दिल्ली से मुंबई तक इन शहरों की सड़कों पर नहीं दिखेंगी पुरानी गाड़ियां, जानें आपके शहर का क्या है नियम
देश के कई शहरों में पुरानी गाड़ियों को लेकर सरकार ने पहले से मौजूद नियमों में बदलाव किए हैं. दिल्ली में 1 जुलाई से 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं दिया जा रहा है. बैंगलोर, मुंबई, कोलकाता, सूरत, पुणे और अहमदाबाद में भी पुरानी वाहनों के लिए नए नियम लागू किए जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि क्या आपके शहर में भी पुराने वाहनों को लेकर नियम में बदलाव हो रहे हैं.

दिल्ली समेत भारत के कई शहरों में पुरानी गाड़ियों के लिए सरकार सख्त नीति अपना रही है. राष्ट्रीय राजधानी में 1 जुलाई से पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल–डीजल नहीं मिलेगा. कहीं वायु प्रदूषण की चिंता है, तो कहीं राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप नीति (National Vehicle Scrappage Policy) का पालन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है. आइए जानते हैं उन टॉप 10 शहरों के बारे में जहां पुरानी गाड़ियों को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है.
दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को नहीं मिलेगा इंधन
1 जुलाई से राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर चलने वाली पुरानी गाड़ियों को लेकर सरकार ने सख्त निर्णय लिया है. 10 साल से पुरानी डीज़ल गाड़ियों और 15 साल से पुरानी पेट्रोल वाहनों को ईंधन प्रदान नहीं किया जाएगा. इस व्यवस्था के तहत दिल्ली के सभी लगभग 500–520 पेट्रोल एवं डीज़ल स्टेशनों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगाए जा रहे हैं. ये कैमरे स्वचालित रूप से पेट्रोल पंप पर प्रवेश करने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर को कैप्चर करेंगे और उसकी जांच करेंगे.
मुंबई में फिटनेस टेस्ट जरूरी
मुंबई में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप पॉलिसी लागू है. इसके तहत 15 साल से अधिक पुरानी निजी वाहनों और 10 साल से अधिक पुरानी डीज़ल गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य है. अगर वाहन फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाता है, तो उसे स्क्रैप करना पड़ता है.
जयपुर में कमर्शियल गाड़ियों पर कार्रवाई
जयपुर में कमर्शियल डीजल वाहनों की उम्र सीमा 15 साल है. इससे ज्यादा पुरानी गाड़ियों को चलाने की अनुमति नहीं है. 15 साल से पुरानी प्राइवेट गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट कराना पड़ता है. निजी वाहनों के लिए नेशनल व्हीकल पॉलिसी लागू है.
पुणे में होता है री-रजिस्ट्रेशन
पुणे में 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट, री-रजिस्ट्रेशन और पर्यावरण टैक्स देना पड़ता है. इन टेस्ट के बाद ही पुरानी गाड़ियां चल सकती है.
सूरत
सूरत में भी नेशनल व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लागू है. 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना जरूरी है. अगर गाड़ी टेस्ट में फेल हो जाती है, तो उसे सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी.
अहमदाबाद में है नेशनल व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी
अहमदाबाद में गाड़ियों को लेकर कोई उम्र सीमा नहीं है. यहां नेशनल व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी के तहत काम होता है. 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना पड़ता है. गाड़ियों को RTO के नियमों का पालन करना होता है.
हैदराबाद
हैदराबाद में 1 जुलाई से नया नियम लागू हो रहा है. इसके तहत 15 साल से पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना अनिवार्य है. अगर गाड़ी टेस्ट में फेल हो जाती है तो उसे स्क्रैप किया जाएगा. सरकारी वाहनों के लिए नियम और भी सख्त है. सरकारी वाहन जैसी भी 15 से अधिक उम्र की गाड़ियों को सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं है.
बैंगलोर में लगता है ग्रीन टैक्स
बैंगलोर में भी पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना अनिवार्य है. साथ ही सरकार ने पुरानी गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स भी लगाया है. अगर आपकी गाड़ी 15 साल से अधिक पुरानी है तो आपको ये टैक्स देना होगा. लेकिन अगर गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाती है, तो गाड़ी को स्क्रैप करना होगा.
कोलकाता और चेन्नई को नए नियम का इंतजार
कोलकाता-हावड़ा में गाड़ियों की उम्र को लेकर नियम प्रस्तावित हैं. निजी वाहनों के लिए 20 साल की उम्र सीमा का प्रस्ताव NGT के सामने रखा गया है. मौजूदा वक्त में कोलकाता में 15 साल से पुरानी गाड़ियों पर पाबंदी है. चेन्नई में भी कोई खास शहर-विशिष्ट नियम नहीं है. राष्ट्रीय नीति के तहत 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट पास करना पड़ता है. अगर गाड़ी टेस्ट में पास नहीं होती, तो उसे स्क्रैप करना होगा.
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