अभी चूके तो नही मिलेगा इतना हाई रिटर्न! यही है FD में पैसे लॉक करने का सही समय

अगर आप एफडी में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो यह सबसे सही समय है, क्योंकि आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती की संभावना है...

FD में निवेश करने का सही तरीका Image Credit: Image by Freepik

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार दस बैठकों से अपनी बेंचमार्क ब्याज दरों को स्थिर रखा है. लेकिन अब दिसंबर में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई जा रही है. इसी वजह से विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें जल्द ही अपने पैसे को एफडी में लॉक कर लेना चाहिए.

एफडी में निवेश का सही मौका

जब भी RBI रेपो दर में कटौती करता है तो बैंक लोन और एफडी की ब्याज दरों को घटा देते हैं. इसका मतलब है कि मौजूदा उच्च दरों का फायदा उठाने का यह सबसे सही समय है. अगर आप अगले दो से तीन साल में बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं, तो अभी एफडी में निवेश करना फायदेमंद हो सकता है.

कम समय के लिए एफडी करने पर ब्याज दरें थोड़ी कम होती हैं, लेकिन अगर आप जल्दी मुनाफा पाना चाहते हैं, तो तीन साल की एफडी एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इससे आप कम समय में भी अच्छा रिटर्न पा सकते हैं और ब्याज दर घटने से पहले अपने पैसे को सुरक्षित रख सकते हैं.

प्राइवेट बैंक या सरकारी बैंक, कहां करें एफडी?

प्राइवेट बैंकों में आम तौर पर एफडी पर ब्याज दरें सरकारी बैंकों से ज्यादा होती हैं. उदाहरण के लिए, HDFC बैंक और ICICI बैंक तीन साल की एफडी पर सामान्य ग्राहकों को 7% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5% ब्याज दे रहे हैं. कोटक महिंद्रा बैंक भी इसी अवधि की एफडी पर सामान्य ग्राहकों को 7% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.6% की दर से ब्याज प्रदान करता है.

वहीं, सरकारी बैंकों की ब्याज दरें थोड़ी कम हैं. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) तीन साल की एफडी पर सामान्य ग्राहकों को 6.75% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.25% ब्याज दे रहा है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया भी तीन साल की एफडी पर क्रमश: 7% और 6.7% ब्याज दे रहे हैं.

पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए रखना जरूरी

हालांकि एफडी एक सुरक्षित निवेश विकल्प है लेकिन यह जरूरी है कि आप अपने निवेश पोर्टफोलियो का बड़ा हिस्सा सिर्फ एफडी में न लगाएं. एफडी से मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स भी लगता है और लंबे समय में यह मंहगाई के हिसाब से रिटर्न नहीं दे पाते. इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आपके पोर्टफोलियो में विविधता होनी चाहिए ताकि आपको बेहतर रिटर्न मिल सके.