49000 करोड़ का ऑर्डरबुक, अमेरिका से हो रही मोटी कमाई, क्या ये 3 सोलर स्टॉक्स दे रहे हैं फ्यूचर ग्रोथ की गारंटी?
भारत के सोलर सेक्टर में एक ऐसा बदलाव हो रहा है जो आने वाले सालों में निवेशकों के लिए बड़ा मौका बन सकता है. सरकार की नीतियों और घरेलू उत्पादन में उछाल से कुछ कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं. कौन हैं ये कंपनियां, जानिए इस खास रिपोर्ट में.
भारत के सोलर सेक्टर में तेजी से बदलाव हो रहे हैं और अब यह कहानी केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता तक सीमित नहीं रही, बल्कि शेयर बाजार के निवेशकों के लिए भी नए मौके खोल रही है. सरकार की नीतियों और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाली योजनाओं के चलते देश ने सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माण में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. 2014 में जहां क्षमता महज 2.3 गीगावॉट थी, वहीं अब यह 100 गीगावॉट के पार पहुंच चुकी है. यह उछाल न केवल ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को मजबूत करता है, बल्कि उन कंपनियों पर भी रोशनी डालता है जिन्हें निवेशक अपनी वॉचलिस्ट में रख सकते हैं.
सरकार की रणनीति और ALMM लिस्ट का महत्व
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (MNRE) ने 2 जनवरी 2019 को ALMM ऑर्डर जारी किया था. इस पहल के तहत देश के सोलर मॉड्यूल निर्माताओं की अधिकृत सूची तैयार की गई. 2021 में जब पहली लिस्ट आई, तब कुल क्षमता 8.2 गीगावॉट और सिर्फ 21 कंपनियां इसमें शामिल थीं. आज 100 से अधिक कंपनियां और 123 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स इस सूची का हिस्सा हैं. इस तेज विस्तार के पीछे सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम और आयात पर नियंत्रण जैसी नीतियां अहम रही हैं. इन कदमों ने घरेलू कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया और निर्यात के नए अवसर खोले.
निवेशकों की नजर में सोलर स्टॉक्स
सोलर मैन्युफैक्चरिंग में आई इस उछाल का सीधा असर शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध कंपनियों पर दिख रहा है. जिन कंपनियों के पास बड़े पैमाने पर उत्पादन क्षमता और मजबूत ऑर्डर बुक है, वे आने वाले वर्षों में बेहतर पर्फॉर्म करने का वादा करती नजर आ रही हैं. तीन प्रमुख कंपनियां हैं, जिन पर निवेशक नजर रख सकते हैं.
Waaree Energies Limited
भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल निर्माता कंपनियों में से एक Waaree Energies है जिसका मार्केट कैप 82,846 करोड़ रुपये है. कंपनी के शेयर हाल ही में 2 प्रतिशत गिरावट के साथ 2,883.80 रुपये पर बंद हुए. बीते साल अक्टूबर 2024 में लिस्ट हुए इस स्टॉक ने निवेशकों को अबतक 15 फीसदी का मुनाफा दे दिया है.
कंपनी के पास वर्तमान में 15 गीगावॉट मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग और 5.4 गीगावॉट सेल क्षमता है. इनमें से 13.3 गीगावॉट भारत में और 1.6 गीगावॉट अमेरिका में स्थापित है. Waaree आने वाले वर्षों में कैपेसिटी लगभग दोगुनी करने की तैयारी में है. FY27 तक कंपनी का टारगेट है कि मॉड्यूल की क्षमता 25.7 गीगावॉट, सेल क्षमता 15.4 गीगावॉट और इनगॉट-वेफर क्षमता 10 गीगावॉट तक पहुंच जाए.
कंपनी का मौजूदा ऑर्डर बुक 49,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है और इसका अधिकांश हिस्सा अमेरिकी ग्राहकों से आ रहा है. Waaree का ऑर्डर पाइपलाइन 100 गीगावॉट से अधिक की है. FY26 के लिए कंपनी ने 5,500 से 6,000 करोड़ रुपये के EBITDA का अनुमान जताया है. यह संकेत देता है कि Waaree निवेशकों के लिए एक मजबूत दांव साबित हो सकती है.
Insolation Energy Limited
जयपुर आधारित Insolation Energy का मार्केट कैप 4,752 करोड़ रुपये है. कंपनी के शेयर हाल ही में 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ 215 रुपये पर बंद हुए. बीत पांच साल में कंपनी ने निवेशकों को 2734 फीसदी का मुनाफा दिया है.
भविष्य की ओर देखते हुए, कंपनी FY26 में 3300 करोड़ रुपये का राजस्व, FY27 में 5500 करोड़ और FY28 में 8600 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान लगा रही है. इसी अवधि में ग्रॉस प्रॉफिट 792 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,494 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है.
Insolation Energy ने FY27-28 तक 8 गीगावॉट मॉड्यूल और 3 गीगावॉट सेल उत्पादन क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है. कंपनी मॉड्यूल बिक्री से 7000 करोड़, EPC कॉन्ट्रैक्ट्स से 1,100 करोड़ और अन्य कारोबार से 500 करोड़ रुपये कमाने की योजना बना रही है. इसके लिए कंपनी 1,300 करोड़ रुपये का कैपेक्स कर रही है, जिसमें से 300 करोड़ आंतरिक स्रोतों से और 1,000 करोड़ रुपये कर्ज के जरिए जुटाए जाएंगे.
Premier Energies Limited
Premier Energies भारत की एक अग्रणी सोलर कंपनी है, जो सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग में सक्रिय है. कंपनी का मार्केट कैप 44,428 करोड़ रुपये है और इसके शेयर हाल ही में 985.60 रुपये पर बंद हुए. बीते साल सितंबर में लिस्ट हुए इस स्टॉक ने निवेशकों को थोड़ा घाटा दिया है.
Premier Energies भारत की पहली ऐसी कंपनी है जिसने TOPCon सेल्स का उत्पादन शुरू किया और आज भारत से निर्यात होने वाले सोलर सेल्स में इसका लगभग पूरा हिस्सा है. कंपनी FY28 तक इनगॉट, वेफर, सेल, मॉड्यूल, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) और इनवर्टर मैन्युफैक्चरिंग में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है.
फिलहाल कंपनी के पास 8,602.7 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक है, जो 5,545 मेगावॉट क्षमता के बराबर है. इसमें से 60 प्रतिशत मॉड्यूल्स, 39 प्रतिशत सेल्स और शेष EPC कॉन्ट्रैक्ट्स शामिल हैं. Premier Energies का लक्ष्य है कि 2028 तक 11 गीगावॉट मॉड्यूल और 10 गीगावॉट प्रत्येक इनगॉट-वेफर और सेल्स की क्षमता हासिल की जाए.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.