ट्रंप के सीजफायर ऐलान ने बिगाड़ा सेंटीमेंट, धड़ाम हुए डिफेंस स्‍टॉक, GRSE, BEML 7% तक लुढ़के

इजरायल-ईरान के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिका के हस्‍तक्षेप और ट्रंप के सीजफायर की घोषणा ने डिफेंस सेक्‍टर को तगड़ा झटका दिया है. निवेशकों की मुनाफावसूली के चलते कई शेयर धड़ाम हो गए. तो किन शेयरों में दिखी सबसे ज्‍यादा गिरावट, यहां चेक करें लिस्‍ट.

सीजफायर के ऐलान से लुढ़के डिफेंस स्‍टॉक्‍स Image Credit: money9

Defence Stocks Fallen: डिफेंस सेक्‍टर की कंपनियों के शेयरों में 24 जून को भारी गिरावट देखने को मिली, जिसके चलते इसमें दो दिनों से बनी तेजी की रैली टूट गई. रक्षा क्षेत्र के शेयरों में आई इस बड़ी गिरावट की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर का ऐलान है. इजरायल-ईरान युद्धविराम की उनकी घोषणा से निवेशक मुनाफावसूली करने लगे. जिसके चलते GRSE, BEML जैसे डिफेंस स्‍टॉक 7% तक टूट गए. इसके अलावा जेन टेक्नोलॉजीज, भारत डायनेमिक्स और कोचिन शिपयार्ड जैसी कंपनियों को भी झटका लगा है.

डिफेंस शेयरों की हालत खराब

निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स, जो 20-23 जून के बीच इजरायल-ईरान तनाव के कारण 4% से ज्यादा चढ़ा था, मंगलवार को ये 2.2% टूट गया. निवेशकों ने मिडिल ईस्‍ट में चल रहे तनाव के लंबे खिंचने की आशंका में डिफेंस कंपनियों पर दांव लगाया था. उम्मीद थी कि इससे भारत की रक्षा कंपनियों को ज्यादा ऑर्डर मिलेगा और इसका फायदा निवेशकों को मिलेगा, लेकिन युद्धविराम की खबर ने इस तेजी को खत्‍म दिया, नतीजतन रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के स्‍टॉक्‍स धड़ाम हो गए.

कौन-कौन डूबा?

इंडेक्स की 18 में से 17 कंपनियां लाल निशान में कारोबार करती नजर आईं. सिर्फ सिएंट DLM ने 1% से ज्यादा की बढ़त हासिल की. सबसे ज्यादा नुकसान में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (Garden Reach Shipbuilders & Enginers), BEML Ltd और मिश्रा धातु निगम (Mishra Dhatu Nigam) को हुआ. इसके अलावा एस्ट्रा माइक्रोवेव प्रोडक्ट्स, पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज, जेन टेक्नोलॉजीज, भारत डायनेमिक्स और डेटा पैटर्न्स (इंडिया), कोचीन शिपयार्ड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी दिग्‍गज कंपनियों को भी झटका लगा.

कितने लुढ़के शेयर?

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शॉर्ट टर्म में नुकसान, उम्‍मीद बाकी

युद्धविराम की खबर ने निवेशकों को भले ही शॉर्ट-टर्म ग्रोथ को प्रभावित किया हो, लेकिन भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और लंबी अवधि की नीतियां इन कंपनियों के लिए अभी भी सकारात्मक हैं. फिलहाल, बाजार का मूड सतर्क है. ऐसे में जानकारों का भी मानना है कि निवेशक वैश्विक और घरेलू संकेतों पर नजर रखें.