फिर टूट गया पाकिस्तान ! बलोच नेता ने बलूचिस्तान की आजादी का किया ऐलान
बलूच नेता मीर यार बलूच ने पाकिस्तान से आजादी की घोषणा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारत से समर्थन मांगा है. एक्स पर दिए बयान में उन्होंने बलूचों को "पाकिस्तानी" कहने से बचने की अपील की और POK पर भारत के रुख का समर्थन किया.

Balochistan Independence: पाकिस्तान भी भारत के साथ ही 1947 में आजाद हुआ था. आजादी के बाद वह दो हिस्सों में बंट गया और 1971 में बांग्लादेश का निर्माण हुआ. हालांकि बांग्लादेश के अलग होने के बाद भी पाकिस्तान की समस्याएं कम नहीं हुईं. देश के कई हिस्सों से अलगाव की मांगें उठती रहीं. इनमें सबसे मुखर आवाज बलूचिस्तान से आई, जहां लंबे समय से पाकिस्तान से अलग होने की मांग की जाती रही है. पाकिस्तान ने बलूचिस्तान की आवाज को कई बार क्रूरता से दबाया है और कई बलूच नेताओं की हत्याएं भी की गई हैं. अब इस संघर्ष में बड़ा मोड़ आया है और पाकिस्तान के दोबारा टूटने की संभावनाएं मजबूत हो गई हैं.
पाकिस्तान से आजादी की घोषणा
बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच ने बुधवार को क्षेत्र में दशकों से जारी हिंसा, जबरन गुमशुदगियों और मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए पाकिस्तान से आजादी की घोषणा की है. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान के लोगों ने अपना राष्ट्रीय निर्णय ले लिया है और अब दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए.
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भारत से किया विशेष आग्रह
बलूच नेता ने भारतीय नागरिकों, विशेषकर मीडिया, यूट्यूबर्स और बुद्धिजीवियों से आग्रह किया है कि वे बलूचों को “पाकिस्तान के अपने लोग” कहना बंद करें. उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रिय भारतीयों, देशभक्त मीडिया, यूट्यूब के साथियों, और भारत की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध बुद्धिजीवियों से निवेदन है कि वे बलूचों को पाकिस्तान के अपने लोग न कहें. हम पाकिस्तानी नहीं हैं, हम बलूचिस्तानी हैं. पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं, जिन्होंने कभी हवाई बमबारी, जबरन गुमशुदगियों और नरसंहार का सामना नहीं किया.
मान्यता देने की अपील
मीर यार बलूच ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoK) को लेकर भारत के रुख का पूर्ण समर्थन किया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर इस क्षेत्र को खाली करने का दबाव बनाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि 14 मई 2025 को भारत द्वारा पाकिस्तान से पीओके खाली करने की मांग का मैं पूरा समर्थन करता हूं.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए ताकि वह पीओके को तुरंत खाली करे, जिससे उसे एक और आत्मसमर्पण जैसा कि ढाका में 93,000 सैनिकों ने किया था का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही उन्होंने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को वैश्विक मान्यता दिलवाने के लिए भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अपील भी की है.
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