Exit Poll हुए फेल, तो निफ्टी में आ सकता है भूचाल! InCred ने कहा, मिल सकता है ‘गठबंधन डिस्काउंट’

तमाम एग्जिट पोल में बिहार में NDA की बंपर जीत का दावा किया जा रहा है. हालांकि, कई बार एग्जिट बोल बुरी तरह फेल भी होते हैं. अगर फिलहाल ऐसा हुआ, तो बाजार पर इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है. ब्रोकरेज और रिसर्च फर्म InCred की मानें, तो बिहार में सत्ता के उलटफेर से केंद्र तक असर हो सकता है, जिससे निफ्टी में 5 से 7 फीसदी तक गिरावट आ सकती है.

शेयर बाजार Image Credit: FreePik

बिहार चुनाव संपन्न हो चुका है. 14 नवंबर को इसके नतीजों का ऐलान होना है. फिलहाल, भारतीय शेयर बाजार अक्टूबर की रैली के बाद नए बुलिश मोमेंटम में दिख रहा है. हालांकि, InCred Research की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर बिहार चुनाव के एग्जिट पोल गलत साबित हुए और NDA सत्ता से बाहर हुआ, तो भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी और सेंसेक्स में 5 से 7% तक की गिरावट आ सकती है. इनक्रेड का कहना है कि NDA के खिलाफ आए नतीजों के बाद निवेशकों को ‘गठबंधन डिस्काउंट’ झेलना पड़ सकता है.

एग्जिट पोल और बाजार की बेचैनी

बिहार विधानसभा चुनाव पर सारा देश टकटकी लगाए बैठा है, लेकिन शेयर बाजार ने पहले से ही अपनी धड़कनें तेज कर ली हैं. 12 नवंबर 2025 को प्रकाशित InCred Research की India Strategy Report में दावा किया गया है कि अगर एग्जिट पोल फेल हुए और नतीजे उम्मीद के उलट आए, तो NDA के लिए सत्ता बचाना मुश्किल हो सकता है, जिसका व्यापक असर बाजार पर भी देखने को मिल सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक अस्थिरता और नीतिगत अनिश्चितता से ‘गठबंधन डिस्काउंट’ झेलने की नौबत आ सकती है. यानि बाजार फिलहाल जिस स्थिरता प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है, वह टूट सकता है.

गठबंधन की सियासत से निवेशकों में डर

InCred का कहना है कि बिहार के नतीजे अगर NDA के खिलाफ जाते हैं, तो देश की राजनीति में नया सेंटरिस्ट गठबंधन बन सकता है, जिसमें नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और एकनाथ शिंदे जैसे नेता प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं. ऐसी स्थिति में बाजार को डर है कि दिल्ली की सत्ता में नीति निरंतरता (Policy Continuity) प्रभावित होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, “गठबंधन सरकारें अक्सर नीति निर्माण में समय लेती हैं. निवेशक को डर इस बात का है कि टैक्स सुधार, डिसइन्वेस्टमेंट और इंफ्रा कैपेक्स जैसी योजनाएं धीमी पड़ सकती हैं.” यही वजह है कि विश्लेषकों ने इसे ‘Coalition Discount’ नाम दिया है.

किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर

InCred का अनुमान है कि बिहार चुनाव के नतीजों के बाद अगर बाजार में गिरावट आती है, तो सबसे ज्यादा झटका PSU, Infra, Banking और Power सेक्टर्स को लग सकता है. इन क्षेत्रों में सरकार की नीतिगत भूमिका अहम है, इसलिए सत्ता समीकरण बदलने से पॉलिसी डिले और अनिश्चितता सीधे इनके वैल्यूएशन को प्रभावित करेगी. वहीं, FMCG, IT और Pharma जैसे डिफेंसिव सेक्टर्स में निवेशक सुरक्षित पनाह तलाश सकते हैं. फंड मैनेजरों का कहना है कि अगर निफ्टी 5–7% गिरता है, तो यह अल्पकालिक करेक्शन लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका बनेगा.

गिरावट में खरीदारी की सलाह

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था की बुनियाद अब भी मजबूत है. GDP ग्रोथ 6.5% से ऊपर, कॉरपोरेट अर्निंग्स साइकिल पॉजिटिव और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी संतुलित है. ऐसे में राजनीतिक घटनाक्रम से आने वाली गिरावट को “सेंटिमेंटल करेक्शन” माना जा सकता है, न कि किसी स्ट्रक्चरल कमजोरी का संकेत. InCred ने कहा, “कोएलिशन खराब नहीं, अगर रोडमैप साफ हो. अगर नया गठबंधन सुधारों की दिशा कायम रखता है, तो बाजार जल्द स्थिर हो जाएगा.”

बिहार से तय होगी मार्केट की दिशा

InCred का साफ संदेश है कि अगर एग्जिट पोल गलत साबित हुए, तो बाजार में भूचाल आ सकता है, लेकिन यह डरने नहीं, समझदारी से कदम बढ़ाने का वक्त होगा. बिहार के नतीजे न सिर्फ पटना की सियासत तय करेंगे, बल्कि मुंबई की मार्केट चाल भी. बहरहाल, अगर “गठबंधन डिस्काउंट” की यह भविष्यवाणी सच निकली, तो अगले कुछ हफ्ते भारतीय निवेशकों के धैर्य और हिम्मत दोनों की परीक्षा लेंगे.