लिथियम मार्केट में तेजी का मिलेगा फायदा? निवेशकों के लिए ये कंपनियां बन सकती हैं गेम चेंजर; 900% तक दिया रिटर्न
भारत में तेजी से बढ़ते लिथियम मार्केट में सरकारी और निजी दोनों कंपनियां कदम रख रही हैं. Hindustan Copper, Coal India, और Amara Raja Energy & Mobility अब लिथियम खनन और बैटरी निर्माण में एक्टिव हो रही हैं. ये कंपनियां निवेशकों के लिए नए मौके पैदा कर सकती हैं. जानें सभी की वित्तीय स्थिति और शेयरों का हाल.
Lithium Stock with FY Results and Return: दुनिया तेजी से क्लीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ रही है, और इसमें लिथियम की भूमिका बेहद अहम हो गई है. इसकी खास इलेक्ट्रोकेमिकल खासियत इसे नई बैटरी और एनर्जी स्टोरेज तकनीकों के लिए जरूरी बनाती हैं. इस सेक्टर में काफी तेजी से विकास भी हो रहा है. भारत में भी कई बड़ी कंपनियां लिथियम माइनिंग और बैटरी निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने की तैयारी कर रही हैं. आइए जानते हैं उन प्रमुख कंपनियों के बारे में जो इस बढ़ते लिथियम मार्केट में अहम भूमिका निभा कर निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकती हैं. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो 2033 तक लिथियम बाजार 4.92 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. पिछले दो साल यानी 2023 से 2025 के बीच ही इस सेक्टर में 21.12 फीसदी की CAGR के साथ तेजी से बढ़ा है.
Hindustan Copper
हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है और भारत की एकमात्र वर्टिकली इंटीग्रेटेड कॉपर उत्पादक कंपनी मानी जाती है. यह खनन से लेकर स्मेल्टिंग और रिफाइनिंग तक, तांबे के पूरे प्रोडक्शन चक्र में काम करती है. कंपनी NALCO और MECL के साथ मिलकर KABIL (Khanij Bidesh India Limited) नाम की एक जॉइंट वेंचर का हिस्सा है. इसी साझेदारी के तहत, भारतीय PSUs ने अर्जेंटीना में लिथियम खनन प्रोजेक्ट हासिल की हैं, जहां खोजबीन जारी है. इसके अलावा, हिंदुस्तान कॉपर ने Oil India के साथ एक समझौता (MoU) भी किया है ताकि अहम खनिजों, जैसे कॉपर और लिथियम के जांच और विकास पर मिलकर काम किया जा सके.
वित्तीय स्थिति
FY26 की पहली तिमाही में कंपनी की कुल आय 516.4 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 493.6 करोड़ रुपये से थोड़ी अधिक है. नेट प्रॉफिट में भी वृद्धि हुई और यह 134.3 करोड़ रुपये पहुंच गया. इंडोनेशिया की Grasberg Mine (दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कॉपर खान) में प्रोडक्शन रुकने से तांबे की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे कंपनी को सीधा फायदा मिला है.
शेयर का हाल
हाल ही में कॉपर की वैश्विक कीमतों में उछाल आने से हिंदुस्तान कॉपर के शेयर 351.10 रुपये के साथ नए 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. कंपनी के शेयर शुक्रवार, 3 अक्टूबर को 0.87 फीसदी की तेजी के साथ 338.10 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए. पिछले 5 साल में स्टॉक का भाव तकरीबन 900 फीसदी तक ऊपर जा चुका है. कंपनी का मार्केट कैप 32,695 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
Coal India
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) भारत सरकार की स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कोयला बनाने वाली कंपनी है. यह देश के कुल घरेलू कोयला प्रोडक्शन का लगभग 80–84 फीसदी और कुल बिजली प्रोडक्शन का 55 फीसदी हिस्सा अकेले प्रदान करती है. अब यह कंपनी लिथियम खनन के क्षेत्र में भी प्रवेश की तैयारी कर रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, Coal India अर्जेंटीना की YPF कंपनी के साथ 50:50 के Joint Venture पर विचार कर रही है. यह साझेदारी लिथियम की खोज, खनन और उसके इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए होगी. वर्तमान में दोनों कंपनियों के बीच एक Non-Binding Agreement साइन किया गया है, और खनन क्षेत्र तय होने के बाद इसे औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा.
वित्तीय स्थिति
FY26 की पहली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 35,842 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के 37,503 करोड़ रुपये से कम है. नेट प्रॉफिट भी घटकर 8,590 करोड़ रुपये रह गया. कोल इंडिया अपनी अंडरग्राउंड माइंस में आधुनिक तकनीक जैसे Continuous Miners और बड़े पैमाने की मशीनरी का इस्तेमाल कर प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है. कंपनी का टारगेट हाई क्वालिटी और स्थायी प्रोडक्शन को सुनिश्चित करना है.
शेयर का हाल
शुक्रवार, 3 अक्टूबर को कंपनी का शेयर 1.45 फीसदी की गिरावट के साथ 383.35 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ. पिछले 1 साल में स्टॉक का भाव 23 फीसदी तक टूट चुका है. हालांकि, 5 साल के दौरान इसमें 222 फीसदी की तेजी दिखी है. कंपनी का मार्केट कैप 2,36,248 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
Amara Raja Energy & Mobility
अमारा राजा एनर्जी एंड मोबिलिटी लिमिटेड भारत की प्रमुख बैटरी निर्माता कंपनी है, जो ऑटोमोबाइल और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए लीड-एसिड बैटरियां बनाती है. अब कंपनी लिथियम-आयन सेल मैन्युफैक्चरिंग में कदम रख रही है. तेलंगाना में बन रही यह गीगाफैक्ट्री भारत की सबसे बड़ी लिथियम-आयन बैटरी निर्माण इकाइयों में से एक होगी. इसकी पहली फेज 2027 में शुरू होने की उम्मीद है. यह प्रोजेक्ट भारत को एनर्जी स्टोरेज तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम है.
वित्तीय स्थिति
FY26 की पहली तिमाही में कंपनी की बिक्री 3,401 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 3,263 करोड़ रुपये से अधिक है. हालांकि, नेट प्रॉफिट में गिरावट आई जिसके बाद वह घटकर 164 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी का ध्यान अब इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस पर केंद्रित है, जिससे आने वाले सालों में इसकी वृद्धि की संभावनाएं मजबूत दिखती हैं.
शेयर का हाल
शुक्रवार, 3 अक्टूबर को स्टॉक 0.64 फीसदी की तेजी के साथ 999.35 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ. पिछले 1 महीने में शेयर ने अपने निवेशकों को 2.98 फीसदी का नेगेटिव रिटर्न दिया है. वहीं, 5 साल के दौरान इसमें 32.64 फीसदी का रिटर्न दिया है. कंपनी का मार्केट कैप 18,291 करोड़ रुपये दर्ज किया गया.
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डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.