5 साल और 50 हजार बना 30 लाख! इस शेयर ने बदली निवेशकों की किस्मत; GAIL-Aditya Birla जैसे दिग्गज हैं कस्टमर
साल 2020 में अगर आपने इस अनदेखे-से स्टॉक में सिर्फ 50,000 रुपये लगाए होते, तो आज वो रकम बन चुकी होती 30 लाख रुपये. इस चौंकाने वाली सफलता के पीछे क्या थी रणनीति, किन फैक्टर्स ने दिलाई 60X की बंपर ग्रोथ. जानिए पूरी कहानी इस रिपोर्ट में.
सोचिए, अगर आपने जून 2020 में किसी लो-प्रोफाइल माइक्रोकैप स्टॉक में सिर्फ 50,000 रुपये लगाए होते और 2025 के मिड मंथ तक वह राशि बढ़कर 30 लाख हो जाती. तो आपका रिएक्शन क्या होता. लाजमी है की आप खुशी से झूम उठते. यह खुशी अभी कई निवेशकों को महसूस हो रही है. और यह खुशी लोगों को दी है Lloyds Engineering Works (पूर्व में लॉयड्स स्टील इंडस्ट्रीज) के शेयरों ने. कंपनी के शेयरों ने महज 5 वर्षों में निवेशकों को लगभग 60 गुना रिटर्न दिया है.
नाम बदला, किस्मत बदली
1974 में स्थापित और जुलाई 2023 में रिनेम हुआ लॉयड्स इंजीनियरिंग वर्क्स एक खास किस्म की इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है जो प्रेशर वेसल्स, बॉयलर्स, हीट एक्सचेंजर्स और अन्य भारी इंडस्ट्रीयल इक्वीप्मेंट का निर्माण करती है. इसके क्लाइंट्स में ऑयल एंड गैस, न्यूक्लियर पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टील सेक्टर शामिल हैं.
मुरबाड, महाराष्ट्र में स्थित इसकी अत्याधुनिक फैक्ट्री को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रमाणित किया गया है. कंपनी ने 2016 में री-स्ट्रक्चरिंग के बाद लिस्टिंग की और 2021-22 में प्रोमोटर में बदलाव के साथ रिवाइवल की शुरुआत की.
2020 से 2025: ग्रोथ का पांच सालों का फॉर्मूला
- 2020-21: बुनियाद का साल
स्टॉक मात्र 1 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड करता था, कंपनी घाटे में थी लेकिन बदलाव की राह पर थी. - 2022-23: विस्तार की शुरुआत
रेवेन्यू 300 करोड़ रुपये पार, कंपनी मुनाफे में लौटी और नए सेक्टर्स जैसे कंस्ट्रक्शन में प्रवेश किया. - 2023-24: बूम का दौर
रेवेन्यू 624 करोड़ रुपये, मुनाफा 80 करोड़ रुपये के पार, और कोई कर्ज नहीं. यहां बनी कंपनी की एक मजबूत बैलेंस शीट. - 2024-25: रफ्तार बरकरार
टीटीएम रेवेन्यू 820 करोड़ रुपये, शुद्ध मुनाफा 100 करोड़ रुपये के पार और ऑर्डर बुक 1,300 करोड़ रुपये से ज्यादा.
60X की उड़ान कैसे भरी?
लॉयड्स इंजीनियरिंग वर्क्स की 60 गुना छलांग के पीछे कई कारकों की सामूहिक भूमिका रही. सबसे अहम कारण रहा भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कैपेक्स बूम, जिसमें कंपनी ने अपनी विशेषज्ञता के दम पर कई बड़े ऑर्डर्स हासिल किए. तेल, गैस, रक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में इसके हाई-एंड इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स की मांग तेजी से बढ़ी. इसके साथ ही कंपनी की सबसे बड़ी ताकत बनी उसकी वित्तीय अनुशासन जिसमें बिना कर्ज लिए हुए उसने अपने विस्तार की योजना को अंजाम दिया. कंपनी का क्लाइंट बेस भी मजबूत दिखता है जिसमें- Cochin Shipyard, Goa Shipyard, Bharat Petroleum, Coromandel, GAIL, Finolex, Indian Oil, HP, Aditya Birla Utkal Alumina जैसे नाम शामिल हैं.
मजबूत बैलेंस शीट और सुधरते मार्जिन्स ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया. ऐसे 5 साल पहले 1 रुपये पर ट्रेड होने वाला शेयर शुक्रवार यानी 20 जून को 57 रुपये पर बंद हुआ. उस पांच साल में इसने निवेशकों को 6000 फीसदी से ज्यादा मुनाफा दिया है.
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वैल्यू रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉयड्स ने समय-समय पर कुछ रणनीतिक अधिग्रहण भी किए, जिनसे न सिर्फ उसका प्रोडक्ट पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड हुआ बल्कि नए ग्राहक भी जुड़े. इस पूरी ग्रोथ स्टोरी को सपोर्ट किया तेज होते मार्केट सेंटिमेंट्स ने, खासकर स्मॉलकैप और डिफेंस-लिंक्ड कंपनियों में आई रैली ने इसके शेयर को ऊंचाई तक पहुंचाया. ऐसे में कारोबारी रणनीति, मजबूत वित्तीय प्रबंधन और बाजार की सकारात्मक धारणा- इन तीनों ने मिलकर इस स्टॉक को मल्टीबैगर बना दिया.
आज कंपनी प्रीमियम वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रही है, और निवेशकों को उम्मीद है कि न्यूक्लियर पावर और डिफेंस ऑर्डर्स इसकी ग्रोथ को और गति देंगे.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.