पहले गिड़गिड़ाकर IMF से लिया फंड, अब उन्ही पैसों से आतंकी अड्डों का पुनर्निर्माण कर रही पाक सरकार
भारत के हालिया ऑपरेशन के बाद पड़ोसी मुल्क में हलचल मची हुई है. सरकारी दावों और सियासी बयानों की बाढ़ आ गई है. अब एक नई बात सामने आई है कि पाक सरकार आतंकिस्तान को समर्थन देने के लिए भारतीय आर्मी द्वारा नेस्तानाबूत कर दिए गए आतंकी ठिकानों को फिर से एक बार खड़ा करेगा.

भारतीय सेना की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई करारी कार्रवाई से पाकिस्तान के आतंकी ढांचे की कमर टूट गई लेकिन अब वहां की सरकार फिर से उसी ढांचे को खड़ा करने में जुट गई है. जी हां, जिस मुरिदके में भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया था, वहां की मस्जिदों और इमारतों को फिर से बनवाने का जिम्मा अब पाकिस्तान सरकार ने खुद के सर ले लिया है. मगर असल में ये इमारतें आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JuD) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय हैं, जिनका इस्तेमाल भारत में हमलों की साजिश के लिए होता रहा है. पाकिस्तान का असली चेहरा तब दुनिया के सामने आ गया जब देश के आला अधिकारी और आर्मी लीडर्स आतंकियों के जनाजे में शरीक हुए.
भारत का ऑपरेशन सिंदूर: सीधा आतंक के ठिकानों पर वार
7 मई को भारतीय सैन्य बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान-ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए. इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर बेस और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके मुख्यालय भी शामिल था. मुरिदके लाहौर से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और लंबे समय से आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है.
पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया कि मुरिदके में एक मस्जिद और शैक्षणिक संस्थान को निशाना बनाया गया, जहां तीन जमात-उद-दावा कार्यकर्ताओं की मौत हुई. खास बात यह रही कि इन कार्यकर्ताओं के जनाजे में पाकिस्तानी सेना, पुलिस और सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अफसर शामिल हुए.
IMF फंड से आतंकी अड्डों का पुनर्निर्माण
पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग (PMML), जो प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का राजनीतिक चेहरा है, के अध्यक्ष खालिद मसूद सिंधू ने बयान दिया कि सरकार इन मस्जिदों को दोबारा बनाएगी. मगर सच्चाई यही है कि ये मस्जिदें असल में आतंकी अड्डों की आड़ हैं.
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भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आशंका जताई है कि IMF से पाकिस्तान को मिले 1 अरब डॉलर की मदद का बड़ा हिस्सा इन्हीं आतंकी ढांचों को फिर से खड़ा करने में खर्च किया जाएगा. भारत ने IMF से इस मदद पर पुनर्विचार की अपील भी की है.
पाकिस्तानी नेताओं ने भले ही मुरिदके के हमले की निंदा की हो, मगर भारत की नजर में ये आतंकी संगठनों के पुनर्जन्म की कवायद है. भारत ने साफ कर दिया है कि आतंक को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति में कोई ढील नहीं दी जाएगी.
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