गिरते बाजार में सीना तान खड़े रहे अडानी ग्रुप के ये शेयर, सितंबर में हिट किए हाई लेवल; टॉप परफॉर्मर रही यह कंपनी

Adani Group Share: पॉजिटिव घटनाक्रमों की एक सीरीज ने बाजार के सेंटीमेंट को बेहतर बनाया और समूह के कई शेयरों को कई महीनों के हाई लेवल पर पहुंचाया. सेबी द्वारा हिंडनबर्ग मामले में समूह को क्लीन चिट दिए जाने के बाद समूह में निवेशकों का विश्वास बढ़ा.

अडानी ग्रुप के शेयरों में दिखी तेजी. Image Credit: Getty image

Adani Group Share: सितंबर में शेयरों में व्यापक उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन अडानी समूह के अधिकांश शेयरों में डबल डिजिट में बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह समूह के लिए हाल के महीनों का सबसे अच्छा महीना बन गया. पॉजिटिव घटनाक्रमों की एक सीरीज ने बाजार के सेंटीमेंट को बेहतर बनाया और समूह के कई शेयरों को कई महीनों के हाई लेवल पर पहुंचाया. सेबी द्वारा हिंडनबर्ग मामले में समूह को क्लीन चिट दिए जाने के बाद समूह में निवेशकों का विश्वास बढ़ा, जिससे अडानी के शेयरों को उस दौर में टॉप परफॉर्मर वाले शेयरों के रूप में उभरने में मदद मिली, जो काफी अस्थिरता की चपेट में था.

अडानी पावर

अडानी पावर समूह की कंपनियों में टॉप परफॉर्मर के रूप में उभरी, जो 20.41 फीसदी बढ़कर 3 महीने के हाई स्तर पर पहुंच गई, जो मई 2024 के बाद से इसका सबसे बड़ा मंथली गेन है. यह स्टॉक 22 सितंबर से 1:5 रेश्यो में एक्स-स्प्लिट आधार पर कारोबार कर रहा है.

अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस

अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 14.15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी में 12.14 फीसदी और अडानी एंटरप्राइजेज में 11.6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. नियामकीय प्रोत्साहन के अलावा, पॉजिटिव ब्रोकरेज अपडेट ने भी तेजी को सहारा दिया. मॉर्गन स्टेनली ने अडानी पावर पर ‘ओवरवेट’ रेटिंग के साथ कवरेज शुरू किया.

अडानी एंटरप्राइजेज

जेफरीज ने अडानी एंटरप्राइजेज पर ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है और इसके टारगेट प्राइस को बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया है. साथ ही, अडानी ग्रीन पर भी अपनी ‘बाय’ रेटिंग दोहराई है और टारगेट प्राइस 1,300 रुपये प्रति शेयर रखा है. तेजी का यह लैंडस्केप केवल रिटेल निवेशकों, बल्कि वैश्विक संस्थागत स्टेकहोल्डर्स के बीच भी व्यापक विश्वास की वापसी को दर्शाता है, जिनमें से कई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से सतर्क बने हुए थे.

सेबी से मिली क्लीन चीट

21 सितंबर को सेबी ने अडानी समूह को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जनवरी 2023 में पहली बार उठाए गए बाजार हेरफेर के दावों से जुड़े आरोपों से मुक्त कर दिया. बाजार नियामक ने कहा कि वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि संबंधित पक्ष लेनदेन से संबंधित धोखाधड़ी के आरोप ‘सिद्ध नहीं हुए’. शॉर्ट-सेलर ने आरोप लगाया था कि अडानी की कई संस्थाओं में फंड का अनुचित तरीके से निवेश किया गया था.

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से समूह ने ऑपरेशनल स्तर पर, भले ही मार्केट कैप में पूरी तरह से न सही, लेकिन वापसी की है. अडानी ने दो वर्षों में पोर्टफोलियो EBITDA में 57 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो 89,806 करोड़ रुपये (10.8 अरब अमेरिकी डॉलर) हो गया और ग्रॉस ब्लॉक एसेट्स में 48 फीसदी की वृद्धि हुई, जो 6.1 लाख करोड़ रुपये हो गई.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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