Closing Bell: आखिरी समय में खरीदारी से सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान में बंद, ट्रंप टैरिफ के तूफान के बीच IT-फार्मा चमके
Closing Bell: आखिरी समय में हुई खरीदारी की बदौलत, प्रमुख इंडेक्स, सेंसेक्स और निफ्टी 50 गुरुवार 7 अगस्त को मामूली बढ़त के साथ बंद हुए. हालांकि ट्रंप के टैरिफ और अर्थव्यवस्था पर उसके प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण सेंटीमेंट कमजोर बना रहा.
Closing Bell: गुरुवार को बाजार बंद होने से कुछ मिनट पहले ही भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने दिन के निचले स्तरों से तेजी से उबरते हुए हरे निशान में वापसी की. यह सुधार अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात पर 25 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने से निवेशकों में आई घबराहट के बावजूद हुआ. 7 अगस्त को भारतीय शेयर बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए और निफ्टी 24,600 पर बंद हुआ.
सेंसेक्स 79.27 अंक या 0.10 फीसदी बढ़कर 80,623.26 पर और निफ्टी 21.95 अंक या 0.09 फीसदी बढ़कर 24,596.15 पर बंद हुआ. लगभग 1716 शेयरों में तेजी आई, 1996 शेयरों में गिरावट आई और 129 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
टॉप गेनर्स और लूजर्स
निफ्टी में सबसे ज्यादा बढ़त हीरो मोटोकॉर्प, टेक महिंद्रा, विप्रो, इटरनल, जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में रही, जबकि गिरावट वाले शेयरों में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, ट्रेंट, एचयूएल और ग्रासिम इंडस्ट्रीज शामिल रहीं.
निफ्टी टॉप गेनर्स
शेयर | उछाल (%) |
मोटोकॉर्प | 4.27 |
टेक महिंद्रा | 1.99 |
जेएसडब्ल्यू स्टील | 1.94 |
इटरनल | 1.46 |
विप्रो | 1.18 |
सेक्टोरल इंडेक्स
बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.4 फीसदी बढ़ा और स्मॉलकैप इंडेक्स बिना किसी बदलाव के बंद हुआ. सेक्टोरल इंडेक्स में आईटी, मीडिया और फार्मा में 0.5-1 फीसदी की वृद्धि हुई.
ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ के मंडराते खतरे के बावजूद घरेलू बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ. बाजार को उम्मीद है कि अंततः भारत अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने में सफल होगा.
बाजार में क्यों आई तेजी?
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि अस्थिर वीकली एक्सपायरी के बीच घरेलू शेयर बाजारों ने अपने इंट्राडे निचले स्तरों से तेजी से वापसी की. हालांकि, भारत पर अमेरिकी टैरिफ में भारी बढ़ोतरी के बाद व्यापक बिकवाली के कारण शुरुआती कारोबार में गिरावट आई थी, लेकिन ट्रंप, पुतिन और जेलेंस्की के बीच संभावित शांति वार्ता की खबरों से व्यापार पर अमेरिका के नरम रुख की उम्मीदें बढ़ने से कारोबार बंद होते-होते माहौल में सुधार हुआ. इस नई उम्मीद ने ऑटो, फार्मा, मेटल और एनर्जी सेक्टर्स में मजबूत वापसी की और बाजार को अपनी गति वापस पाने और हरे निशान में बंद होने में मदद की.