5G के बाद अब 6G की तैयारी, Jio ने रखा ग्लोबल लीडर बनने का लक्ष्य; तेजी से चल रहा है काम

रिलायंस जियो अब 6G टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है और वैश्विक लीडर बनने की तैयारी में है. वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, जियो हर महीने 17 एक्साबाइट डेटा संभालता है और वायरलेस डेटा ट्रैफिक में इसकी 60 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी सैटेलाइट कम्युनिकेशन की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रही है. मार्च 2025 तक इसके 19.1 करोड़ 5G यूजर थे और 18 मिलियन घरों को फाइबर से जोड़ा जा चुका है.

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Jio 6G Development: रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल सर्विस कंपनी Jio अब 6G टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है और इस क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बनने का लक्ष्य रखा है. रिलायंस की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 में यह जानकारी सामने आई है. Jio अब दुनिया का सबसे बड़ा डेटा ऑपरेटर बन चुका है, जो हर महीने 17 एक्साबाइट से अधिक डेटा ट्रैफिक को संभालता है, और भारत के वायरलेस डेटा ट्रैफिक में इसकी हिस्सेदारी लगभग 60 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार, “Jio भविष्य की कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है और 6G टेक्नोलॉजी के रिसर्च व डेवलपमेंट में सक्रिय भूमिका निभा रहा है.

‘डेटा डार्कनेस’ से ‘डेटा अबंडेंस’ तक

एक दशक से भी कम समय में Jio ने भारत को ‘डेटा डार्कनेस’ से ‘डेटा अबंडेंस’ की ओर ले जाने में निर्णायक भूमिका निभाई है.” कंपनी ने 2016 से पूर्व 4G, 2018 में फाइबर-टू-द-होम, 2022 में स्टैंडअलोन 5G और 2024 में फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) जैसी टेक्नोलॉजी में अहम निवेश किए हैं.

सैटेलाइट कम्युनिकेशन और ग्रीन एनर्जी पर फोकस

Jio अपने टेरेस्ट्रियल नेटवर्क के साथ-साथ सैटेलाइट कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म का भी विकास कर रहा है और SpaceX के साथ मिलकर भारत में Starlink की ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध कराने की तैयारी में है. मार्च 2025 तक Jio के पास 19.1 करोड़ 5G यूजर्स थे, जो इसके कुल वायरलेस डेटा ट्रैफिक का 45 प्रतिशत हिस्सा हैं. साथ ही, कंपनी ने 18 मिलियन घरों को फाइबर से जोड़ा है, जो पिछले वित्त वर्ष में इंडस्ट्री के कुल नए कनेक्शनों का 85 प्रतिशत है.

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2030 तक 100 प्रतिशत ग्रीन एनर्जी का लक्ष्य

Jio ने 2029-30 तक अपनी समस्त ऊर्जा आवश्यकताओं को रिन्यूएबल सोर्स से पूरा करने का लक्ष्य तय किया है. रिलायंस समूह ने 2035 तक नेट कार्बन न्यूट्रल बनने का संकल्प लिया है. रिपोर्ट के अनुसार, Jio की एनर्जी एफिशिएंसी वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कहीं बेहतर है. GSMAi के मार्च 2025 के एनर्जी बेंचमार्किंग अध्ययन में पाया गया कि Jio का प्रति डेटा ट्रैफिक एनर्जी इस्तेमाल (kWh/GB) वैश्विक औसत का केवल 30 प्रतिशत है.