UPI पेमेंट पर अब सरकार देगी डिस्काउंट! 100 रुपये पर बचेंगे इतने पैसे, यूज होगा ये फॉर्मूला
भारत सरकार UPI से पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक योजना पर काम कर रही है, जिसमें UPI से पेमेंट करने पर ग्राहकों को सीधे छूट मिल सकती है. इससे क्रेडिट कार्ड की तुलना में UPI से पेमेंट करना सस्ता हो सकता है... जानें कैसे...
UPI Vs Credit Card: आजकल लोग इतने तरह के क्रेडिट कार्ड रखते हैं ताकि उन्हें हर जगह किसी न किसी क्रेडिट कार्ड से डिस्काउंट मिले या कोई और फायदा हो जाए. लेकिन मान लीजिए अगर ये सारे फायदे आपको QR कोड स्कैन कर UPI से ही मिल जाए तो? दरअसल सरकार एक ऐसे प्लान पर काम कर रही है जिससे UPI से पेमेंट करना क्रेडिट कार्ड स्वाइप करने से सस्ता हो सकता है. चलिए जानते हैं कैसे?
क्या है सरकार का प्लान?
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार चाहती है कि UPI से पेमेंट करने के जो फायदे हैं जैसे कि उसमें कोई ट्रांजैक्शन फीस नहीं लगती, वो सीधे ग्राहकों को मिले. इसके लिए उपभोक्ता मंत्रालय एक प्लान बना रहा है जिसमें UPI इस्तेमाल करने वालों को छूट मिल सकती है.
दरअसल जब आप क्रेडिट कार्ड स्वाइप करते हैं, तो दुकानदार को 2-3 प्रतिशत की फीस (MDR) बैंक और पेमेंट गेटवे (जैसे Visa, MasterCard) को देनी पड़ती है. जैसे अगर आपने 100 रुपये का सामान कार्ड से खरीदा तो दुकानदार को सिर्फ 98 रुपये मिलते हैं, 2 रुपये फीस में कट जाते हैं.
लेकिन UPI में ऐसा कुछ नहीं है दुकानदार पूरे 100 रुपये अपने पास रखता है क्योंकि UPI में कोई MDR नहीं होता.
हो ये रहा है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आपके यूपीआई से पेमेंट करने पर भी बैंक मर्चेंट से MDR फीस वसूल रहा है जिसका फायदा ग्राहकों को नहीं मिल रहा है.
तो क्या बदलेगा?
अगर ये योजना लागू होती है तो UPI यूजर को सीधे 2 रुपये की छूट मिल सकती है. यानी वही सामान अगर कोई UPI से खरीदे तो उसे 98 रुपये देने होंगे, लेकिन अगर कोई क्रेडिट कार्ड से खरीदे तो 100 रुपये देने होंगे. इसका फायदा साफ है. लोग ज्यादा UPI का इस्तेमाल करेंगे.
इसके लिए सरकार, बैंकिंग सेक्टर, ई-कॉमर्स कंपनियां, उपभोक्ता समूह, NPCI और DFS मिलकर इस प्लान को आगे बढ़ाने की दिशा में बातचीत कर रहे हैं. जून में इसे लेकर एक बड़ी बैठक भी होगी. अगर ये योजना लागू होती है, तो ग्राहकों को सीधे UPI इस्तेमाल करने का फायदा मिलेगा, UPI को और बढ़ावा भी मिलेगा और भारत का डिजिटल पेमेंट सिस्टम वैश्विक स्तर पर और मजबूत होगा.
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लेकिन इसमें एक पेंच है
हां, दरअसल पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया चाहती हैं कि UPI और RuPay पर भी कुछ हद तक MDR लगे. उनका कहना है कि जीरो फीस की वजह से कंपनियां अपने सिस्टम में सुधार, साइबर सुरक्षा और नई तकनीक में निवेश नहीं कर पा रही हैं. उन्होंने सुझाव दिया है कि बड़े व्यापारियों पर 0.3% की MDR लागू किया जाना चाहिए.