Closing Bell: चौतरफा बिकवाली के बीच सेंसेक्स-निफ्टी 1 फीसदी टूटकर बंद, इन कारणों से बुल्स का छूटा पसीना

भारतीय शेयर बाजार लगातार पांच सत्र की तेजी के बाद गुरुवार को चौतरफा बिकवाली के चलते लाल निशान में रहा. बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी जहां एक-एक फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुआ. वहीं, सेक्टोरल और ब्रॉड मार्केट में भी चौतरफा बिकवाली हावी रही.

शेयर बाजार में आई गिरावट Image Credit: FreePik

Share Market Closing: भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स Sensex और Nifty गुरुवार 12 जून को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए. बेंचमार्क इंडेक्सों के साथ ही सभी सेक्टोरल और ब्रॉड मार्केट इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए. बाजार मे गिरावट के पीछे दो बड़ी वजह मानी जा रही हैं. पहली वजह फ्यूचर एंड ऑप्शन की वीकली एक्सपायरी के दौरान निवेशकों की तरफ से अपनी शॉर्ट पोजिशन को कवर करना था. इसके अलावा चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर जो समझौता हुआ है, उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की गुंजाइश बनी हुई है.

कैसा रहा सेंसेक्स का हाल?

Sensex गुरुवार को हल्की तेजी के साथ 82,571.67 अंक पर ओपन हुआ. इसके बाद 82,661.04 अंक के इंट्रा डे हाई और 81,523.16 अंक के इंट्रा डे लो के साथ दिन के आखिर में 1 फीसदी की गिरावट के साथ 823.16 अंक टूटकर 81,691.98 अंक पर बंद हुआ. इस दौरान सेंसेक्स के 30 में से सिर्फ 3 स्टॉक हरे निशान में बंद हुए. बजाज फिनसर्व 0.60 फीसदी के साथ टॉप गेनर स्टॉक रहा. वहीं, टाटा मोटर्स 2.89 फीसदी गिरावट के साथ टॉप लूजर रहा.

निफ्टी भी हुआ बेहाल

सेंसेक्स की तरह निफ्टी की शुरुआत भी हरे निशान में 25,164.45 अंक पर हुई. इसके बाद 25,196.20 अंक के इंट्रा डे हाई और 24,825.90 अंक के इंट्रा डे लो के बीच कारोबार करते हुए दिन के आखिर में निफ्टी 1.01 फीसदी गिरावट के साथ 253.20 अंक टूटकर 24,888.20 अंक के स्तर पर बंद हुआ. इस दौरान निफ्टी के 50 में से सिफ 7 स्टॉक हरे निशान में बंद हुए. अपोलो हॉस्पिटल 0.86 फीसदी तेजी के साथ टॉप गेनर रहा. वहीं, सेंसेक्स की तरह ही टाटा मोटर्स टॉप लूजर रहा.

क्यों आई बाजार में गिरावट?

पिछले पांच दिन से निफ्टी-सेंसेक्स के साथ ही पूरे बाजार में तेजी का रुख था. हालांकि, बुधवार को सेक्टोरल और ब्रॉड मार्केट मिलेजुले रुख में रहे थे. लेकिन, गुरुवार को बाजार में चौतरफा बिकवाली हावी रही. मोटे तौर पर बाजार की गिरावट के पीछे पांच कारण हैं. इनमें पहला कारण टैरिफ को लेकर फिर से अनिश्चितता का माहौल बनता है. वहीं, पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ना भी एक वजह है. इसके अलावा ग्लोबल मार्केट में रिस्क सेंटिमेंट बढ़ने की वजह से निवेशकों में सतर्कता बढ़ रही है. वहीं, क्रूड ऑयल में वोलैटिलिटी और फ्यूचर एंड ऑप्शन की वीकली एक्सपायरी का भी असर देखने को मिला है.