टॉप अप होम लोन या पर्सनल लोन, जानें जरूरत के समय कौन है आपके लिए फायदेमंद, समझें पूरा कैलकुलेशन
टॉप-अप होम लोन, पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता और सुविधाजनक विकल्प है. इसमें कम ब्याज दर, लंबी अवधि और आसान प्रक्रिया जैसी खूबियां होती हैं. बैंक आपके पहले से मौजूद होम लोन के आधार पर यह लोन देते हैं. इसके लिए न्यूनतम दस्तावेज़ों की जरूरत होती है और लोन की राशि भी अधिक मिल सकती है. यदि आपके पास होम लोन है, तो पर्सनल लोन की बजाय टॉप-अप होम लोन बेहतर हो सकता है.

Top-up Home Loan: अगर आपके पास पहले से होम लोन है और आपको किसी जरूरी खर्च जैसे शादी, बच्चों की पढ़ाई या बिजनेस एक्सपेंशन के लिए पैसों की जरूरत है, तो पर्सनल लोन लेने से पहले टॉप-अप होम लोन के बारे में जरूर सोचिए. यह विकल्प न सिर्फ आसान है, बल्कि इसमें ब्याज दर भी कम होती है. कई बैंक और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां टॉप-अप होम लोन ऑफर करती हैं, जो पहले से लिए गए होम लोन पर अतिरिक्त फंड के रूप में दिया जाता है. जानिए टॉप-अप होम लोन कैसे काम करता है और यह पर्सनल लोन से बेहतर क्यों माना जाता है.
तुरंत मिल जाता है लोन
टॉप-अप होम लोन के लिए ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं होती क्योंकि बैंक के पास पहले से आपकी जानकारी और क्रेडिट हिस्ट्री मौजूद होती है. यही नहीं, कई बार बैंक खुद ही टॉप-अप लोन का ऑफर देते हैं जिससे पैसे मिलना और भी आसान हो जाता है. पर्सनल लोन के मुकाबले, इसमें आवेदन की प्रक्रिया तेज और सरल होती है.
कम इंटरेस्ट रेट पर ज्यादा अमाउंट
टॉप-अप होम लोन की ब्याज दर आमतौर पर होम लोन जितनी ही होती है, जो पर्सनल लोन से काफी कम होती है. उदाहरण के लिए, SBI में टॉप-अप होम लोन की दर 7.90 फीसदी से शुरू होती है जबकि पर्सनल लोन के लिए यह 10.30 फीसदी से शुरू होती है. इसके अलावा, टॉप-अप लोन की राशि मूल लोन के 100 फीसदी तक हो सकती है, जबकि पर्सनल लोन की राशि आपकी इनकम और क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है.
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EMI से मिलेगा राहत
पर्सनल लोन आमतौर पर 1 से 5 साल की अवधि के लिए होता है जबकि टॉप-अप होम लोन को 15 साल या रिटायरमेंट तक चुकाया जा सकता है. इससे आपकी EMI काफी कम हो जाती है और फाइनेंशियल बोझ नहीं बढ़ता. हालांकि, टॉप-अप लोन सभी को हर समय उपलब्ध नहीं होता, इसलिए अगर तत्काल फंड चाहिए तो पर्सनल लोन बेहतर हो सकता है.
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