भारत में बनी पहली सेमीकंडक्टर चिप, अमेरिका को होगा एक्सपोर्ट; वॉचलिस्ट में रखें ये 4 स्टॉक
भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को लेकर एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है. सरकार की योजनाओं और कंपनियों की तैयारी अब जमीनी रूप लेने लगी है. इस सेक्टर एक कंपनी ने हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया है, जो भारत की ग्लोबल उपस्थिति को नई ऊंचाई दे सकता है.
भारत में सेमीकंडक्टर चिप बनाने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया गया है. Kaynes Technology की सब्सिडियरी कंपनी Kaynes Semicon ने गुजरात के साणंद में बनी अपनी यूनिट से पहली ‘Made in India’ सेमीकंडक्टर चिप तैयार कर ली है. और खास बात यह है कि इस चिप को खरीदने वाली पहली अमेरिकी कंपनी भी मिल गई है- Alpha & Omega Semiconductor (AOS). इसका मतलब ये हुआ कि भारत में बना चिप अब अमेरिका की कंपनी इस्तेमाल के लिए जांचेगी. यह देश के सेमीकंडक्टर मिशन के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है.
Kaynes Semicon की चिप अब अगस्त 2025 में क्वालिफिकेशन टेस्ट के लिए अमेरिका भेजी जाएगी. अगर ये टेस्ट पास हो जाता है, तो भारत पहली बार बड़े स्तर पर कमर्शियल चिप प्रोडक्शन की ओर कदम बढ़ा देगा. यह पूरी प्रक्रिया चिप निर्माण के उस हिस्से को दिखाती है जिसे OSAT कहा जाता है- यानि चिप की असेंबलिंग, टेस्टिंग और पैकेजिंग.
AOS के साथ 5 साल का करार
कंपनी ने अपने प्राइमरी प्रोडक्शन का 60% हिस्सा अमेरिका की AOS को देने के लिए 5 साल का एग्रीमेंट किया है. इसके अलावा Kaynes कई अन्य ग्लोबल कंपनियों से भी बातचीत कर रही है, जिनमें ST Microelectronics, Broadcom, Intel, ROHM Semiconductor और Infineon Technologies शामिल हैं.
सितंबर 2024 में भारत सरकार ने 5 कंपनियों को Indian Semiconductor Mission (ISM) के तहत चिप मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को विकसित करने की मंजूरी दी थी. इनमें से 4 कंपनियां लिस्टेड हैं वहीं टाटा ग्रुप की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को भी मंजूरी मिली है पर वह शेयर बाजार में ट्रेड नहीं करती. इस रिपोर्ट में हम Kaynes के अलावा बाकी 4 कंपनियों की जानकारी आपको देंगे, जिसे फोकस में बनाए रखना आपके लिए मुनाफे का सौदा हो सकता है.
ये 4 कंपनियां वॉचलिस्ट पर रखें
- MosChip Technologies
MosChip सेमीकंडक्टर डिजाइन और एम्बेडेड सॉल्यूशंस में माहिर कंपनी है. यह एक फेबलेस कंपनी है जो चिप डिजाइनिंग करती है लेकिन मैन्युफैक्चरिंग नहीं करती. जुलाई 2024 में C-DAC से Rs 50 अरब का कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद इसमें तेजी देखने को मिली. यह कंपनी RISC-V आर्किटेक्चर और हाई परफॉर्मेंस प्रोसेसर डेवलपमेंट पर भी काम कर रही है. शेयर बाजार में कंपनी के स्टॉक 3 जुलाई को 175.91 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे.
- Cyient
हैदराबाद स्थित Cyient की नई सब्सिडियरी Cyient Semiconductors चिप डिजाइन, ASIC डेवलपमेंट और एम्बेडेड सिस्टम्स पर काम कर रही है. FY25 में इसका DET (Digital, Engineering & Technology) डिविजन US$ 688 मिलियन की कमाई कर चुका है. कंपनी की स्ट्रेंथ इसका मल्टी-सेक्टर अनुभव है जिसमें एयरोस्पेस, हेल्थकेयर, ट्रांसपोर्टेशन जैसे क्षेत्र शामिल हैं. मौजूदा वक्त में कंपनी के शेयर 1,296.80 रुपये है.
- Kaynes Technology
Kaynes Technology एक एंड-टू-एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, जिसकी सब्सिडियरी Kaynes Semicon अब OSAT यूनिट बना रही है. यह यूनिट फुल स्केल पर 6 मिलियन चिप्स प्रतिदिन बनाएगी और इसका फोकस इंडस्ट्रियल, EV, टेलीकॉम और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर पर होगा. कंपनी के शेयर 6,202.50 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं.
- CG Power & Industrial Solutions
Murugappa ग्रुप की इस कंपनी ने Renesas Electronics और Stars Microelectronics के साथ मिलकर OSAT फैसेलिटी की घोषणा की है. यह यूनिट प्रतिदिन 15 मिलियन चिप्स का प्रोडक्शन करेगी और इसका इस्तेमाल कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर ऑटोमोटिव सेक्टर तक होगा. कंपनी के शेयर 666 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं.
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अवसर और जोखिम दोनों मौजूद
Semicon 2.0 के तहत भारत सरकार का टारगेट है कि 2030 तक भारत का 5 फीसदी ग्लोबल चिप प्रोडक्शन में योगदान हो. इस दिशा में कई पॉलिसी पहल की गई हैं और अब वास्तविक निवेश भी जमीन पर उतरने लगा है. हालांकि यह इंडस्ट्री पूंजी-प्रधान और जोखिमों से भरी है, लेकिन अगर चीजें सही दिशा में बढ़ती रहीं, तो निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर बन सकता है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यह सामग्री केवल सूचना के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है और इसे निवेश सलाह या सिफारिश के रूप में न माना जाए. किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.