एक और हिंडनबर्ग… इस बार Vedanta बना निशाना, शेयर 6.2 फीसदी तक टूटे; जानें Viceroy ने क्या कहा
Vedanta Resources पर अमेरिकी रिसर्च फर्म Viceroy Research ने गंभीर आरोप लगाए हैं. फर्म ने कहा है कि वह Vedanta Resources के कर्ज पर शॉर्ट पोजीशन ले रही है क्योंकि कंपनी का वित्तीय ढांचा अस्थिर और क्रेडिटर्स के लिए खतरनाक है. इस खबर के बाद Vedanta Ltd. के शेयरों में भारी बिकवाली आई.

Vedanta Share Price Crashed: हिंडनबर्ग मामले का असर अभी निवेशकों के जहन से उतरा भी नहीं था कि आज, Vedanta पर एक शॉर्ट सेलर की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. अमेरिकी रिसर्च फर्म Viceroy Research ने कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. इस रिपोर्ट के बाद Vedanta Limited के शेयरों में 6.2 फीसदी की गिरावट आई और NSE पर यह 428 रुपये तक आ गया. अब सवाल ये है कि रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि इसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है.
Viceroy ने ली शॉर्ट पोजिशन
Viceroy का कहना है कि उसने वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (VRL PropCo) के कर्ज पर दांव लगाया है कि कंपनी दीवालिया हो जाएगी. वेदांता रिसोर्सेज एक बहुत ही कर्ज में डूबी हुई कंपनी है, जो कि भारत की वेदांता लिमिटेड (VEDL) की मालिक है. वाइसरॉय का दावा है कि पूरी वेदांता ग्रुप की वित्तीय हालत बेहद खराब है और यह स्थिति निवेशकों और कर्ज देने वालों के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है.
मुख्य बात ये हैं-
- VRL खुद कोई कारोबार नहीं करती ये कंपनी बस अपनी सब्सिडियरी कंपनी VEDL से पैसा खींच कर खुद को जिंदा रखती है. इसे वाइसरॉय ने “परजीवी” कहा है, जो अपने “मेजबान” (VEDL) को चूस रहा है.
- VRL के ऊपर इतना कर्ज है कि उसे चुकाने के लिए वह बार-बार VEDL से पैसा निकाल रही है. इससे VEDL खुद भी कर्ज में डूबती जा रही है और उसके पास नकद पैसे कम होते जा रहे हैं. इसका नतीजा ये हो रहा है कि VEDL की असली कीमत और ताकत धीरे-धीरे खत्म हो रही है जबकि वही कंपनी VRL के कर्जों की गारंटी है.
- वाइसरॉय का कहना है कि ये सब एक तरह का “पोंजी स्कीम” जैसा है जिसमें एक हाथ से कर्ज चुकाने के लिए दूसरे हाथ से नया कर्ज लिया जाता है, और असली नुकसान उन लोगों को हो रहा है जिन्होंने कंपनी को कर्ज दिया है.
- यह हालात अब इतने बिगड़ चुके हैं कि पूरी वेदांता ग्रुप किसी भी वक्त दीवालिया हो सकती है. कंपनी नई-नई उधार लेकर खुद को जिंदा रख रही है, लेकिन इससे लांग टर्म नुकसान और गहरा हो रहा है.
रिपोर्ट में और क्या कहा गया?
- कंपनी ने बड़े पैमाने पर off-balance sheet liabilities छुपाई है.
- Interest Expense वास्तविक दर से ज्यादा बताया गया है.
- कमजोर सब्सिडियरी कंपनियों को एक-दूसरे के लिए क्रॉस-कॉलैटरल बना दिया गया है.
- कंपनी के ऑडिटर्स और गवर्नेंस को भी सवालों के घेरे में रखा गया है.
डिमर्जर प्लान पर भी सवाल
Vedanta ने हाल ही में कंपनी के डिमर्जर की प्लान पेश की थी, ताकि अलग-अलग सेक्टर की यूनिट्स बनाई जा सके, लेकिन Viceroy का कहना है कि इससे कोई फायदा नहीं होगा. उल्टा, नई कंपनियां शुरू से ही कर्ज में डूब सकती हैं.
AGM से एक दिन पहले आई रिपोर्ट
Vedanta की वार्षिक आम बैठक (AGM) 11 जुलाई को होनी है, और ये रिपोर्ट ठीक उसके एक दिन पहले जारी हुई है. इससे AGM में मैनेजमेंट को तीखे सवालों का सामना करना पड़ सकता है.
Vedanta की प्रतिक्रिया?
अब तक Vedanta की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है.
Vedanta के शेयर टूटे
- आज वेदांता के शेयरों में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. हालांकि बाद में शेयर ने थोड़ी रिकवरी दिखाई.
- बीते एक महीने में शेयर 2 फीसदी से ज्यादा टूटा है.
- वहीं, एक साल में 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली.

क्यों मचा हड़कंप?
जब शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिपोर्ट अडानी ग्रुप के खिलाफ 24 जनवरी 2023 को जारी की गई थी. उसके बाद अडानी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली थी. आलम ये हुआ कि लगातार 20 फीसदी का लोअर सर्किट लगता गया, जिससे निवेशक अपने शेयरों को बेच तक नहीं पाए थे. उस रिपोर्ट का असर ये हुआ कि अडानी समूह के कई शेयर भी उस भाव तक नहीं पहुंच सके जहां पर पहले कारोबार करते थे. अब Vedanta को इससे जोड़कर देखा जा रहा है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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