रुपया कमजोर, ग्लोबल अनिश्चितता हावी! FPI ने एक हफ्ते में निकाले 12,941 करोड़ रुपये, हुआ जबरदस्त कैश आउटफ्लो

पिछले कुछ दिनों में बाजार में हलचल बढ़ गई है. विदेशी निवेशक एक खास वजह से लगातार पैसे निकाल रहे हैं. ये ट्रेंड सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि बाजार की दिशा को लेकर बड़ा संकेत भी है. जानिए किन कारकों ने इस बदलाव को ट्रिगर किया है.

एफपीआई निवेश Image Credit: money9live.com

भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की बड़े पैमाने पर बिकवाली ने एक बार फिर निवेशकों को सावधान कर दिया है. बीते हफ्ते (6 से 12 दिसंबर 2025) के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजारों से 12,941.34 करोड़ रुपये निकाल लिए, जिससे इक्विटी और डेट दोनों सेगमेंट पर दबाव दिखा. डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, वैश्विक ब्याज दरों का तनाव और बेहतर वैल्यू देने वाले अन्य देशों की ओर रुझान, ये सब मिलकर भारत में विदेशी निवेश की धार को कमजोर बना रहे हैं.

इक्विटी और डेट दोनों में भारी बिकवाली

NSDL के आंकड़ों के मुताबिक, ₹6,135.33 करोड़ की निकासी इक्विटी मार्केट से हुई, जबकि डेट मार्केट से ₹6,891.47 करोड़ बाहर गए. सिर्फ हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स में ₹166.58 करोड़ की मामूली इनफ्लो रही. सबसे ज्यादा बिकवाली 10 दिसंबर को देखने को मिली, जब एक ही दिन में FPI ने ₹5,386.69 करोड़ बाजार से निकाल लिए.

रुपया बना FPI के लिए चिंता का कारण

सप्ताह भर डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी जारी रही, जो ₹89.88 से ₹90.37 प्रति डॉलर के दायरे में ट्रेड करता रहा. इससे डॉलर में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों की रिटर्न घट गई. मनी कंट्रोल एनालिस्ट हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक, “डॉलर बेस्ड रिटर्न घटने और ऊंचे वैल्यूएशन के कारण भारत, बाकी उभरते बाजारों के मुकाबले फिलहाल कम आकर्षक लग रहा है.”

डेट सेगमेंट में सबसे ज्यादा निकासी ₹7,487.52 करोड़ Fully Accessible Route (FAR) से हुई. वहीं, Debt-General Limit से ₹530.52 करोड़ और Debt-VRR से ₹175.38 करोड़ की निकासी रही. म्यूचुअल फंड स्कीमों से भी ₹81.46 करोड़ की सेलिंग हुई.

प्राइमरी मार्केट में फिर भी बनी रही मजबूती

हालात चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद प्राइमरी मार्केट में एक्टिविटी मजबूत रही. FPI की तरफ से ₹2,566.09 करोड़ का इनफ्लो प्राइमरी और अन्य रूट्स के जरिये हुआ, जिसने कुल इक्विटी आउटफ्लो को कुछ हद तक संतुलित किया.

सप्ताह के दौरान डेरिवेटिव मार्केट में भी भारी गतिविधि रही. इंडेक्स ऑप्शंस में कुल ₹14.97 लाख करोड़ की बाइंग और ₹15.06 लाख करोड़ की सेलिंग रिकॉर्ड की गई.

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FPI फ्लो रहेगा अस्थिर, बाजार को सतर्क रहने की जरूरत

कोटक सिक्योरिटीज के श्रीकांत चौहान ने कहा कि दुनियाभर के बाजार अमेरिकी फेड की पॉलिसी को लेकर पहले से ही रिएक्ट कर रहे हैं. भारत में भी RBI ने पॉलिसी रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है. लेकिन जब तक ग्लोबल अनिश्चितता और मुद्रा दबाव बने रहेंगे, तब तक विदेशी निवेश अस्थिर बना रहेगा.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.