2030 तक ₹5162 अरब का होगा भारत का Cloudtech मार्केट, TCS-Infosys-Wipro की मजबूत पकड़, शेयरों में सुस्ती

क्लाउड कंप्यूटिंग की तेजी से बढ़ती मांग ने भारत सहित दुनियाभर के आईटी सेक्टर को नई दिशा दी है. 2025 से 2034 के बीच वैश्विक क्लाउड मार्केट तेजी से कई गुना बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें भारतीय कंपनियां भी मजबूत पकड़ बना रही हैं. TCS, Infosys और Wipro इस उभरते बाजार में सबसे आगे हैं.

Cloud Tech Stocks Image Credit: @AI/Money9live

CloudTech Stocks: अब कंपनियां अपने कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और डाटा को खुद के बड़े-बड़े सर्वर में नहीं रखतीं. इसे स्टोर करने के लिए क्लाउड कंप्यूटिंग यानी क्लाउज टेक का इस्तेमाल करती है. भारत में भी हर सेक्टर की कंपनियां अब क्लाउड टेक की तरफ बढ़ रही हैं. ऐसा अनुमान है कि दुनिया का क्लाउड कंप्यूटिंग मार्केट 2025 में 912 अरब डॉलर का है जो 2034 तक 5150 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. भारत का क्लाउड मार्केट 2025 में 17 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 58 अरब डॉलर (₹5162 अरब) हो जाएगा. इस बढ़ते बाजार में भारतीय कंपनियां बड़ा फायदा उठा रही हैं. इनमें टॉप 3 कंपनियों में TCS, Infosys और Wipro शामिल है.

Tata Consultancy Services

सबसे पहली कंपनी है टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS. TCS टाटा ग्रुप की कंपनी है और एशिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. TCS बैंकिंग, इंश्योरेंस, हेल्थकेयर, एजुकेशन जैसे कई सेक्टर में सर्विस देती है. अब TCS ने भारत और कुछ देशों के लिए अपना सोवरेन क्लाउड शुरू किया है. कंपनी 7 अरब डॉलर निवेश करके 1 गीगावॉट की बड़ी डेटा सेंटर क्षमता बनाएगी. इसी से उसका सोवरेन क्लाउड कारोबार और बड़ा होगा.

इसके शेयर शुक्रवार को 3138.50 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं. हालांकि बिजनेस बढ़ने के बाद भी निवेशकों को इसका मुनाफा होते हुए नहीं दिख रहा है. पिछले 6 महीने में टीसीएस के शेयर 11 फीसदी गिरे हैं, वहीं बीते 1 साल में 27 फीसदी और 3 साल में 7 फीसदी टूटे हैं. पिछले पांच साल में निवेशकों को मात्र 17 फीसदी मुनाफा हुआ है.

Infosys

दूसरे नंबर पर है इंफोसिस. TCS के बाद भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ही है. कंपनी की 57 फीसदी कमाई डिजिटल सर्विस से आती है. इंफोसिस अब तीन सबसे जरूरी कामों में बहुत आगे निकल चुकी है. पहला क्लाउड यानी कंपनियों का सारा डेटा और सॉफ्टवेयर इंटरनेट पर सुरक्षित स्टोर रखना. दूसरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मतलब मशीनों को इंसान जैसा दिमाग देना, जैसे खुद ग्राहकों से बात करने वाला चैटबॉट या धोखाधड़ी पकड़ने वाला सिस्टम तैयार करना और तीसरा डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन यानी पुराना कागजी और हाथ से होने वाला काम छोड़कर सब कुछ मोबाइल, ऐप और कंप्यूटर से करना.

शुक्रवार को बाजार खुलने के बाद इंफोसिस के शेयर में मामूली गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट के बाद कंपनी के शेयर 1562.40 रुपये पर कारोबार रही है. क्लाउड कंप्यूटिंग कारोबार बढ़ने के बाद भी इसके निवेशक को कुछ खास लाभ होते हुए नहीं दिख रहा है. पिछले 6 महीने में यह 17.80 रुपये घटा है, वहीं एक साल में यह 18 फीसदी से अधिक टूटा, एक साल में यह 4 फीसदी से अधिक लुढ़का है. पांच साल में निवेशकों को केवल 41 फीसदी का रिटर्न मिला है.

Wipro

विप्रो भारत की चौथी सबसे बड़ी और दुनिया की बड़ी आईटी-सर्विस कंपनी है. यह बैंकिंग, एनर्जी, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर, कंज्यूमर और टेक्नोलॉजी जैसे कई क्षेत्रों में काम करती है. विप्रो ने AI-फर्स्ट नीति अपनाई है यानी हर काम में पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना. क्लाउड के लिए विप्रो ने AWS, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल जैसे बड़े क्लाउड कंपनियों के साथ मजबूत पार्टनरशिप की है.

विप्रो 250 रुपेय पर कारोबार कर रही है. बीते 6 महीने में इसके शेयर में भी सुस्ती ही दिखी है. एक साल में यह 14 फीसदी से अधिक टूटा है. वहीं तीन साल में शेयर केवल 24 फीसदी चढ़ें हैं. पांच साल में इसमें 42 फीसदी की तेजी आई है.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.

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