ये दिग्गज फार्मा कंपनी अब विदेशी कंपनियों को देगी टक्कर, वेट मैनेजमेंट डिविजन में एंट्री का प्लान, शेयर को रखें फोकस में

दवा बनाने वाली कंपनी सिप्ला अब वजन घटाने की दवाओं के सेगमेंट में कदम रखने जा रही है. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और ग्लोबल CEO उमंग वोहरा ने यह जानकारी सिप्ला की 2024-25 की एनुअल रिपोर्ट में शेयरहोल्डर्स को दी. जब कंपनी अपने एक्सपेंशन की तैयारी में जुट गई है तो बड़ी संभावना है कि कंपनी के शेयरों में हलचल देखने को मिलेगी.

सिप्ला कंपनी Image Credit: TV9 Bharatvarsh

Cipla Weight Loss Drug: दवा बनाने वाली देश की जानी-मानी कंपनी सिप्ला अब वजन घटाने (weight loss) की दवाओं के सेगमेंट में कदम रखने जा रही है. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और ग्लोबल CEO उमंग वोहरा ने यह जानकारी सिप्ला की 2024-25 की एनुअल रिपोर्ट में शेयरहोल्डर्स को दी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीईओ ने कहा, भारत में मोटापा तेजी से एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए सिप्ला वजन तो कंट्रोल करने के (weight management) के क्षेत्र में उतरने की तैयारी कर रही है. अब जब कंपनी अपने एक्सपेंशन की तैयारी में जुट गई है तो बड़ी संभावना है कि कंपनी के शेयरों में हलचल देखने को मिलेगी. ऐसे में अगले हफ्ते आप इस स्टॉक पर फोकस बनाए रखना फायदेमंद साबित हो सकता है.

इस सेगमेंट में दूसरी कंपनियां पहले से ही रेस में हैं. अमेरिका की दवा कंपनी Eli Lilly पहले ही अपना एंटी-ओबेसिटी ड्रग Mounjaro भारत में लॉन्च कर चुकी है, जबकि डेनमार्क की कंपनी Novo Nordisk ने भी Wegovy नाम की दवा पेश की है, जो वजन कम करने और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करती है. ऐसे में सिप्ला के लिए ये रेस आसान नहीं होगी.

Eli Lilly और Novo Nordisk को मिलेगी टक्कर

गौरतलब है कि अमेरिका की Eli Lilly और डेनमार्क की Novo Nordisk जैसी बड़ी दवा कंपनियां पहले ही भारत में वजन घटाने की दवाएं लॉन्च कर चुकी हैं. Eli Lilly की Mounjaro और Novo Nordisk की Wegovy दवाएं मोटापे के इलाज के साथ-साथ दिल की बीमारियों के जोखिम को भी कम करने में मदद करती हैं.

CNS सेगमेंट में Sanofi के साथ डील

सिप्ला अपने फ्यूचर एक्सपेंशन प्लान में केवल वेट मैनेजमेंट सेगमेंट तक सीमित नहीं रहना चाहती, ऐसे में उसने तमाम डिविजन में अपनी पकड़ बढ़ाई है. कंपनी ने Central Nervous System (CNS) से जुड़ी बीमारियों के इलाज में भी अपनी मौजूदगी को मजबूत किया है. हाल ही में कंपनी ने Sanofi की भारत में CNS दवाओं की रेंज को इन-लाइसेंस किया है, जिसमें Frisium जैसी प्रमुख एंटी-एपिलेप्टिक दवा शामिल है. CEO उमंग वोहरा ने बताया कि कंपनी अब ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) और Parkinson’s Disease जैसे खास सेगमेंट्स में भी इन-लाइसेंसिंग या अधिग्रहण के रास्ते तलाश रही है.

इनोवेशन आधारित दवाएं

उमंग वोहरा ने यह भी बताया कि कंपनी Antimicrobial Resistance (AMR) यानी एंटीबायोटिक दवाओं के कम होते असर की गंभीरता को समझती है और इस दिशा में भी काम कर रही है. Cipla इस सेगमेंट में चार नई और इनोवेटिव दवाओं के विकास पर काम कर रही है, जो फ्यूचर में ग्लोबल लेवल पर कारगर साबित हो सकती हैं.

FY25 में कंपनी की फॉइनेंशियल परफॉर्मेंस

शुक्रवार यानी 11 जुलाई को सिप्ला का शेयर NSE पर 1,486 रुपये पर बंद हुए. वित्त वर्ष 2024-25 में Cipla की इनकम 27,548 करोड़ रुपये रही, जबकि कंपनी की नेट प्रॉफिट 5,272 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. सिप्ला के शेयरों में पिछले एक साल में करीब 2 फीसदी टूट गए. हालांकि कंपनी ने निवेशकों को पिछले पांच साल में करीब 131 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. कंपनी का 52 वीक लो 1335 रुपया रहा. वहीं कंपनी का 52 वीक हाई 1702 रुपया रहा.

विवरणआंकड़े
शेयर क्लोजिंग प्राइस (NSE, 11 जुलाई 2025)1,486 रुपये
वित्त वर्ष 2024-25 इनकम27,548 करोड़ रुपये
वित्त वर्ष 2024-25 नेट प्रॉफिट5,272 करोड़ रुपये
पिछले 1 साल में रिटर्न-2% (करीब)
पिछले 5 साल में रिटर्न+131% (करीब)
52 सप्ताह का लो (Low)1,335 रुपये
52 सप्ताह का हाई (High)1,702 रुपये

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.