अनिल अंबानी पर किस्मत मेहरबान, 23 मई को मिलेगी एक और पारसमणि! निवेशक लगा रहे दांव

कभी कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की किस्मत ने फिर से पलटी मारी है. उनकी दो कंपनियों के हालिया प्रदर्शन ने निवेशकों को चौंका दिया है. ये कंपनियां कैसे बना रही हैं उनकी खोई हुई साख को मजबूत – जानिए इस रिपोर्ट में विस्तार से.

अनिल अंबानी Image Credit: Money9 Live

इंडस्ट्री के नामी व्यक्ति अनिल अंबानी के सिर पर जब डिफॉल्टर का टैग लग गया था, तब बहुतों ने मान लिया था कि अब उनका बिजनेस साम्राज्य बहुत अच्छे स्थिति में लंबे वक्त तक नहीं रह पाएगा. लेकिन किस्मत और रणनीति अगर साथ हो तो पुराने पन्ने पलटते देर नहीं लगती. अब वही अनिल अंबानी का बढ़ते बिजनेस में ‘कमबैक’ हो गया है. वजह है उनकी दो कंपनियां (रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर) जो उनके लिए किसी पारस पत्थर से कम साबित नहीं हो रही हैं. एक तरफ जहां रिलायंस पावर बंपर मुनाफे के साथ उभरी है, वहीं रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी बाजार के गिरावट भरे दिन में भी मजबूती दिखाई है. ये दोनों कंपनियां अब अनिल अंबानी के रिवाइवल की कहानी कह रही हैं.

रिलायंस पावर ने चार्ज किया अंबानी का बैंक बैलेंस

बीते दिनों रिलायंस पावर ने अपने चौथी तिमाही (Q4 FY25) के नतीजे घोषित किए, जिनमें कंपनी ने 125.57 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया. तिमाही आधार पर मुनाफे में यह 199 फीसदी की बेजोड़ छलांग थी. सालाना आधार पर भले ही मुनाफा थोड़ा घटा हो, लेकिन कंपनी का ऑपरेशनल प्रदर्शन स्थिर रहा. Q4 FY25 में ऑपरेशनल रेवेन्यू 1,978 करोड़ रुपये रहा.

सबसे बड़ी बात यह रही कि कंपनी ने ऐलान किया कि अब उस पर कोई बैंक कर्ज नहीं बचा है. रिलायंस पावर ने अब तक कुल 5,338 करोड़ रुपये का कर्ज चुका दिया है और उसका डेट-टू-इक्विटी रेशियो अब इंडस्ट्री में सबसे कम है. कंपनी की नेटवर्थ 16,337 करोड़ रुपये है और मार्केट कैप करीब 15,525 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है.

कर्जमुक्त होकर रिलायंस पावर ने निवेशकों को भी राहत दी है. कंपनी ने हाल ही में वारंट्स को शेयर में बदलते हुए 348.15 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इससे कंपनी की पूंजी स्थिति और भी मजबूत हुई है.

गिरते बाजार में भी खड़ा रहा रिलायंस का इंफ्रा

जब बीते शुक्रवार को पूरा बाजार बिकवाली की चपेट में था, तब अनिल अंबानी की दूसरी प्रमुख कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर में खरीदारी देखने को मिली. शेयर करीब 3 फीसदी की तेजी के साथ 280 रुपये के स्तर को छू गया और अंत में 2.72 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ. कंपनी का 52 हफ्ते का लो 143.70 रुपये और हाई 350.90 रुपये रहा है.

रिलायंस इंफ्रा का मुख्य फोकस है EPC सेवाएं, बिजली वितरण, रक्षा परियोजनाएं और मेट्रो जैसे बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स. कंपनी ने मुंबई मेट्रो लाइन-1 जैसी बड़ी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है. मार्च 2025 तक प्रमोटर की हिस्सेदारी इसमें 16.50% है.

23 मई 2025 को कंपनी की बोर्ड बैठक प्रस्तावित है, जिसमें मार्च तिमाही के वित्तीय नतीजे घोषित किए जाएंगे. पिछली तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में कंपनी का शुद्ध घाटा बढ़कर 3,298.35 करोड़ रुपये हो गया था, जो एक चिंता का विषय है, लेकिन राजस्व में मामूली बढ़त दर्ज की गई थी, 4743 करोड़ रुपये.

फिर चमकने लगा है अंबानी ब्रांड?

जब अनिल अंबानी पर चारों ओर से कर्ज का दबाव था, तब बहुतों ने उन्हें ‘डिफॉल्टर अंबानी’ के तौर पर देखना शुरू कर दिया था. लेकिन आज उनकी ये दोनों कंपनियां -रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर- उनकी छवि को फिर से चमकाने का काम कर रही हैं. जहां एक ओर रिलायंस पावर अपने मुनाफे और कर्जमुक्त स्थिति से निवेशकों का भरोसा जीत रही है, वहीं रिलायंस इंफ्रा का बाजार में प्रदर्शन यह इशारा दे रहा है कि कंपनी बुनियादी ढांचे की मजबूत रीढ़ बनकर उभर सकती है.

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अब निवेशकों की निगाहें 23 मई को आने वाले तिमाही नतीजों पर है क्योंकि यह तब तय होगा कि रिलायंस इंफ्रा किस मोड़ पर है. लेकिन इतना तय है कि अनिल अंबानी ने अपने लिए दो ऐसे पारस पत्थर जरूर खोज निकाले हैं, जो उनके डूबते साम्राज्य को फिर से ऊपर उठा रहे हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.