जल्द होगा आम्रपाली केस का ‘फुल एंड फाइनल’? सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता मुकदमा

Amrapali Group की अटकी परियोजनाओं के मामले में Supreme Court ने शुक्रवार को कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले को अनिश्चितकाल तक नहीं चलाया जा सकता है. इसके साथ ही अदालत ने इस मामले में कंप्लासंस रिपोर्ट मांगते हुए कहा उम्मीद है अदालत के निर्देशों का पालन किया गया है.

ग्रेटर नोएडा स्थिति आम्रपाली ग्रुप की सेंचुरियन पार्क ग्रुप हाउसिंग सोसायटी का मेन गेट Image Credit: money9live

Supreme Court में शुक्रवार 7 मार्च, 2025 को Amrapali Group की नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अटकी परियोजानाओं के मामले की सुनवाई की. जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि अदालत 2017 से इस लंबित की कार्यवाही को समाप्त करने की उम्मीद कर रही है. इस मामले को अनिश्चितकाल तक नहीं चलाया जा सकता है. इसके साथ ही कंप्लायंस रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि उम्मीद है इस मामले मेंअदालत की तरफ से दिए गए आदेश व निर्देशों का पर्याप्त अनुपालन किया गया होगा. वहीं, इस मामले में कोर्ट रिसीवर वेंकटरमणी ने अदालत को फ्लैटों के पंजीकरण के समय आने वाली बाधाओं के बारे में बताया. इस मामले पर पीठ ने कहा कि वह 26 मार्च को सुनवाई के दौरान इस संबंध में विस्तृत आदेश पारित करेगी.

कोर्ट रिसीवर ने सौंपी स्टेटस रिपोर्ट

पीठ ने इस मामले में नियुक्त किए गए कोर्ट रिसीवर की तरफ से दाखिल स्टेटस रिपोर्ट पर घर खरीदारों और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का भी रुख जानना चाहा है. स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने रियल्टी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी की रुकी हुई आवासीय परियोजना में करीब 25,000 फ्लैटों का निर्माण पूरा कर लिया है.

घर खरीदारों से एक सप्ताह में मांगा जवाब

आम्रपाली समूह की विभिन्न परियोजनाओं में 45 हजार से ज्यादा घर खरीदारों का पैसा अटका था. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अपने हाथ में लेते हुए अधूरे प्रोजेक्ट को बनाने के लिए NBCC को निर्देश दिया और कामकाज की निगरानी के लिए मौजूदा अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी को कोर्ट रिसीवर नियुक्त किया था. पीठ ने शुक्रवार को घर खरीदारों की तरफ से पेश वकील एमएल लाहोटी से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और एनबीसीसी की तरफ से दायर स्थिति रिपोर्ट पर एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने वेंकटरमणी और एनबीसीसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे को घर खरीदारों और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जवाब पर अपना जवाब दाखिल करने की अनुमति भी दी है.

घर खरीदारों ने क्या कहा?

घर खरीदारों के वकील लाहोटी ने बताया कि शीर्ष अदालत ने पूर्ववर्ती आम्रपाली समूह के पदाधिकारियों, जिसमें इसके सीएमडी अनिल शर्मा और अन्य निदेशक शामिल हैं, उनकके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की थी, क्योंकि इन पर घर खरीदारों के लगभग 3000-4000 करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है और पैसा वापस करने के निर्देश का पालन नहीं किया गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोर्ट रिसीवर की स्टेटस रिपोर्ट में रिफंड की व्यवस्था पर कुछ नहीं कहा गया है, जबकि अदालत के 2019 के निर्देश में इसके बारे में कहा गया था. इसके साथ ही लाहोटी ने कहा कि वेंकटरमणी ने मोटे तौर पर अदालत के फैसले का अनुपालन किया है.

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