भारी कैश रिजर्व रख पराग पारिख, ICICI MF ने इन 4 कंपनियों में कर दिया निवेश, एक की कीमत तो ₹100; देखें लिस्ट
तेजी भरे बाजार में जहां हर कोई खरीदारी कर रहा है, कुछ म्यूचुअल फंड्स ने अलग रास्ता चुना है. कैश पर बैठे ये फंड्स बाजार को लेकर सतर्क तो दिख रहे हैं, लेकिन जब ये कदम बढ़ाते हैं, तो उसका मतलब कुछ खास होता है. खबर में पढ़ें किन स्टॉक्स में दिग्गज इंवेस्टर्स ने लगाया है अपना पैसा.

शेयर बाजार जब तेजी के दौर में होता है, तब अक्सर निवेशक बिना सोचे-समझे ऊंचे दाम पर खरीदारी करने लगते हैं. ऐसे समय में समझदार निवेश वही होते हैं जो शोरगुल से बचकर सही मौके तलाशते हैं. दिलचस्प बात यह है कि जब कुछ म्यूचुअल फंड मैनेजर बाजार की गर्मी में भी बड़ी मात्रा में कैश रखते हैं, तो यह उनकी सतर्कता और संयम को दर्शाता है. और जब वे आखिरकार किसी स्टॉक में निवेश करते हैं, तो यह इस बात का संकेत होता है कि उस शेयर में वाकई लंबी अवधि की संभावना मौजूद है.
कैश-हैवी फंड्स का इशारा
वर्तमान बाजार में पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड और ICICI प्रूडेंशियल स्मॉलकैप फंड खास तौर पर चर्चा में हैं. दोनों ने क्रमशः करीब 23 फीसदी और 15 फीसदी कैश अपने पास रखा है. यह साफ बताता है कि ये फंड मैनेजर सिर्फ रैली का हिस्सा बनने के बजाय चयनित दांव पर ध्यान दे रहे हैं. कैश रखना एक सोचा-समझा कदम है और इसका मतलब है कि ये फंड तभी निवेश करेंगे जब उन्हें असली वैल्यू दिखे.
पिछले छह महीनों में इन दोनों फंड्स ने कुछ चुनिंदा कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. चार कंपनियां ऐसी रहीं, जहां इनकी हिस्सेदारी कम से कम 1 फीसदी तक बढ़ी. आइए जानते हैं इन चार कंपनियों के बारे में.
1) Indian Energy Exchange
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज को भारत की बिजली की मंडी कहा जा सकता है. यहां खरीदार और विक्रेता सीधे मिलते हैं और बिजली की बोली लगती है. वित्त वर्ष 2025 में IEX ने करीब 121 अरब यूनिट बिजली का सौदा कराया, जो पिछले साल से 19 फीसदी ज्यादा है. फिलहाल देश में हर आठ यूनिट बिजली में से एक शॉर्ट-टर्म बाजार से खरीदी जाती है और एक्सचेंज इस हिस्से का करीब आधा संभालते हैं.
हालांकि, IEX के सामने मार्केट कपलिंग फ्रेमवर्क की बड़ी चुनौती है, जो जनवरी 2026 से लागू होगा. इसके बाद कीमत तय करने का अधिकार एक केंद्रीय ऑपरेटर के पास होगा और IEX की स्वतंत्र भूमिका घट जाएगी. यही कारण है कि स्टॉक का वैल्यूएशन पहले से घट चुका है और यह अब हाई-20s P/E पर कारोबार कर रहा है. कीमतें आकर्षक तो नहीं, लेकिन ओवरवैल्यू भी नहीं हैं. कंपनी के शेयर मौजूदा वक्त में 143.59 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं.
2) Jamna Auto
जमना ऑटो मीडियम और हेवी ट्रकों के लिए लीफ स्प्रिंग्स (सस्पेंशन पार्ट्स) बनाने वाली अग्रणी कंपनी है और इसकी मार्केट शेयर करीब 62–65 फीसदी है. अब कंपनी का अगला लक्ष्य इस दायरे को और बढ़ाना है. उसने पांच साल में 5,000 करोड़ रुपये की बिक्री का टारगेट रखा है, जिसमें आफ्टरमार्केट और एक्सपोर्ट्स से 40 फीसदी राजस्व आने की उम्मीद है.
इससे कंपनी को दोहरा फायदा होगा, OEM बिजनेस की मजबूती के साथ-साथ आफ्टरमार्केट से लगातार आय. कंपनी दिसंबर 2026 तक एक नई सस्पेंशन यूनिट भी शुरू करने जा रही है, जहां पेराबोलिक और एयर सस्पेंशन सिस्टम बनाए जाएंगे. स्टॉक फिलहाल लो-20s P/E पर उपलब्ध है, जो कैटेगरी लीडर के लिए सही दाम माना जा सकता है. बीते शुक्रवार कंपनी के शेयर 100 रुपये पर बंद हुए.
3) Century Enka
सेंचुरी एनका अपेक्षाकृत धीमी गति वाला कारोबार करती है. यह नायलॉन फिलामेंट यार्न और टायर-कोर्ड फैब्रिक बनाती है, जिनका इस्तेमाल वस्त्र और ऑटोमोबाइल उद्योग में होता है. कंपनी अब कार रैडियल टायरों के लिए पॉलिएस्टर टायर-कोर्ड फैब्रिक बनाने में भी उतर रही है.
हाल के महीनों में कंपनी को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. फरवरी 2025 में इसके भरूच प्लांट में आग लग गई थी, जिससे उत्पादन जून तक प्रभावित रहा. साथ ही सस्ते चीनी आयात से मार्जिन पर दबाव आया. जवाब में कंपनी वैल्यू-ऐडेड यार्न पर फोकस कर रही है, ऊर्जा लागत घटाने के लिए रिन्यूएबल्स अपना रही है और पॉलिएस्टर अनुमोदन बढ़ा रही है. नायलॉन यार्न में इसका मार्केट शेयर 23 फीसदी और टायर-कोर्ड फैब्रिक में 25 फीसदी है. स्टॉक फिलहाल हाई-टीन्स P/E पर है. सेंचुरी इंका बीते कारोबारी दिन 483 रुपये पर बंद हुआ.
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4) EID Parry
ईआईडी पैरी का नाम सबसे पहले शुगर बिजनेस से जुड़ता है, लेकिन असली ताकत इसके बायोफ्यूल्स में है. कंपनी छह शुगर प्लांट और करीब 582 किलो लीटर की डिस्टिलरी क्षमता रखती है. साथ ही इसकी 56 फीसदी हिस्सेदारी कोरमंडल इंटरनेशनल में है, जो इसे स्थिर आय का सहारा देती है.
भारत में 2025 तक 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य पूरा हो गया है, जिससे डिस्टिलरी बिजनेस को बड़ा सहारा मिला है. इसके अलावा कंपनी “पैरीज” ब्रांड के तहत चावल, दाल और मिलेट जैसे कंज्यूमर प्रोडक्ट्स पर भी हाथ आजमा रही है. हालांकि, शुगर बिजनेस हमेशा मौसम और सरकारी नीतियों पर निर्भर रहता है. स्टॉक फिलहाल हाई-टीन्स P/E बैंड में है. कंपनी के शेयर मौजूदा वक्त में 1042 रुपये हैं.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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