वोडाफोन आइडिया ने AGR बकाया को लेकर सुप्रीम कोर्ट का किया रुख, DoT के कैलकुलेशन खिलाफ दायर की याचिका
कंपनी ने तर्क दिया है कि यह एजीआर बकाया पर सर्वोच्च न्यायालय के पहले के फैसले के दायरे से बाहर है. वोडा आइडिया के वकीलों ने इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है. बता दें कि वोडा आइडिया इस समय आर्थिक संकट से जूझ रही है. कंपनी पर भारी-भरकम देनदारियों का बोझ है.

Voda-Idea: टेलीकॉम सेक्टर की कंपनी वोडाफोन आइडिया ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की है और एजीआर बकाया के कैलकुलेशन को चुनौती दी है. वोडा आइडिया ने AGR बकाया को दोबारा कैलकुलट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी है. वोडा आइडिया के वकीलों ने इस मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की है. बता दें कि वोडा आइडिया इस समय आर्थिक संकट से जूझ रही है.
मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि याचिका में मांग की गई है कि वित्त वर्ष 2017 तक के बकाये के लिए टेलीकॉम विभाग द्वारा की गई अतिरिक्त कर मांगों को रद्द किया जाए.
क्या है मामला?
वोडाफोन-आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट से टेलीकॉम विभाग की नई टैक्स मांग को रद्द करने का आदेश जारी करने की मांग की. कंपनी ने तर्क दिया है कि यह एजीआर बकाया पर सर्वोच्च न्यायालय के पहले के फैसले के दायरे से बाहर है. दूरसंचार विभाग ने हाल ही में वित्त वर्ष 2017 तक की अवधि के लिए अतिरिक्त AGR की मांग की थी और आइडिया सेल्युलर समूह और वोडाफोन आइडिया के लिए वित्त वर्ष 2019 तक के बकाया लाइसेंस शुल्क बकाया में बदलाव किया था. ये बकाया AGR भुगतान पर सरकार की रोक के दायरे में थे, जो 31 मार्च 2026 को समाप्त हो रही है, जिसके बाद वोडाफोन आइडिया को किश्तें चुकानी शुरू करनी होंगी.
दोबारा कैलकुलेट करने की मांग
नए आकलन के अनुसार, टेलीकॉम विभाग ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 2,774 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग की थी, जिसकी गणना का कंपनी ने विरोध किया है और दावा किया है कि कुछ राशियां दो बार जोड़ी गई हैं और उनका मिलान आवश्यक है. अपनी याचिका में कंपनी ने वित्त वर्ष 2017 से पहले की अवधि से बकाया राशि को दोबारा कैलकुलेट करने की मांग की है.
इससे पहले टेलीकॉम विभाग ने वोडाफोन आइडिया से 5,960 करोड़ रुपये की मांग की थी, जो पहले से ही देनदारियों से जूझ रही है और कहा है कि संशोधित मांग से उसकी वित्तीय स्थिति पर दबाव पड़ेगा, वह भी ऐसे समय में जब कंपनी 4जी कवरेज को मजबूत करने और 5जी रोलआउट में तेजी लाने के लिए फंड जुटाने की कोशिश कर रही है.
वित्तीय संकट से जूझ रही है कंपनी
वोडाफोन आइडिया बढ़ते घाटे और 2 ट्रिलियन रुपये के भारी सरकारी बकाये से जूझ रही है, जिसमें एजीआर देनदारियां और वित्त वर्ष 32 और वित्त वर्ष 44 तक के स्थगित स्पेक्ट्रम भुगतान शामिल हैं. नियामक भुगतानों पर चार साल की रोक की समाप्ति ने दबाव बढ़ा दिया है, जिसमें मार्च 2026 तक 16,428 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया और जून तक 2,641 करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम किश्तें बकाया हैं.
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