एक्शन मोड में SEBI… HDFC से जुड़ा इनसाइडर ट्रेडिंग मामला, लगाया 10 लाख का जुर्माना; जानें पूरा मामला
SEBI ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. यह फैसला HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के विलय से जुड़े एक इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में है. सेबी ने रूपेश सतीश दलाल HUF पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. 4 अप्रैल, 2022 को HDFC बैंक और HDFC लिमिटेड के विलय की घोषणा हुई. इस खबर के बाद दोनों कंपनियों के शेयरों की कीमत में 9-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

HDFC: SEBI ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया. यह फैसला HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के विलय से जुड़े एक इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में है. सेबी ने रूपेश सतीश दलाल HUF पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. SEBI ने नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 के बीच हुई ट्रेडिंग की जांच की. यह जांच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की एक शिकायत के आधार पर शुरू हुई, इसमें HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के शेयरों में संदिग्ध ट्रेडिंग की बात थी.
शेयरों की कीमत में बढ़ोतरी
4 अप्रैल, 2022 को HDFC बैंक और HDFC लिमिटेड के विलय की घोषणा हुई. इस खबर के बाद दोनों कंपनियों के शेयरों की कीमत में 9-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. सेबी की जांच में पता चला कि ट्रेडिंग का समय और तरीका विलय की खबर से जुड़ा था. सेबी ने कहा कि विलय की कीमत और संरचना से जुड़ी जानकारी गोपनीय और महत्वपूर्ण थी, जिसका दुरुपयोग हुआ.
क्या है मामला?
जांच में सामने आया कि डेलॉयट इंडिया का एक पूर्व कर्मचारी रूपेश सतीश दलाल के बेटे का दोस्त था. सेबी को शक है कि इस दोस्ती के जरिए गोपनीय जानकारी हासिल की गई. इस जानकारी के आधार पर रूपेश सतीश दलाल HUF ने HDFC बैंक और HDFC लिमिटेड के डेरिवेटिव में ट्रेडिंग की. सेबी ने पाया कि इस दौरान HUF ने केवल इन्फोसिस के कॉन्ट्रैक्ट्स में ही ट्रेडिंग की थी. सेबी की रिपोर्ट में कहा गया कि रूपेश सतीश दलाल एचयूएफ ने विलय की घोषणा से पहले एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के कई कॉल ऑप्शन खरीदे और घोषणा के बाद इन्हें बेचकर 5.67 लाख रुपये (एचडीएफसी) और 2.52 लाख रुपये (एचडीएफसी बैंक) का मुनाफा कमाया.
ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन
सेबी ने अपने आदेश में कहा कि रूपेश सतीश दलाल एचयूएफ ने इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन किया, इसलिए उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. सेबी के 20 दिसंबर, 2024 के आदेश में बताया गया कि इस मामले में दो अन्य लोगों ने 39 लाख और 35 लाख रुपये देकर मामला सुलझा लिया. एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का विलय जुलाई 2023 में पूरा हुआ, जो भारत के वित्तीय क्षेत्र का सबसे बड़ा विलय था. इस विलय से 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति वाली एक बड़ी कंपनी बनी.
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