60% गिरा प्रॉफिट, फिर भी FII बढ़ा रहे हैं हिस्सेदारी; ₹1,300 करोड़ का है ऑर्डर बुक, इस डिफेंस स्टॉक पर रखें नजर
MTAR Technologies का प्रॉफिट 60 फीसदी गिरने के बावजूद FIIs और DIIs अपनी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ा रहे हैं. वजह है कंपनी की मजबूत ऑर्डर बुक, डिफेंस और क्लीन एनर्जी सेगमेंट में बढ़ते प्रोजेक्ट और आने वाले दो साल में क्षमता विस्तार की बड़ी योजना. निवेशकों का मानना है कि MTAR लम्बी अवधि में बड़ी ग्रोथ दे सकती है.
MTAR Technologies: डिफेंस सेक्टर इस साल सबसे मजबूत सेक्टरों में से एक रहा है. कई डिफेंस स्टॉक्स में भारी तेजी देखने को मिली, जिससे निवेशकों को शानदार मुनाफा हुआ. निवेशकों ने भी इस साल डिफेंस स्टॉक्स में जमकर निवेश किया है. ऐसी ही एक डिफेंस कंपनी है MTAR Technologies, जिसमें घरेलू और विदेशी निवेशकों ने भारी निवेश किया है. खास बात यह है कि कंपनी के तिमाही नतीजों में नेट प्रॉफिट में 60 फीसदी गिरावट आने के बावजूद निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. कंपनी डिफेंस, न्यूक्लियर और क्लीन एनर्जी सेगमेंट में काम करती है और इसे भविष्य का मजबूत ग्रोथ ड्राइवर माना जा रहा है.
FIIs और DIIs ने एक साथ बढ़ाई हिस्सेदारी
जुलाई से सितंबर तिमाही में FIIs ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 1.64 फीसदी बढ़ाई, जबकि DIIs ने 1.3 फीसदी हिस्सेदारी और जोड़ी. अब FIIs की होल्डिंग 9.21 फीसदी और DIIs की होल्डिंग 24.81 फीसदी हो गई है. किसी एक डिफेंस स्टॉक में दोनों प्रकार के संस्थागत निवेशकों का इस तरह एक साथ निवेश करना काफी कम देखने को मिलता है. यह कंपनी के भविष्य को लेकर मजबूत भरोसे का संकेत देता है.
मजबूत ऑर्डर बुक ने बढ़ाया भरोसा
कुल बिक्री और प्रॉफिट भले ही घटे हों, लेकिन MTAR की ऑर्डर बुक लगातार बढ़ रही है. 30 सितंबर 2025 तक कंपनी के पास 1297 करोड़ रुपये के ऑर्डर थे और इसी तिमाही में 498 करोड़ के नए ऑर्डर मिले. 5 नवंबर 2025 तक ऑर्डर बुक में 480 करोड़ रुपये और जुड़ गए. मैनेजमेंट का कहना है कि FY26 के अंत तक ऑर्डर बुक 2800 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. खासकर क्लीन एनर्जी और न्यूक्लियर सेगमेंट में बड़ा ग्रोथ संभावित है.
क्लीन एनर्जी बिजनेस MTAR का ग्रोथ इंजन
कंपनी अपनी क्लीन एनर्जी कैपेसिटी को बड़े पैमाने पर बढ़ा रही है. हॉट बॉक्स का प्रोडक्शन 8000 यूनिट प्रति वर्ष से बढ़ाकर 12000 यूनिट करने की योजना FY26 के अंत तक है. और FY27 तक इसे 20000 यूनिट तक ले जाने का लक्ष्य है. इसके लिए कुल 100 करोड़ रुपये से कम की कैपेक्स जरूरत पड़ेगी. निवेशक इस सेगमेंट को भविष्य का मुख्य विकास इंजन मान रहे हैं क्योंकि ग्लोबल क्लीन एनर्जी डिमांड तेजी से बढ़ रही है.
नतीजे कमजोर फिर भी निवेश क्यों बढ़ा
Q2FY26 में कंपनी की बिक्री 190.2 करोड़ से घटकर 135.6 करोड़ पर आ गई और प्रॉफिट 18.8 करोड़ से घटकर 4.6 करोड़ पर आ गया. यानी प्रॉफिट करीब 60 फीसदी गिरा. इसके बावजूद निवेशक भाग नहीं रहे, बल्कि निवेश बढ़ा रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि निवेशक कंपनी के तिमाही नतीजों से ज्यादा उसके लम्बी अवधि के ग्रोथ की क्षमता पर भरोसा कर रहे हैं. मैनेजमेंट ने FY26 की रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस 30 से 35 फीसदी कर दी है और EBITDA मार्जिन 21 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है.
प्रीमियम वैल्यूएशन होने के बावजूद भरोसा क्यों
MTAR का स्टॉक इस समय 167 गुना PE पर ट्रेड कर रहा है, जो इंडस्ट्री के औसत 63 गुना से काफी ज्यादा है. इसके बावजूद निवेशक इसे एक लम्बी अवधि की मजबूत तकनीकी और स्ट्रेटेजिक कंपनी मान रहे हैं. डिफेंस, न्यूक्लियर और क्लीन एनर्जी जैसे सेक्टरों की मजबूत डिमांड भविष्य में इसकी ग्रोथ को सपोर्ट कर सकती है. इसलिए संस्थागत निवेशक इस गिरावट को खरीदारी का मौका मान रहे हैं.
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MTAR Technologies क्या करती है
MTAR Technologies मिसाइल सिस्टम, रॉकेट पार्ट, क्रायोजेनिक इंजन, न्यूक्लियर रिएक्टर पार्ट और क्लीन एनर्जी के लिए हॉट बॉक्स जैसी हाई वैल्यू इंजीनियरिंग प्रोडक्ट बनाती है. यह डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली कंपनियों में से एक मानी जाती है. कंपनी अग्नि और पृथ्वी मिसाइल के लिए भी महत्वपूर्ण कंपोनेंट बनाती है. यही कारण है कि निवेशक इसे भारत के डिफेंस और न्यू एनर्जी मिशन का मजबूत हिस्सा मान रहे हैं.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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