Aakash ने Byju को ₹25 करोड़ के शेयर अलॉटमेंट पर लगाई रोक, FEMA उलंघन का मामला

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज़ लिमिटेड (AESL) के 100 करोड़ रुपये के राइट इश्यू पर नया विवाद खड़ा हो गया है. कंपनी ने जहां मणिपाल ग्रुप और Beeaar Investco को शेयर आवंटित किए, वहीं Byju की कंपनी Think & Learn Pvt Ltd (TLPL) की 25 करोड़ की बोली विदेशी निवेश नियमों के शक के चलते रोक दी गई है. मामला अब NCLT की निगरानी में है.

AESL right issue Image Credit: @AI/Money9live

कोचिंग संस्थान आकाश ने हाल ही में 100 करोड़ रुपये का राइट इश्यू जारी किया है. Aakash Educational Services Limited (AESL) ने Manipal Group को 58 करोड़ रुपये के शेयर और Beeaar Investco को 16 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किए हैं. इन दोनों कंपनियों का पहले से भी AESL में हिस्सेदारी थी, लेकिन आकाश ने Think & Learn Pvt Ltd (TLPL) ओर से लगाई गई 25 करोड़ रुपये की बोली पर रोक लगा दी है. आकाश की पैरेंट कंपनी Byju पर आरोप है कि जो 25 करोड़ रुपये उसने आकाश के शेयर खरीदने के लिए दिए हैं वे Foreign Exchange Management Act (FEMA), Companies Act, 2013 और एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग (ECB) के नियमों का पालन नहीं करता है. साथ ही आकाश 140 करोड़ रुपये का राइट इश्यू जारी करने की योजना बना रही है.

TLPL पर सीनियर लीगल सवाल

TLPL दिवाला प्रक्रिया में है और उसका रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल पहले भी इस राइट्स इश्यू को कोर्ट में रद्द कराने की कोशिश कर चुका है. TLPL के 25 करोड़ रुपये के पैसों पर सवाल उठते हुए कहा गया है कि ये पैसे 100 करोड़ के डिबेंचर जारी करके जुटाए गए है, जो विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन हो सकता है. यह मामला नीलामी कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), बंगलौर की निगरानी में है.

यह भी पढ़ें: 20% भागा इस फार्मा कंपनी का शेयर, विदेश में तेजी से कर रही है विस्तार; बोर्ड मीटिंग में होने वाला है बड़ा फैसला

AESL के क्या हैं आरोप?

BS की एक रिपोर्ट के अनुसार, AESL के कानूनी प्रमुख संजय गर्ग ने कहा कि TLPL से जो पैसा आया है वह कर्ज या डिबेंचर की तरह है और उसे शेयर खरीदने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता. अगर जांच हुई तो AESL पर कर्ज के पैसों को शेयर में निवेश करने की अनुमति देने का आरोप लग सकता है.

बोर्ड ने शेयर आवंटन टाला

सभी कानूनी राय के बाद AESL के बोर्ड ने TLPL को शेयर आवंटन को तब तक टाल दिया जब तक NCLT बंगलौर में मामले का फैसला नहीं हो जाता. TLPL के जमा 25 करोड़ रुपये एक अलग ब्याज देने वाले खाते में रखे जाएंगे. AESL ने बताया कि कंपनी जल्द ही 140 करोड़ रुपये का एक और राइट्स इश्यू शुरू कर सकती है.