GST सुधारों से लेकर ट्रंप टैरिफ तक… ये 5 बातें तय करेंगी अगले हफ्ते बाजार की चाल, यहां देखें पूरी लिस्ट
अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार पर इन पांच कारकों का असर रहेगा. GST सुधार और पॉजिटिव आर्थिक कारक बाजार को तेजी दे सकते हैं, जबकि यूएस फेड के फैसले और ट्रंप की नीतियां भी महत्वपूर्ण होंगी. निवेशकों को इन कारकों पर नजर रखनी चाहिए और बाजार के रुझानों के हिसाब से निवेश करना चाहिए.
Share Market next Week: अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार कई महत्वपूर्ण कारकों से प्रभावित हो सकता है. छह हफ्तों की गिरावट के बाद, निफ्टी और सेंसेक्स ने पिछले हफ्ते करीब 1 फीसदी की बढ़त हासिल की. विदेशी निवेशकों ने करीब 10,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जबकि घरेलू निवेशकों ने 19,000 करोड़ रुपये की खरीदारी कर बाजार को संभाला. फार्मा और ऑटो सेक्टर में रिकवरी देखी गई, लेकिन एफएमसीजी कमजोर रहा. ऐसे में आइए जानते है कि अगले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले पांच प्रमुख कारक के बारे में विस्तार से जानते है.
ट्रंप-पुतिन मुलाकात का नतीजा
हाल ही में अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई. इस बैठक में कोई बड़ा समझौता तो नहीं हुआ, लेकिन दोनों नेताओं ने सकारात्मक बातचीत की और अगली मुलाकात की योजना बनाई. यह रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक अच्छा संकेत है. यह खबर वैश्विक बाजारों के लिए अच्छी हो सकती है. इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है, और बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है.
GST सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जीएसटी में बड़े सुधारों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दीवाली 2025 तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू हो सकते हैं. सरकार का प्रस्ताव है कि 99 फीसदी सामान को 12 फीसदी जीएसटी स्लैब से 5 फीसदी और 28 फीसदी स्लैब से 18 फीसदी में लाया जाए. जीएसटी एक उपभोग-आधारित कर है, इसलिए इन सुधारों से भारत में खपत बढ़ने की उम्मीद है. इससे एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कृषि जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ सकती है, जिससे शेयर बाजार में इन सेक्टरों की कंपनियों के शेयरों में तेजी आ सकती है.
US Fed minutes
अगले हफ्ते बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. अगर इसका कोई संकेत मिलता है, तो यह भारतीय बाजार के लिए अच्छी खबर होगी. ब्याज दरों में कटौती से विदेशी निवेशकों (एफआईआई) का पैसा भारत जैसे उभरते बाजारों में आ सकता है. इससे बाजार में तेजी आ सकती है. लेकिन अगर कोई कटौती का संकेत नहीं मिलता, तो विदेशी निवेशक बिकवाली बढ़ा सकते हैं, जिससे बाजार पर दबाव पड़ सकता है.
ट्रंप की भारत पर टैरिफ नीति
ट्रंप-पुतिन मुलाकात के बाद अब ध्यान ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात पर है. हालांकि, भारतीय बाजार पर इस मुलाकात का ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि बाजार को पहले से ही किसी बड़े समझौते की उम्मीद नहीं थी. ट्रंप की भारत पर टैरिफ नीति को लेकर भी ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू खपत, सेवा, विनिर्माण और तकनीक पर निर्भर है. अगर टैरिफ लागू भी होते हैं, तो भारत की जीडीपी पर इसका असर 0.2 फीसदी से भी कम होगा. इसलिए यह भारतीय बाजार के लिए बड़ा खतरा नहीं है.
भारत के सकारात्मक आर्थिक कारक
भारत में कई सकारात्मक आर्थिक कारक बाजार को मजबूती दे सकते हैं. हाल ही में इन्फ्लेशन रिकॉर्ड निचले स्तर पर है, ब्याज दरें कम हो रही हैं, और मानसून अच्छा रहा है. ये सभी कारक भारतीय शेयर बाजार के लिए सकारात्मक हैं. GST सुधारों के साथ मिलकर ये कारक बाजार में उछाल ला सकते हैं, भले ही वैश्विक स्तर पर टैरिफ से कुछ दबाव हो.
निफ्टी और बैंक निफ्टी के लिए महत्वपूर्ण स्तर
निफ्टी 50 ने 24,350 के स्तर पर मजबूत आधार बनाया है. अगर यह 24,700-24,800 के Resistance Levels को तोड़ता है, तो यह 24,950, 25,080 और 25,225 तक जा सकता है. इसका मुख्य समर्थन स्तर 24,575 और 24,350 है. बैंक निफ्टी ने भी 55,000 पर मजबूत आधार बनाया है. अगर यह 55,800 के Resistance को पार करता है, तो यह 56,400, 57,000 और 57,350 तक जा सकता है. लेकिन अगर यह 55,000 से नीचे जाता है, तो इसमें कमजोरी आ सकती है.
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डेटा सोर्स: BSE
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