₹639 करोड़ में घर खरीदने वाली लीना तिवारी अकेली नहीं, अरबपतियों में क्यों छिड़ी है हाई-एंड प्रॉपर्टी खरीदने की होड़?
मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम में रियल एस्टेट की कुछ ऐसी डील्स हो रही हैं जिनकी कीमतों ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ये केवल घर नहीं, बल्कि निवेश के रणनीतिक विकल्प बनते जा रहे हैं. आखिर कौन खरीद रहा है इतनी महंगी प्रॉपर्टी और क्यों? जानिए पूरी कहानी.
मुंबई के वर्ली इलाके में दो समंदर किनारे डुप्लेक्स फ्लैट्स की 639 करोड़ रुपये की खरीद-फरोख्त हाल ही में सुर्खियों में रही. यह सौदा यूएसवी लिमिटेड की चेयरपर्सन लीना गांधी तिवारी ने किया. यह न सिर्फ देश की सबसे बड़ी रिहायशी रियल एस्टेट डील्स में से एक है, बल्कि देश में लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट की बदलती दिशा की भी झलक देती है. बीते कुछ वर्षों में देश के अमीर तबके द्वारा प्रीमियम लोकेशनों में रियल एस्टेट निवेश में तेजी आई है, जो अब निवेश के एक गंभीर विकल्प के रूप में उभर रहा है.
अरबपति क्यों खरीद रहे हैं इतने महंगे घर?
इस ट्रेंड के पीछे कई कारण हैं. एक ओर जहां शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव का जोखिम बना रहता है, वहीं विदेशों की रियल एस्टेट मार्केट भी ठंडी पड़ी है. इसके विपरीत भारत के प्रमुख शहरों में लग्जरी संपत्तियों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जबकि सप्लाई बेहद सीमित है. यही वजह है कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और गुरुग्राम जैसे इलाकों में रियल एस्टेट की कीमतें नए रिकॉर्ड बना रही हैं.
Knight Frank की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2025 की पहली तिमाही में प्राइम रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज की कीमतों में वैश्विक स्तर पर टॉप 15 शहरों में भारत के तीन शहर शामिल रहे. बेंगलुरु चौथे, मुंबई पांचवें और दिल्ली पंद्रहवें स्थान पर रहा. इससे यह साफ है कि भारत अब लग्जरी रियल एस्टेट के वैश्विक नक्शे पर मजबूती से उभर रहा है.
बड़े सौदे, बड़ी रणनीतियां
बीते कुछ वर्षों में हुए कई हाई-वैल्यू सौदों को देखें तो यह समझ आता है कि यह खरीददारी केवल रहने के लिए नहीं, बल्कि दीर्घकालिक निवेश रणनीति का हिस्सा भी है. उदाहरण के लिए, कोटक परिवार ने वर्ली में एक पूरी समुद्र-सामने की बिल्डिंग में लगभग 21 फ्लैट्स का अधिग्रहण 628 करोड़ रुपये में किया. जानकारों के मुताबिक यह सौदा भविष्य में पुनर्विकास (redevelopment) के उद्देश्य से किया गया है.
इसी तरह डीमार्ट के संस्थापक राधाकिशन दमानी ने मालाबार हिल में 1,000 करोड़ रुपये में हेरिटेज बंगला खरीदा, जो 1.5 एकड़ में फैला हुआ है. गुरुग्राम के DLF Camellias में प्रति वर्ग फुट दर 1.17 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है.
क्रम संख्या | खरीदार का नाम | स्थान | डील वैल्यू (₹ करोड़) | प्रमुख विशेषताएं |
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1 | राधाकिशन दमानी (अनुमानित) | मालाबार हिल, मुंबई | 1,000 | विरासत बंगला; 1.5 एकड़ भूमि; पुनर्विकास की संभावना |
2 | लीना गांधी तिवारी | वर्ली, मुंबई | 639 | दो डुप्लेक्स; ₹2.83 लाख प्रति वर्ग फुट; कुल कारपेट एरिया 22,572 वर्ग फुट |
3 | उदय कोटक परिवार | वर्ली सी फेस, मुंबई | 628 (426 + 202) | 24 में से 21 फ्लैट्स का अधिग्रहण; संभावित पुनर्विकास |
4 | कुमार मंगलम बिड़ला | मालाबार हिल, मुंबई | 425 | जतिया हाउस; 25,000 वर्ग फुट का बंगला |
5 | जे. पी. तापड़िया परिवार | थ्री सिक्स्टी वेस्ट, वर्ली, मुंबई | 369 | 6 अपार्टमेंट्स; प्रत्येक 5,000 वर्ग फुट |
6 | ऋषि पार्टी एवं अन्य | डीएलएफ कैमेलियाज, गुरुग्राम | 285 (190 + 95) | पेंटहाउस व अपार्टमेंट; ₹1.17 लाख प्रति वर्ग फुट |
7 | नादिर गोदरेज | मालाबार हिल, मुंबई | 180 | रूपारेल हाउस में 3 अपार्टमेंट्स |
8 | वसुधा रोहतगी | गोल्फ लिंक्स, दिल्ली | 160 | 2,160 वर्ग गज का बंगला |
9 | भावना चोपड़ा | गोल्फ लिंक्स, दिल्ली | 127.5 | 11,000 वर्ग फुट का बंगला |
10 | गौरव त्रेहान | मालाबार हिल, मुंबई | 88 | 5,381 वर्ग फुट फ्लैट; निजी डेक के साथ |
यह सभी ट्रेंड इस बात की ओर इशारा करते हैं कि रियल एस्टेट अब केवल रहने का माध्यम नहीं रहा, बल्कि पूंजी का एक मजबूत विकल्प बन चुका ह. कई अमीर निवेशक अब स्टार्टअप या इक्विटी की बजाय स्थिर और दीर्घकालिक रिटर्न देने वाली संपत्तियों की ओर झुक रहे हैं.
इनमें से कई डील्स सार्वजनिक नहीं होतीं क्योंकि गोपनीयता शर्तें लागू होती हैं. लेकिन उपलब्ध आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि भारत का रियल एस्टेट बाजार, खासकर लग्जरी सेगमेंट, अभी अपने चरम की ओर बढ़ रहा है.
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लग्जरी मार्केट के आंकड़े
Knight Frank Wealth Report 2024 के अनुसार, भारत में अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (UHNWIs) की संख्या 2023 में 6% बढ़कर 85,698 हो गई. यह संख्या 2028 तक 93,753 तक पहुंचने का अनुमान है. इन लोगों के निवेश पोर्टफोलियो में रिहायशी रियल एस्टेट की हिस्सेदारी 2020 के 25% से बढ़कर अब 32% हो गई है.
CBRE की एक और रिपोर्ट बताती है कि 2025 की पहली तिमाही में भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में इक्विटी निवेश $3 बिलियन तक पहुंच गया, जो पिछले साल के मुकाबले 74% ज्यादा है. लग्जरी हाउसिंग सेगमेंट की बिक्री में 28% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें दिल्ली-एनसीआर सबसे आगे रहा.