क्या है रिवर्स EMI योजना, हर महीने इस नए तरीके से SIP कर पूरा कर सकते हैं विदेश घूमने का सपना
आज विदेशों में छुट्टी मनाने का चलन बढ़ गया है. हर कोई कम से कम एक बार तो विदेश घूमना चाहता है तो क्या ये सपना पूरा करने के लिए लोन लेना सही है या नहीं? आपको यहां इसके अलावा एक बेहतरीन तरीका बताएंगे जो है रिवर्स EMI. चलिए इसे डिटेल में समझते हैं.

ग्लोबलाइजेशन के साथ कई भारतीय लोगों की महत्वकांक्षाएं कई गुना बढ़ गई हैं. पहले हम सिर्फ विदेशों से आने वाले सामान से ही खुश हो जाया करते थे, लेकिन अब हम उन देशों की यात्रा करना चाहते हैं जहां से वो सामान आता है. जब मैं छोटा था, तब पास के किसी धार्मिक जगह पर जाना ही छुट्टी मानी जाती थी और हम उसी का बेसब्री से इंतजार करते थे. लेकिन मेरी बेटियों के लिए अब ऐसा नहीं है. अब भारतीय न सिर्फ देश के अंदर, बल्कि दुनिया के हर कोने में घूमने जाते हैं. हर यात्रा में हवाई किराया, होटल का खर्च और खरीदारी जैसी चीजें शामिल होती हैं, जो यात्रा का ही हिस्सा हैं. ये खर्च आप अपनी बचत से पूरा कर सकते हैं, लेकिन कुछ लोग इसके लिए लोन लेते हैं या फिर ट्रैवल ऑपरेटर द्वारा दी जाने वाली क्रेडिट सुविधा का उपयोग करते हैं, और फिर उसे EMI के रूप में चुकाते हैं. पर्सनल लोन बिना किसी गारंटी के दिया जाता है, इसलिए इसकी ब्याज दर 15% से 21% के बीच होती है. तो क्या आपको इतनी ऊंची ब्याज दर पर पर्सनल लोन लेकर यात्रा करनी चाहिए, या फिर ट्रैवल कंपनी की उस योजना का उपयोग करना चाहिए जिसमें ब्याज पहले से ही टूर की कीमत में जोड़ा गया होता है? आइए इस पर चर्चा करते हैं.
क्या आपको छुट्टियों के लिए लोन लेना चाहिए?
कोई भी लोन अच्छा है या बुरा, इसका दो स्तरों पर किया जा सकता है. पहले स्तर पर लोन को इनमें से किसी एक शर्त को पूरा करना चाहिए – या तो वह आपकी इनकम बढ़ाए (जैसे एजुकेशन लोन ऋण) या वह आपको कोई संपत्ति बनाने या आपकी मौजूदा संपत्ति का मूल्य बढ़ाने में मदद करे (जैसे होम लोन).
यदि लोन इस पहली कसौटी पर खरा उतरता है, तो उसे दूसरी कसौटी पर भी परखा जाना चाहिए और वो है उसकी जरूरत या क्या वो लोन लेने लायक है? लोन आपके जीवन स्तर, इनकम और उद्देश्य के अनुसार उपयुक्त होना चाहिए.
छुट्टियों का सही आनंद तभी आता है जब आप उसकी योजना पहले से बना लें और उसके लिए नियमित रूप से बचत करें. ऐसी छुट्टी का कोई मतलब नहीं जो बाद में आर्थिक तनाव पैदा करे. छुट्टी पर जाना और फिर वापस आकर अपने कंधों पर “विक्रम-बेताल” की तरह EMI का बोझ उठाना मेरी छुट्टियों की परिभाषा नहीं है. नीचे दी गई टेबल यह बताती है कि अगर आप 2.50 लाख रुपये का पर्सनल लोन 18% सालाना ब्याज दर पर लेते हैं, तो उसकी EMI क्या होगी.
लोन | ₹2,50,000 |
लोन अवधि | 5 वर्ष |
वार्षिक ब्याज दर | 18% |
मासिक किस्त (EMI) 60 महीने के लिए | 6,348.36 रुपये |
छुट्टियों के लिए रिवर्स EMI
पर्सनल लोन लेने की बजाय आप अपनी छुट्टियों की प्लानिंग पहले से बना सकते हैं और समझदारी से बचत एवं निवेश की योजना बना सकते हैं. जैसे घर खरीदने पर आप होम लोन लेकर EMI चुकाते हैं, वैसे ही आप भविष्य में 60 वर्ष की उम्र के बाद रिवर्स मॉर्गेज के तहत अपने घर को गिरवी रखकर बैंक से EMI के रूप में पैसे प्राप्त कर सकते हैं.
छुट्टियों के लिए आप पर्सनल लोन लेकर या ट्रैवल ऑपरेटर की EMI योजना लेकर पेमेंट कर सकते हैं. लेकिन इसकी बजाय मैं आपको सलाह दूंगा कि आप अपनी भविष्य की छुट्टियों की ईएमआई अभी से अदा करें. इस “एडवांस/रिवर्स ईएमआई” के तहत आप म्यूचुअल फंड में रिवर्स ईएमआई शुरू कर सकते हैं और जब छुट्टियों के लिए आवश्यक धनराशि जमा हो जाए, तब आप अपनी ड्रीम हॉलीडे को पूरा कर सकते हैं.
