स्लिपेज बढ़ा, आमदनी गिरी… फिर भी ब्रोकरेज बोले- ‘HDFC Bank खरीद लो, जानें क्यों दिख रहा ये भरोसा
HDFC Bank के हालिया नतीजों ने निवेशकों को चौंकाया जरूर है, लेकिन बाजार के जानकार इससे उतने परेशान नहीं दिखे. एक बड़े आंकड़े के बावजूद ब्रोकरेज हाउस इसे खरीदने की सलाह क्यों दे रहे हैं? क्या इन नंबरों में कुछ ऐसा है जो आम नजर नहीं पकड़ सकती?
HDFC Bank Target Price: मार्केट में अगर किसी बैंक की चाल सबसे ज्यादा गौर से देखी जाती है, तो उनमें से एक है HDFC Bank. अब एक बार फिर यह बैंक निवेशकों की नजर में है. वजह है इसकी ताजा तिमाही कमाई, जिसमें बैंक ने ना सिर्फ मुनाफा दिखाया, बल्कि एक बारगी हुई आय से बड़ी-बड़ी प्रोविजनिंग भी कर डाली. इसके बावजूद Systematix जैसी ब्रोकरेज फर्म को इस बैंक पर भरोसा है. उन्होंने इस स्टॉक को ‘BUY’ रेटिंग दी है और आने वाले समय में इसके टारगेट प्राइस की भी घोषणा की है. लेकिन आखिर ऐसा क्या है जो उन्हें HDFC Bank को लेकर इतना आश्वस्त कर रहा है? चलिए समझते हैं पूरा मामला.
तिमाही मुनाफा और एक बार की आय
HDFC Bank ने FY26 की पहली तिमाही में 18,155 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछली तिमाही से 3.1 फीसदी और पिछले साल की तुलना में 12.2 फीसदी ज्यादा है. इस मुनाफे में सबसे बड़ा योगदान एक बार की आय का रहा, जो HDB Financials के शेयर बेचने से हुआ. इस डील से बैंक को 9,128 करोड़ रुपये का लाभ हुआ जिसे उसने प्रोविजनिंग में लगभग पूरी तरह झोंक दिया. बैंक ने 9,000 करोड़ रुपये की फ्लोटिंग प्रोविजन और 1,700 करोड़ रुपये की कंटिजेंसी प्रोविजन की है.
स्लिपेज बढ़ा, पर मुख्य वजह एग्रीकल्चर लोन
इस तिमाही में बैंक ने 9,000 करोड़ रुपये की ग्रॉस स्लिपेज रिपोर्ट की, जो पिछली तिमाही और साल-दर-साल दोनों के मुकाबले ज्यादा है. लेकिन मैनेजमेंट का कहना है कि इसका बड़ा हिस्सा कृषि लोन से जुड़ा है, जो परंपरागत रूप से पहली और तीसरी तिमाही में बढ़ता है. अगर एग्री स्लिपेज को छोड़ दें, तो स्लिपेज की राशि 6,800 करोड़ रुपये रही, जो सामान्य मानी जा सकती है. नेट स्लिपेज 4,800 करोड़ रुपये रही और बैंक की क्रेडिट कॉस्ट (प्रोविजनिंग के साथ) 2.2 फीसदी रही. लेकिन अगर फ्लोटिंग और कंटिजेंसी प्रोविज़न को निकाल दें, तो यह 0.57% है, जो सामान्य स्तर पर है.
NIM पर दबाव, पर उम्मीद बाकी है
बैंक की नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) इस तिमाही में घटकर 3.5% रही, जो पिछली तिमाही से 20 बेसिस प्वाइंट नीचे है. इसका बड़ा कारण रेपो रेट कट का असर और लोन की यील्ड पर दबाव है. हालांकि बैंक ने डिपॉजिट रेट घटाकर इस दबाव को कुछ हद तक संतुलित किया है. मैनेजमेंट का कहना है कि अगली तिमाही में NIM और गिरेगा लेकिन उसके बाद सुधार की उम्मीद है, क्योंकि बैंक की लायबिलिटी रीप्राइसिंग शुरू हो जाएगी.
जहां बैंक की कुल एडवांस (लोन) ग्रोथ इस तिमाही में सिर्फ 0.4% रही, वहीं डिपॉजिट ग्रोथ 1.8% रही. खास बात ये है कि छोटे और मिड-बिज़नेस (SME) लोन में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली — 2.4% QoQ और 17.1% YoY. हालांकि बैंक का CASA रेश्यो घटा है लेकिन मैनेजमेंट का मानना है कि अगले कुछ क्वार्टर में इस पर दोबारा फोकस होगा और इसमें सुधार आएगा.
बोनस और डिविडेंड का तोहफा
इस तिमाही में बैंक ने 5 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम डिविडेंड और 1:1 का बोनस भी घोषित किया. यानी हर शेयरहोल्डर को एक शेयर के बदले एक नया बोनस शेयर मिलेगा.
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Systematix का भरोसा और टारगेट प्राइस
Systematix ब्रोकरेज ने बैंक की प्रोविजनिंग और मार्जिन में दबाव को ध्यान में रखते हुए अपने अनुमान को थोड़ा घटाया है, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने स्टॉक पर भरोसा जताया है. उन्होंने HDFC Bank के लिए नया टारगेट प्राइस 2,290 रुपये तय किया है, जो पहले 2,300 रुपये था. उनका मानना है कि FY27 तक बैंक का बुक वैल्यू 811 रुपये प्रति शेयर होगा और वे इसे 2.5x के मल्टीपल से वैल्यू कर रहे हैं. साथ ही बैंक की सब्सिडियरीज और एसोसिएट कंपनियों का वैल्यूएशन 266 रुपये प्रति शेयर बताया गया है. शुक्रवार को कंपनी के शेयर गिरावट के साथ 1957 रुपये पर बंद हुए.
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