तीन हफ्तों से जारी है गिरावट! अब Reliance-HDFC के नतीजों से क्या पलटेगा बाजार का ट्रेंड; जानें एक्सपर्ट्स से
शेयर बाजार में लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है. तकनीकी संकेतों से बाजार का मूड बिगड़ा दिख रहा है, वहीं कुछ सेक्टर्स में हलचल भी बनी हुई है. इस हफ्ते कुछ बड़े स्टॉक्स की चाल और विदेशी निवेशकों की हरकतें बाज़ार की दिशा तय कर सकती हैं.

बीते तीन हफ्तों से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है और इस हफ्ते भी निफ्टी और बैंक निफ्टी ने लाल निशान में क्लोजिंग दी है. तकनीकी विश्लेषण के अनुसार, बाजार अब भी कमजोर स्थिति में है और निवेशकों को अगले कुछ सत्रों में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. SBI Securities के टेक्निकल और डेरिवेटिव रिसर्च हेड, शुभदीप शाह के मुताबिक, अगर आने वाले नतीजे और ग्लोबल संकेत सकारात्मक नहीं रहे तो गिरावट और गहराई ले सकती है.
निफ्टी पर दबाव बरकरार, RSI कमजोर
निफ्टी ने लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट के साथ क्लोजिंग दी है. वीकली चार्ट पर यह एक ‘लोअर हाई, लोअर लो’ पैटर्न बना रहा है, जो एक क्लासिक डाउनट्रेंड का संकेत है. निफ्टी तीन बार 20-डे EMA को पार करने की कोशिश कर चुका है, लेकिन हर बार असफल रहा. अब यह इंडिकेटर नीचे की ओर झुक गया है, जो कमजोरी का संकेत है. वहीं, RSI 43 के स्तर पर है, जो अप्रैल 2025 के बाद सबसे कम है.
तकनीकी रूप से, 24860-24900 का जोन निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट है, जबकि 25130-25160 का दायरा तत्काल रेजिस्टेंस की तरह काम करेगा.
कहां बचे, कहां करे निवेश?
एक्सपर्ट के मुकाबले, फार्मा, मेटल्स, पब्लिक सेक्टर बैंक्स और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे सेक्टरों में मजबूती बनी हुई है. वहीं, आईटी, रक्षा और कैपिटल गुड्स जैसे सेक्टर कमजोर ट्रेंड में हैं और इनसे दूर रहने की सलाह दी जा रही है. तकनीकी आधार पर कुछ स्टॉक्स जैसे – डालमिया भारत, बजाज फाइनेंस, गोदरेज प्रॉपर्टीज, चेन्नई पेट्रो और सुमितोमो केमिकल निकट भविष्य में बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. इन कंपनियों में तकनीकी मजबूती और पोजिटिव ब्रेकआउट के संकेत हैं.
बैंक निफ्टी में भी कमजोरी, ‘राइजिंग वेज’ से ब्रेकडाउन
बैंकिंग शेयरों में भी गिरावट जारी है. बैंक निफ्टी ने ‘राइजिंग वेज’ पैटर्न से ब्रेकडाउन दिया है और यह अपने 20-डे EMA के नीचे ट्रेंड कर रहा है. RSI 45 पर है, जो मार्च 2025 के बाद सबसे निचला स्तर है. सपोर्ट 55850 के आसपास है, जिसके नीचे 55300 तक गिरावट संभव है. वहीं, 56700-56800 का दायरा प्रमुख रेजिस्टेंस है.
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FII की बिकवाली बनी बड़ी चुनौती
जुलाई में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) कैश सेगमेंट में करीब 17,000 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं. डेरिवेटिव्स में उनका लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो सिर्फ 15% पर आ गया है, जो इस साल का सबसे निचला स्तर है. यह दर्शाता है कि FII फिलहाल बाजार को लेकर बेहद नकारात्मक रुख अपना रहे हैं. हालांकि, जब-जब यह रेशियो इतना कम हुआ है, तब-तब बाजार में शॉर्ट-कवरिंग रैली की संभावना बनी है.
डिस्क्लेमर: यह खबर निवेश सलाह नहीं है. इसमें व्यक्त किए गए विचार और विश्लेषण एक्सपर्ट की निजी राय पर आधारित हैं. बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें.
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