BSE का बड़ा एक्शन! इन 31 शेयरों का बदला सर्किट लिमिट, जानें कौन-कौन से स्टॉक शामिल

एक्सचेंज समय-समय पर ऐसे स्टॉक्स की पहचान करता है जिनमें कीमत या वॉल्यूम में अचानक जोरदार उतार-चढ़ाव दिखता है. अपनी सर्विलांस मैकेनिज्म के तहत BSE ऐसे शेयरों पर 2 फीसदी, 5 फीसदी या 10 फीसदी तक कम प्राइस बैंड लागू कर सकता है, ताकि कीमतें नियंत्रित दायरे में रहें.

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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने 1 दिसंबर 2025 से 31 कंपनियों के शेयरों पर नए प्राइस बैंड यानी रिवाइज्ड सर्किट लिमिट लागू करने का फैसला किया है. इसका मकसद असामान्य ट्रेडिंग गतिविधियों पर नियंत्रण रखना और निवेशकों को संभावित जोखिम से बचाना है. ये सभी उपाय मार्केट में अचानक आने वाली वोलैटिलिटी को सीमित करने और संभावित हेरफेर को रोकने के लिए किए जाते हैं.

क्यों बदला सर्किट लिमिट?

एक्सचेंज समय-समय पर ऐसे स्टॉक्स की पहचान करता है जिनमें कीमत या वॉल्यूम में अचानक जोरदार उतार-चढ़ाव दिखता है. अपनी सर्विलांस मैकेनिज्म के तहत BSE ऐसे शेयरों पर 2 फीसदी, 5 फीसदी या 10 फीसदी तक कम प्राइस बैंड लागू कर सकता है, ताकि कीमतें नियंत्रित दायरे में रहें.

कौन-कौन से शेयर शामिल

क्र.सं.शेयरमौजूदा प्राइस बैंड (%)रिवाइज्ड प्राइस बैंड (%)
1Capital Trade Links Ltd205
2VJTF Eduservices Ltd25
3Alan Scott Enterprises Ltd52
4Anirit Ventures Ltd25
5Aplab Ltd25
6Aplab Ltd25
7Bluegod Entertainment Ltd25
8Captain Technocast Ltd2010
9Emergent Industrial Solutions Ltd52
10Genesis Ibro India Ltd25
11Gilada Finance & Investments Ltd2010
12KMF Builders & Developers Ltd25
13Landmark Leisure Corporation Ltd25
14Mcleod Russel India Ltd25
15Oceanic Foods Ltd520
16Oswal Yarns Ltd25
17Primal Industries Ltd25
18Regal Entertainment & Consultants Ltd105
19S.A.L. Steel Ltd25
20Sahara Housingfina Corporation Ltd25
21Sancode Technologies Ltd25
22Sarthak Global Ltd25
23Spice Islands Industries Ltd25
24SVP Global Textiles Ltd105
25Trescon Ltd2010
26Tuni Textile Mills Ltd2010
27Varvee Global Ltd510
28V R Woodart Ltd25
29Worth Investment & Trading Co Ltd105
30Yash Trading & Finance Ltd25
31Southern Latex Ltd25
सोर्स-BSE

BSE के प्रमुख सर्विलांस एक्शन

प्राइस बैंड में बदलाव के अलावा, BSE निवेशक सुरक्षा के लिए कई अन्य कदम भी उठा सकता है—

  • किसी स्टॉक को ट्रेड-टु-ट्रेड सेगमेंट में भेजना
  • स्पेशल मार्जिन लागू करना
  • किसी शेयर या ट्रेडिंग मेंबर को सस्पेंड करना
  • ये सभी उपाय मार्केट में अचानक आने वाली वोलैटिलिटी को सीमित करने और संभावित हेरफेर को रोकने के लिए किए जाते हैं.

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स्पेशल मार्जिन कब लगता है?

जब किसी शेयर की कीमत या वॉल्यूम में तेज और असामान्य तेजी नजर आती है, तो BSE उस पर स्पेशल मार्जिन लगा देता है. यह मार्जिन 25 फीसदी, 50 फीसदी या 75 फीसदी तक हो सकता है. इसका मकसद अफवाहों, सट्टेबाजी या अटकलों से होने वाले अचानक नुकसान से निवेशकों को बचाना है.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.