लंदन हाई कोर्ट ने नीरव मोदी की जमानत अर्जी खारिज की, भारत सरकार से क्यों छुपाई जा रही है वजह

लंदन की अदालत में एक ऐसा मामला चल रहा है जिसकी सारी जानकारी भारत सरकार को नहीं दी गई है. नाम है एक भगोड़े कारोबारी का, जिसे भारत लाने की कोशिशें जारी हैं लेकिन रास्ता अब भी रोके हुए है एक 'गोपनीय वजह'... जानिए आखिर माजरा क्या है.

नीरव मोदी Image Credit: Aniruddha Chowdhury/Mint via Getty Images)

भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन हाई कोर्ट से एक बार फिर झटका लगा है. कोर्ट ने उसकी ताजा जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि अभी भी एक “गोपनीय कानूनी बाधा” है, जो उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने में रोड़ा बनी हुई है. साथ ही कोर्ट ने यह भी माना कि अगर मोदी को जमानत मिली तो उसके फरार होने का खतरा बहुत ज्यादा है.

भारतीय सरकार को नहीं बताई गई वजह

लंदन के रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में गुरुवार यानी 15 मई को हुई सुनवाई में जस्टिस माइकल फोर्डहम ने कहा कि नीरव मोदी की प्रत्यर्पण प्रक्रिया (Extradition) पूरी होने के बावजूद, एक “गोपनीय कानूनी प्रक्रिया” उसे भारत लाए जाने से रोक रही है.
जज ने साफ कहा कि यह गोपनीय वजह सिर्फ नीरव मोदी, उनकी कानूनी टीम और ब्रिटेन के होम ऑफिस को पता है. बाकी किसी को, जैसे कि भारत सरकार, कोर्ट या ब्रिटेन की सरकारी वकील टीम (CPS) को इस वजह की जानकारी नहीं है. इसका मतलब ये भी है कि भारत सरकार को भी पता नहीं कि नीरव मोदी को भारत क्यों नहीं भेजा जा रहा.

जज फोर्डहम ने कहा कि मोदी के फरार होने का खतरा अभी भी बहुत पक्के हैं. कोर्ट ने इस आधार पर पहले छह बार खारिज की गईं जमानत याचिकाओं को भी ध्यान में रखा और कहा कि मौजूदा स्थिति में उसे छोड़ा नहीं जा सकता.

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भारत में दर्ज हैं तीन गंभीर केस

भारत में नीरव मोदी के खिलाफ तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. एक मामला सीबीआई का है, जो पंजाब नेशनल बैंक से करीब 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा है. दूसरा मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) का है जिसमें उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. तीसरा केस गवाहों को डराने और सबूत मिटाने से जुड़ा है.