शेयर बाजार से करना चाहते हैं कमाई, तो पैसा लगाने से पहले हमेशा चेक करें ये 8 डिटेल, नहीं तो होगा नुकसान
शेयर मार्केट में निवेश से पहले सही कंपनी चुनना बेहद जरूरी है. इसके लिए निवेशक को Promoter Holding, P/E Ratio, PEG Ratio, Operating Profit Margin, Earnings Stability, Cash Flow, ROE-ROCE और Debt Level जैसे इंडिकेटर्स पर ध्यान देना चाहिए. ये पैरामीटर कंपनी की फाइनेंशियल ग्रोथ और ग्रोथ पोटेंशियल को दिखाते हैं.
Investment Key Metrics: शेयर मार्केट में निवेश करने से पहले निवेशकों को सही कंपनी का चुनाव करना सबसे जरूरी है. और सही कंपनी का पता लगाने के लिए कुछ स्टैंडर्ड हैं. जिनको देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि कंपनी की वित्तीय हालत कैसी है और यह भविष्य में अच्छा रिटर्न दे पाएगी या नहीं. कई बेसिक इंडिकेटर हैं जिनको देखकर हम कंपनी के बारे में जान सकते हैं. इससे हम अपना रिस्क कम कर सकते हैं और फायदे का चांस भी बढ़ा सकते हैं. तो आइए ऐसे ही कुछ इंडिकेटर के बारे में जानते हैं.
प्रोमोटर होल्डिंग और उसका रुझान
हाई प्रोमोटर होल्डिंग मैनेजमेंट के अपने बिजनेस पर भरोसे को दिखाती है. यदि समय के साथ प्रोमोटर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हैं तो यह कंपनी के भविष्य पर उनके विश्वास का संकेत है. वहीं, लगातार हिस्सेदारी घटने से कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर सवाल खड़े हो सकते हैं.
कितना है P/E वैल्यूएशन
प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो किसी भी कंपनी के वैल्यूएशन का जरूरी इंडिकेटर है. यदि किसी कंपनी का P/E रेशियो 30 से कम है और यह अपने सेक्टर की औसत की तुलना में आकर्षक दिख रहा है, तो निवेशकों के लिए यह बेहतर विकल्प हो सकता है. हालांकि, हाई क्वालिटी और मजबूत ग्रोथ वाली कंपनियों को प्रीमियम वैल्यूएशन भी मिलता है.
लो PEG रेशियो
प्राइस-टू-अर्निंग-टू-ग्रोथ यानी PEG रेशियो कंपनी की असली स्थिति दिखाता है. यदि PEG 1 से कम है तो यह संकेत है कि कंपनी की कीमत उसकी कमाई की ग्रोथ के हिसाब से बेहतर है.
ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन OPM में बढ़ोतरी
कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन लगातार बढ़ना बताता है कि कंपनी लागत मैनेजमेंट बेहतर कर रही है या उसके पास मजबूत प्राइसिंग पावर है. यह लंबे समय में प्रॉफिट और कंपटीशन बढ़त का साफ संकेत है.
ये भी पढ़ें- अफ्रीका-मिडिल ईस्ट में बिजनेस, 52 वीक लो से 46% चढ़ा शेयर, FII भी लगा रहे पैसा, इस डील के बाद रखें नजर
कमाई और मार्जिन की स्थिरता
यदि कंपनी की कमाई और मार्जिन स्थिर बने रहते हैं और इनमें ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता तो यह दिखाता है कि बिजनेस मॉडल मजबूत है और बदलती परिस्थितियों में भी टिक सकता है.
मजबूत Cash Flow
कंपनी का संचालन से नकदी प्रवाह EBITDA के मुकाबले अधिक होना दिखाता है कि कंपनी केवल कागज पर मुनाफा नहीं दिखा रही बल्कि वास्तविक कैश भी जनरेट कर रही है. इससे कमाई की क्वालिटी पर भरोसा बढ़ता है.
हाई ROE और ROCE
रिटर्न ऑन इक्विटी और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड यह दिखाते हैं कि कंपनी कैपिटल का उपयोग कितनी कुशलता से कर रही है. यदि ये रेशियो लगातार ऊंचे स्तर पर हैं तो यह कंपनी की क्वालिटी और मैनेजमेंट की एफिशिएंसी का प्रमाण है.
लो डेट और हेल्दी इंटरेस्ट कवरेज
कम उधार और हाई इंटरेस्ट कवरेज रेशियो कंपनी की वित्तीय स्थिरता का आधार है. ऐसी कंपनियां आर्थिक मंदी के दौर में भी सुरक्षित रहती हैं और नए अवसरों में निवेश कर पाती हैं.