ा चुकाने वालों को भी ज्यादा सख्ती का सामना करना पड़ेगा. आइए जानते हैं इन बदलावों को.

अब नहीं मिलेगा 1 करोड़ रुपये का फ्री एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस

अभी तक SBI के कुछ प्रीमियम कार्ड्स पर 1 करोड़ रुपये तक का मुफ्त एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस मिलता था. लेकिन 15 जुलाई 2025 से यह सुविधा बंद कर दी जाएगी.

किन कार्डधारकों पर होगा असर

50 लाख रुपये का बीमा भी होगा बंद

जिन कार्ड्स पर 50 लाख रुपये तक का फ्री एयर एक्सीडेंट इंश्योरेंस मिल रहा था, वो भी बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज दिए. वह भी अब 15 जुलाई से बंद हो जाएगा. ऐसे में अगर आप इन कार्ड्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको अब इस कवर का फायदा नहीं मिलेगा.

    जिन कार्ड्स पर असर पड़ेगा

    पेमेंट सेटलमेंट का नया नियम

    क्रेडिट कार्ड पर आप जो पेमेंट करते हैं, उसे बैंक अलग-अलग खर्च के हिस्सों में बांटकर एडजस्ट करता है. अब SBI Card ने इसके ऑर्डर में बदलाव किया है.

      अब पेमेंट इस क्रम में एडजस्ट होगा

      इसका मतलब यह है कि अगर आपने कैश निकाला है या कोई खरीदारी की है, तो बैंक पहले टैक्स, EMI और ब्याज वसूल करेगा. बाकी खर्च बाद में एडजस्ट होंगे.

      मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) की गणना में बदलाव

      अब SBI क्रेडिट कार्ड का न्यूनतम पेमेंट करने का तरीका भी बदल गया है.

        नए नियम के अनुसार MAD में शामिल होगा,

        इस बदलाव का मतलब है कि अगर आप हर महीने पूरा बिल नहीं भर पाते और केवल “Minimum Due” भरते हैं, तो अब आपको पहले से ज्यादा रकम भरनी पड़ सकती है.

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