हर लीटर पेट्रोल पर 11 रुपये कमा रही हैं तेल कंपनियां, भर रहा खजाना; ब्रोकरेज ने कहा- शेयर भरेंगे जोरदार उड़ान
Oil Companies Share Outlook: मार्जिन में जोरदार बढ़ोतरी 'नॉरमेटिव लेवल्स से काफी आगे' है. इस वजह से ब्रोकरेज फर्म ने ऑयल मार्केटिंग कंपनी (OMC) के शेयरों में एक दुर्लभ अवसर के रूप में देखा है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के अनुमान से शेष वित्त वर्ष के लिए आय को समर्थन मिलने की उम्मीद है. किस शेयर पर नजर रखें... आइए जानते हैं.

Oil Companies Share Outlook: हाल के दिनों में भारत की क्रूड ऑयल की खरीदारी काफी सुर्खियों में रही है. भारतीय तेल कंपनियां रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीद रही हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुभ रहा है और इसी बात की दलील देते हुए उन्होंने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है. दूसरी तरफ इस तेल के खेल में भारतीय रिटेल सेलर चांदी में हैं. भारत के रिटेल फ्यूल सेलर वित्त वर्ष 26 में अब तक पेट्रोल पर 11.2 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 8.1 रुपये प्रति लीटर का मार्केटिंग मार्जिंन कमा रहे हैं. इस वजह से ब्रोकरेज फर्मों ने खरीदारी की सिफारिशें की हैं, क्योंकि मार्च से तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे हैं. मार्जिन में जोरदार बढ़ोतरी ‘नॉरमेटिव लेवल्स से काफी आगे’ है. इस वजह से ब्रोकरेज फर्म ने ऑयल मार्केटिंग कंपनी (OMC) के शेयरों में एक दुर्लभ अवसर के रूप में देखा है, क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के अनुमान से शेष वित्त वर्ष के लिए आय को समर्थन मिलने की उम्मीद है.
मार्जिन नॉरमेटिव लेवल्स से अधिक
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, जेफरीज के इक्विटी भास्कर चक्रवर्ती ने कहा है कि वर्ष-दर-वर्ष 2026 में डीजल/पेट्रोल पर 8.1/11.2 रुपये प्रति लीटर का मार्केटिंग मार्जिन नॉरमेटिव लेवल्स से काफी आगे है. इतने बढ़े हुए मार्केटिंग मार्जिन से वित्त वर्ष 2026 में आम सहमति के अनुमानों में पॉजिटिव बदलाव की गुंजाइश है, भले ही सरकार उत्पाद शुल्क में कुछ बढ़ोतरी करे. मुनाफे में यह उछाल ऐसे समय में आया है जब मार्च से तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी हुई हैं और ओपेक+ ने अप्रैल 25 और सितंबर 25 के बीच सप्लाई में 2.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की बढ़ोतरी की है.
मांग और सप्लाई में बढ़ोतरी का अनुमान
इंटरनेशनल एनर्जी एजेंस के अनुसार, वर्ष-दर-वर्ष 2025 में मांग में केवल 0.68 मिलियन बैरल प्रतिदिन की बढ़ोतरी का अनुमान है. जबकि वर्ष-दर-वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 1.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन की अधिक सप्लाई की उम्मीद है.
फ्यूल मार्केटिंग मार्जिन
एचएसबीसी के एनालिसिस से मल्टीलेवल प्रॉफिट ग्रोथ का पता चलता है. तेल की कम कीमत ऑटो फ्यूल मार्केटिंग मार्जिन (वर्तमान में 5-9 रुपये प्रति लीटर) के लिए सहायक है और यह वित्त वर्ष 26 की कमाई के लिए अच्छा संकेत है. इसके अलावा, वैश्विक एलपीजी की कीमतों में भी कमी आई है, जिससे मौजूदा समय में प्रति सिलेंडर एलपीजी घाटे में वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही की तुलना में 30-40 फीसदी की कमी आई है.
कम होगी वर्किंग कैपिटल की जरूरत
एचएसबीसी का कहना है कि तेल की कम कीमतें वर्किंग कैपिटल की जरूरत को भी कम करेंगी, जिससे उधारी की जरूरतें कम होंगी. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि ‘वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में इन्वेंट्री लॉस पहले ही दर्ज हो चुका है और ब्रेंट की कीमतें 65-67 डॉलर प्रति बैरल पर हैं, और तेल की कीमतें स्थिर हैं. इसलिए इन्वेंट्री लॉस से होने वाले झटके की संभावना कम है.’
तेल कंपनियों के शेयर पर प्राइस टारगेट
एचएसबीसी ने एचपीसीएल के शेयर का प्राइस टारगेट 490 रुपये से बढ़ाकर 520 रुपये और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) का प्राइस टारगेट 180 रुपये से बढ़ाकर 190 रुपये कर दिया है. साथ ही बीपीसीएल, एचपीसीएल और आईओसीएल पर ‘बाय’ की रेटिंग बरकरार रखी है. ब्रोकरेज ने कहा कि कच्चे तेल की कम कीमतों और बेहतर कमाई को देखते हुए हम मार्केटिंग मार्जिन अनुमान बढ़ा रहे हैं.
बीपीसीएल को जेफरीज दी प्राथमिकता
जेफरीज ने ज्यादा नुआंस अप्रोच अपनाया है और प्रतिस्पर्धियों की तुलना में बीपीसीएल को स्पष्ट रूप से प्राथमिकता दी है. भास्कर चक्रवर्ती ने संभावित सरकारी नीतिगत बदलावों के प्रति बीपीसीएल की फ्लेक्सिबिलिटी पर फोकस करते हुए कहा कि यह एचपीसीएल की तुलना में बीपीसीएल की कमाई के लिए अच्छा संकेत है, क्योंकि एचपीसीएल पर एक्साइज ड्यूटी में किसी भी बढ़ोतरी का ज्यादा असर होगा. यह प्राथमिकता वैल्यूएशन तक विस्तारित है.
निफ्टी के मुकाबले बीपीसीएल का FWP पर 55 फीसदी का मौजूदा डिस्काउंट, LT औसत 31 फीसदी के मुकाबले बेहतर है. जेफरीज ने बीपीसीएल को 1.8 गुना सितंबर-26 के P/B पर 410 रुपये के टारगेट प्राइस पर बाय रेटिंग दी होगी.
एचपीसीएल पर अंडरपरफॉर्म रेटिंग
हालांकि, ब्रोकरेज फर्म एचपीसीएल को लेकर सतर्क बना हआ है और 340 रुपये के टारगेट के साथ अंडरपरफॉर्म रेटिंग बरकरार रखी है. जेफरीज ने विशाखापट्टनम में बढ़ती जटिलता और वित्त वर्ष 26 के अंत तक राजस्थान में ग्रीनफील्ड रिफाइनरी शुरू होने का हवाला देते हुए चेतावनी दी है.
पिछले साल से बेहतर हो सकता है मुनाफा
ब्रोकरेज फर्मों की यह रिपोर्ट से यह संकेत यह दर्शाता है कि अगर रूसी कच्चे तेल के मिश्रण में बहुत अधिक बदलाव नहीं होता है, तो रिफाइनिंग प्रॉफिटेबिलिटी पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर हो सकती है. कमाई में बढ़ोतरी केवल ईंधन मार्जिन तक ही सीमित नहीं है. एचएसबीसी ने बताया कि सरकार ने तेल मार्केटिंग कंपनियों को एलपीजी घाटे की भरपाई के लिए 30,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
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