अंतर सिर्फ इतना है कि यह रिवर्स ईएमआई बैंक या ट्रैवल ऑपरेटर को नहीं, बल्कि म्यूचुअल फंड हाउस को दी जाती है. यह कोई पहेली नहीं है. यह उतना ही सीधा है जैसे एक और एक मिलकर दो बनते हैं. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
कैसे काम करता है रिवर्स EMI
रिवर्स ईएमआई योजना के अंतर्गत आप हर महीने एक निश्चित राशि म्यूचुअल फंड हाउस में निवेश करेंगे, जो वही राशि होगी जो आप पर्सनल लोन या ट्रैवल ऑपरेटर को ईएमआई के रूप में देते. इस प्रकार हर महीने किया गया यह निवेश एक बड़ी राशि में बदल जाएगा जो आपको अपनी ड्रीम हॉलीडे पर भेजने में मदद करेगा. रिवर्स ईएमआई असल में एक SIP (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) है जिसे आप इक्विटी या डेट फंड में लगाते हैं, यह आपकी जोखिम लेने की क्षमता और छुट्टियों की समयसीमा पर निर्भर करता है.
यदि आप जोखिम से बचना चाहते हैं, तो आप डेट फंड्स या इनकम फंड्स में निवेश कर सकते हैं. अगर आप जोखिम लेने में सक्षम हैं लेकिन आपकी छुट्टियां अगले तीन वर्षों में ही हैं, तो भी आपको डेट फंड्स में ही निवेश करना चाहिए.
क्योंकि इक्विटी में निवेश अस्थिर होता है और छोटी अवधि में नुकसान भी हो सकता है जिससे आपकी योजना समय पर पूरी नहीं हो पाएगी. अगर आप डेट या इनकम फंड्स में निवेश करते हैं तो आपको 8-9% तक का रिटर्न मिल सकता है. डेट फंड्स ने पिछले पांच वर्षों में औसतन 9% सालाना रिटर्न दिया है.
इनकम फंड्स में चूंकि 15% से 20% तक पैसा इक्विटी में होता है, इसलिए यह आपके निवेश की सुरक्षा भी करता है और रिटर्न भी बेहतर मिल सकता है. पिछले तीन वर्षों में इनकम फंड्स ने औसतन 10% सालाना रिटर्न दिया है. नीचे दी गई टेबल बताती है कि अगर आप 2.50 लाख की EMI जितना पैसा पांच वर्षों तक डेट फंड्स में निवेश करें, तो आप कितनी राशि जमा कर पाएंगे और उस समय छुट्टियों की लागत क्या होगी (8% महंगाई को ध्यान में रखते हुए):
छुट्टियों में खर्च होने वाला पैसा (₹ में) | 2,50,000 |
वार्षिक महंगाई दर | 8% |
समय अवधि (वर्षों में) | 5 |
5 वर्ष बाद छुट्टी पैकेज की लागत (₹ में) | 3,67,332 |
EMI/SIP (₹ में) | 6,348.36 |
डेट फंड पर अनुमानित वार्षिक रिटर्न | 9% |
जमा हुआ कोर्पस (₹ में) | 4,78,819.34 |
पांच वर्षों बाद लागत और निवेश के बीच अंतर | 1,11,487.32 |
अतिरिक्त जमा कॉर्पस (प्रतिशत में) | 30% |
हालांकि अगर आप अपनी छुट्टियों को तीन साल से अधिक और पांच साल तक स्थगित कर सकते हैं, तो आप म्यूचुअल फंड्स के इक्विटी हाइब्रिड योजनाओं में SIP शुरू कर सकते हैं, जिनका पिछले पांच वर्षों का वार्षिक रिटर्न औसतन 21% रहा है.
इक्विटी फंड में निवेश और 5 साल में छुट्टियों की लागत:
छुट्टी के पैकेज का खर्च | 2,50,000 रुपये |
सालाना महंगाई दर | 8% |
निवेश अवधि | 5 साल |
5 साल बाद छुट्टी पैकेज की अनुमानित कीमत | 3,67,332 रुपये |
SIP | 6,348 रुपये |
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में अनुमानित सालाना रिटर्न | 12% |
5 साल में जमा हुई कुल राशि | 5,18,468 रुपये |
छुट्टी की लागत और निवेश राशि का अंतर | 1,51,136 रुपये |
अतिरिक्त जमा राशि (प्रतिशत में) | 41% |
तो इस पूरी चर्चा और कैलकुलेशन से यह स्पष्ट हो जाता है कि छुट्टियों के लिए कर्ज लेने की बजाय उसे पहले प्लान बनाकर निवेश करना कहीं ज्यादा समझदारी भरा फैसला है. इससे न केवल आपकी छुट्टियां सुकूनभरी होंगी, बल्कि आपके पास ज्यादा पैसे होने की वजह से शायद वो लंबी भी हो पाएंगी.
लेखक एक टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं. यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं. आप उन्हें jainbalwant@gmail.com पर या ट्विटर हैंडल @jainbalwant पर संपर्क कर सकते हैं.
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