सरकार FY27 में RRB को शेयर बाजार में उतारने की तैयारी में, दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक होंगे लिस्टिंग के पहले दावेदार

ग्रामीण बैंकिंग ढांचे में जल्द एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. सरकार ने संकेत दिया है कि अगले दो वर्षों में कुछ चुनिंदा RRB पूंजी बाजार में एंट्री करेंगे. इससे न सिर्फ उनकी काम पर असर पड़ेगा, बल्कि ग्रामीण क्रेडिट व्यवस्था की दिशा भी बदल सकती है.

RRB listing Image Credit: Money9 Live

FY27 RRB market debut: भारत में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) की लिस्टिंग को लेकर चर्चाएं तेज हैं. क्योंकि सरकार ने उनके वित्तीय प्रदर्शन और ढांचे पर सकारात्मक संकेत दिए हैं. ग्रामीण वित्त व्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले ये बैंक हाल के वर्षों में मजबूत पूंजी आधार और स्थिर मुनाफे के कारण ध्यान में आए हैं. हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 में उनके समग्र लाभ में मामूली गिरावट दर्ज हुई, जिसके पीछे पेंशन और वेतन संबंधी देनदारियां मुख्य कारण रहीं.

लिस्टिंग के लिए तय मानदंड

सेबी के 2002 के दिशानिर्देश के अनुसार, किसी आरआरबी को शेयर बाजार में उतरने के लिए मजबूत वित्तीय आधार दिखाना होगा. इसमें लगातार तीन वर्षों में कम से कम 300 करोड़ रुपये की नेटवर्थ, पिछले पांच वर्षों में से कम-से-कम तीन वर्षों में 15 करोड़ रुपये का प्री-टैक्स ऑपरेटिंग प्रॉफिट और उन्हीं पांच वर्षों में से तीन वर्षों में 10% का रिटर्न ऑन इक्विटी हासिल करना शामिल है.

इक्विटी बाजार में लिस्टिंग योजना को लेकर ईटी ने अपने सरकारी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया कि FY27 के पहले हिस्से में कम से कम दो RRBs को लिस्ट कराने पर विचार किया जा रहा है, इसमें उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक शामिल हो सकता है.

शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर में सरकार की प्रमुख भूमिका

वर्तमान ढांचे में RRB में 50% हिस्सेदारी केंद्र सरकार की होती है, 15% राज्यों की और 35% स्पॉन्सर बैंकों की. यानी इनके निर्णय और कैपिटल स्ट्रक्चर में सरकार और बैंकों की सीधी भूमिका बनी रहती है.

वित्त मंत्रालय कई बार यह संकेत दे चुका है कि RBI के विलय से उनका पूंजी आधार मजबूत हुआ है और संस्थागत स्थिरता भी बढ़ी है. हालांकि FY25 में सामूहिक रूप से आरआरबी का लाभ घटकर ₹6,825 करोड़ रह गया, जबकि FY24 में यह ₹7,571 करोड़ था.

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लोकसभा में 1 दिसंबर को राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि यह गिरावट मुख्य रूप से पिछली तारीख से लागू की गई पेंशन योजना (1 नवंबर 1993 से प्रभावी) और कंप्यूटर इन्क्रीमेंट देयताओं के भुगतान से जुड़ी है.

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