3 टुकड़ों में बंट सकती है HAL! सालाना कमाई से आठ गुना ज्यादा है ऑर्डर बुक पर लेट डिलीवरी बना ‘जी का जंजाल’
देश की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी HAL पर इस वक्त भारी दबाव है. वायुसेना को वक्त पर लड़ाकू विमान नहीं मिल रहे और कंपनी पर रिकॉर्ड स्तर के ऑर्डर लंबित हैं. ऐसे हालात में सरकार ने कंपनी के ढांचे में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है.

देश की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) अब बड़े बदलाव के दौर से गुजरने वाली है. सरकार HAL को तीन हिस्सों में बांटने की तैयारी कर रही है ताकि सेना को समय पर लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर मिल सकें. दरअसल, लेट डिलीवरी HAL के लिए ‘जी का जंजाल’ बन गई है.
2.7 लाख करोड़ से ज्यादा का ऑर्डरबुक
कंपनी के पास फिलहाल HAL के पास 2.7 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का ऑर्डरबुक है. यह आंकड़ा कंपनी की सालाना कमाई से आठ गुना अधिक है. इनमें फाइटर एयरक्राफ्ट, हेलिकॉप्टर, कॉम्बैट हेलिकॉप्टर और इंजन सिस्टम जैसी अहम परियोजनाएं शामिल हैं. इतनी बड़ी बैकलॉग की वजह से समय पर डिलीवरी करना बेहद मुश्किल हो गया है और वायुसेना लगातार चिंता जता रही है.
हाल ही में वायुसेना ने HAL से 97 तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 66,500 करोड़ रुपये का करार किया है. इससे पहले फरवरी 2021 में 83 तेजस विमानों का 46,898 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया था, लेकिन अब तक एक भी विमान वायुसेना को नहीं मिला है. HAL का दावा है कि अक्टूबर से डिलीवरी शुरू होगी.
इंजन सप्लाई से मिल रही राहत
तेजस में लगने वाले GE-F404 इंजन की सप्लाई अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक कर रही है. अगस्त 2021 में 5,375 करोड़ रुपये का करार हुआ था. शुरुआती देरी के बाद अब सप्लाई में स्थिरता आ रही है. इससे उम्मीद है कि HAL तेजस प्रोजेक्ट की डिलीवरी को गति दे पाएगी.
तीन हिस्सों में बंटेगा ढांचा
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, HAL को तीन स्वतंत्र हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव है. इनमें पहला यूनिट फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट के लिए, दूसरा हेलिकॉप्टर निर्माण के लिए और तीसरा मरम्मत व रखरखाव यानी MRO के लिए होगा. पहले भी यह प्लान बनाया गया था, लेकिन तब पर्याप्त ऑर्डर न होने के वजह से लागू नहीं किया जा सका. अब जब कंपनी के पास रिकॉर्ड स्तर का ऑर्डरबुक है, सरकार इसे आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है.
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शेयरों का क्या है हाल?
बीते शुक्रवार यानी 3 अक्टूबर को कंपनी के शेयरों ने खुलते ही तेजी पकड़ ली ऐर 4870 रुपये पर बंद हुए. कंपनी 1 साल में न्यूनतम 3046 रुपये पर ट्रेड की है वहीं इसका अधिकतम आंकड़ा 5165 रुपये गया है. इसका मौजूदा मार्केट कैप 3,25,754 करोड़ रुपये है.
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