इन दो एक्सप्रेसवे पर बनेगा 12 e-way हब, 425 करोड़ से ज्यादा होगा खर्च; एयरपोर्ट जैसी मिलेंगी सुविधाएं

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 12 अत्याधुनिक ई-वे हब विकसित करने की योजना बनाई है. इन हब्स पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जैसे वातानुकूलित परिसर, सेंसर-आधारित नल, दिव्यांगों के लिए विशेष इंतजाम, और महिलाओं-बच्चों के लिए विशेष सुविधा शामिल है. इस परियोजना पर कुल 425 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे.

ई-वे हब यूपी Image Credit: Freepik.com

E-way Hub UP: उत्तर प्रदेश भारत के उन राज्यों में शामिल है, जहां एक्सप्रेसवे नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है. एक्सप्रेसवे निर्माण के साथ-साथ प्रदेश सरकार इन सड़कों पर बेहतर सुविधाओं के विकास पर भी विशेष ध्यान दे रही है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 12 अत्याधुनिक ई-वे हब विकसित करने की योजना तैयार की है. यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इन हब्स को यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है. आइए जानते हैं कि इस परियोजना पर कितना खर्च प्रस्तावित है और किस एक्सप्रेसवे पर कितने हब्स बनाए जाएंगे.

425 करोड़ रुपये से ज्यादा होगा खर्च

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आठ हब्स बनाए जाएंगे, जिनमें से चार प्रमुख हब्स की लागत 299.18 करोड़ रुपये होगी. वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चार हब्स के विकास पर 126.25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हाईवे के दोनों ओर हब्स स्थापित किए जाएंगे. सुल्तानपुर नोड के लिए 40.72 करोड़ रुपये और बांदा हब के लिए 30.82 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है.

मिलेगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं

UPEIDA द्वारा तैयार कार्ययोजना के अनुसार, ये ई-वे हब्स यात्रियों को एयरपोर्ट स्तर की आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेंगे. इन सभी हब्स में पूर्ण वातानुकूलित परिसर होंगे, जिसमें सेंसर-आधारित नल, साबुन डिस्पेंसर और एंटी-बैक्टीरियल सैनिटरीवेयर शामिल होंगे. महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और नर्सिंग रूम की सुविधा होगी. दिव्यांग यात्रियों के लिए व्हीलचेयर एक्सेस, होल्डिंग बार और एंटी-स्किड फ्लोरिंग की व्यवस्था होगी. बच्चों के लिए अलग शौचालय ब्लॉक और परिवारों के लिए विश्राम क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे.

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स्थानीय स्तर पर मिलेगा लाभ

UPEIDA के अनुसार, ये हब्स दोनों एक्सप्रेसवे पर सबसे बड़े यात्री सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेंगे. इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं तो मिलेंगी ही, साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. यह परियोजना राज्य सरकार की “Ease of Living” और “Infrastructure Development” की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित, सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करना है.