HDFC Bank से ITC तक, बिकवाली के बीच भी इन शेयरों पर FII का सबसे ज्यादा भरोसा; जानें कौन-कौन हैं शामिल
साल 2025 में भारी बिकवाली के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों का भरोसा भारतीय शेयर बाजार की चुनिंदा मजबूत कंपनियों पर बना हुआ है. एचडीएफसी बैंक, आईटीसी, हैवेल्स इंडिया और एसआरएफ जैसे शेयर एफआईआई के पोर्टफोलियो में शीर्ष पर बने हुए हैं.
FII investments: साल 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है. द मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर ईयर 2025 में अब तक एफआईआई ने भारतीय शेयरों में करीब 18,285 मिलियन डॉलर की शुद्ध बिकवाली की है. इसे अब तक का सबसे खराब साल माना जा रहा है. 12 में से 8 महीनों में लगातार बिकवाली के चलते न केवल भारतीय शेयर बाजार पर, बल्कि भारतीय रुपये पर भी दबाव साफ नजर आया है. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 91 के पार अपने ऑल टाइम लो लेवल तक फिसल चुका है.
जैफरीज की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन लगभग तीन दशकों में सबसे कमजोर रहा है. इसके बावजूद, कई बड़े एफआईआई अब भी चुनिंदा भारतीय कंपनियों में लंबी अवधि के नजरिए से मजबूत निवेश बनाए हुए हैं. ट्रेंडलाइन के आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि बिकवाली के दौर में भी बड़े विदेशी निवेशक भारत की मजबूत कंपनियों पर भरोसा जता रहे हैं.
सिंगापुर सरकार: भारत की सबसे बड़ी एफआईआई
भारतीय शेयर बाजार में सिंगापुर सरकार सबसे बड़ी एफआईआई बनी हुई है. ट्रेंडलाइन के अनुसार, सिंगापुर सरकार सार्वजनिक तौर पर 57 भारतीय शेयरों में निवेश रखती है, जिनकी कुल वैल्यू 197,571.7 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसका सबसे बड़ा दांव एचडीएफसी बैंक पर है. सितंबर तिमाही तक सिंगापुर सरकार के पास एचडीएफसी बैंक के 326,956,006 शेयर थे, जो 2.5 फीसद हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. इस हिस्सेदारी की वैल्यू करीब 32,211.7 करोड़ रुपये आंकी गई है.
नॉर्वे का सॉवरेन फंड और एचडीएफसी बैंक पर भरोसा
नॉर्वे का गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल भारतीय बाजार का दूसरा सबसे बड़ा एफआईआई है. इस फंड का भारतीय पोर्टफोलियो करीब 147,950.2 करोड़ रुपये का है. एचडीएफसी बैंक यहां भी इसका सबसे बड़ा निवेश बना हुआ है. सितंबर तिमाही तक फंड के पास बैंक में 1.3 फीसद हिस्सेदारी थी, जिसकी वैल्यू लगभग 17,290.6 करोड़ रुपये है.
जीक्यूजी पार्टनर्स और आईटीसी पर बड़ा दांव
राजीव जैन के नेतृत्व वाला जीक्यूजी पार्टनर्स उन एफआईआई में शामिल है, जिसने हिंडनबर्ग विवाद के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में निवेश कर खास पहचान बनाई थी. जीक्यूजी पार्टनर्स फिलहाल 12 भारतीय शेयरों में निवेश रखता है, जिसकी कुल वैल्यू 78,695.7 करोड़ रुपये है. इसका सबसे बड़ा दांव आईटीसी पर है. सितंबर तिमाही तक फंड के पास आईटीसी में 3.75 फीसद हिस्सेदारी थी, जिसकी वैल्यू करीब 18,870.5 करोड़ रुपये है.
वैनगार्ड, स्मॉलकैप वर्ल्ड और हेल्थकेयर पर फोकस
वैनगार्ड फंड भारतीय बाजार में 40 शेयरों में निवेश रखता है, जिनकी कुल वैल्यू 66,677.8 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसका सबसे बड़ा निवेश एचडीएफसी बैंक में है, जबकि इन्फोसिस दूसरा बड़ा दांव है. वहीं स्मॉलकैप वर्ल्ड इंक का झुकाव हेल्थकेयर सेक्टर की ओर ज्यादा है. इस फंड का सबसे बड़ा निवेश मैक्स हेल्थकेयर में है, जहां इसका निवेश करीब 3,312.1 करोड़ रुपये का है.
हैवेल्स, एसआरएफ और अन्य पसंदीदा शेयर
नालंदा कैपिटल के नालंदा इंडिया फंड का सबसे बड़ा दांव हैवेल्स इंडिया पर है, जहां इसकी 4.1 फीसद हिस्सेदारी है. अमांसा होल्डिंग्स का सबसे बड़ा निवेश एसआरएफ में है. इसके अलावा गोल्डमैन सैक्स इंडिया, मलाबार इन्वेस्टमेंट्स और नोमुरा इंडिया जैसे एफआईआई केमिकल, फार्मा और बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में भी मजबूत हिस्सेदारी बनाए हुए हैं.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.