Paras Defence की गिरावट लंबी या शॉर्ट टर्म, फैसला करने से पहले जानें फाइनेंशियल, ऑर्डरबुक और FII का मैसेज
रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी पारस डिफेंस के शेयरों में बंपर तेजी के बाद पिछले तीन दिनों से गिरावट देखने को मिल रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस डिफेंस स्टॉक में आई तेजी क्या खत्म हो गई है या अभी भी इसमें दम बरकरार है, तो क्या है एक्सपर्ट्स की राय, यहां चेक करें पूरी डिटेल.
Paras Defence and Space Technologies share price: प्रमुख डिफेंस कंपनी पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के शेयर आजकल काफी सुर्खियों में हैं. ऑपरेशन सिंदूर से चर्चाओं में आई इस कंपनी में निवेशक जमकर पैसा लगा रहे हैं, यहीं वजह है कि इसने एक महीने में 6 फीसदी से ज्यादा और 6 महीने में 60 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. बीते चार दिन इसके स्टॉक में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. मगर 7 जुलाई से इसमें गिरावट आई है, ये सिलसिला आज भी जारी है. तो क्यों आई पारस डिफेंस के शेयरों में गिरावट, क्या है उतार-चढा़व की वजह, क्या ऑपरेशन सिंदूर के बाद पारस डिफेंस की तेजी पर लग गया है ब्रेक या इसके फंडामेंटल्स अभी भी हैं दमदार. इन सब पर क्या है एक्सपर्ट का नजरिया, आज हम आपको इन्हीं सबके बारे में बताएंगे.
क्यों आई पारस डिफेंस के शेयरों में गिरावट?
- पारस डिफेंस के शेयर पिछले चार दिन काफी तेजी से बढ़ रहे थे, लेकिन 7 जुलाई यानी सोमवार को स्टॉक 8.02% टूटकर दिन के निचले स्तर 858.60 रुपये पर आ गया.
- यह गिरावट हाल ही में कंपनी की ओर से किए गए 1:2 स्टॉक स्प्लिट के बाद आई है.
- BSE और NSE ने पारस डिफेंस के शेयरों को लॉन्ग-टर्म ASM यानी एडिशनल सर्विलांस मेजर) फ्रेमवर्क में डाल दिया है, जिसकी वजह से भी स्टॉक धड़ाम हो गए.
- एक्सचेंज ने यह कदम पारस के शेयरों में भारी अस्थिरता को देखते हुए उठाया है, ताकि निवेशकों को सतर्क किया जा सके.
- जानकारों के मुताबिक पारस डिफेंस के स्टॉक अभी अपने हाई लेवल के करीब ट्रेड कर रहे हैं, ऐसे में निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं. यह भी स्टॉक में गिरावट की एक वजह है.
एक्सपर्ट को दिखा कंपनी में दम
Paras Defence के शेयरों में भले ही अभी गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन अभी भी कंपनी दमदार है. दरअसल दिग्गज फाइनेंशियल सर्विस फर्म प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक पिछले क्वार्टर में FII स्टेक 3.6% से बढ़ाकर 5.12% हुआ है. साथ ही पारस डिफेंस ड्रोन बनाने में महारथ रखती है. इसके अलावा कंपनी कई अहम कंपोनेंट्स भी बनाती है. यही कारण है कि ISRO और DRDO लगातार पारस से अहम प्रोजेक्ट्स पर डील कर रहे हैं.
ये फैक्टर्स भी कंपनी के हक में
- फाइनेंशियल फर्म के मुताबिक पारस डिफेंस ने कोर डिफेंस टेक में लगातार ऑर्डर हासिल किए, जो कंपनी के लिए फायदेमंद है.
- FY26 में इसके रेवेन्यू में डबल डिजिट में बढ़ोतरी और PAT वृद्धि की उम्मीद है.
- “मेक इन इंडिया” के तहत स्वदेशी IP और डिज़ाइन क्षमता को बढ़ावा दिया जाना भी इसके हक में हैं.
- यह अभी एक मिड-कैप निवेश है, लेकिन FII लंबी अवधि के इसे बेहतर विकल्प मानते हैं.
कैसा रहा वित्तीय प्रदर्शन?
पारस डिफेंस ने FY25 की चौथी तिमाही में शानदार वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है. कंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले साल की समान तिमाही के 10 करोड़ रुपये की तुलना में 97% उछलकर 19.7 करोड़ रुपये हो गया. रेवेन्यू में भी 35.8% की सालाना वृद्धि देखी गई, जो 108.2 करोड़ रुपये रहा. EBITDA 3.4 करोड़ रुपये से बढ़कर 28.3 करोड़ रुपये हो गया, और EBITDA मार्जिन 15.6% से बढ़कर 26.2% पर पहुंच गया है.
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कितना है ऑर्डर बुक?
कंपनी की ऑर्डर बुक 31 मार्च 2025 तक 900 करोड़ रुपये से ज्यादा थी, अब प्रबंधन इसे 1,500-2,000 करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रख रही है. कंपनी के पास इस समय कई प्रोजेक्ट्स हैं जिसके तहत वो देश के पहले स्वदेशी विकसित एमआरआई मशीन के लिए मैग्नेट निर्माण का काम कर रही है. साथ ही ये DRDO के लिए अपग्रेडेड लेजर प्रणाली का विकास और नवी मुंबई में ऑप्टिक्स पार्क की स्थापना पर काम कर रही है. पारस डिफेंस का CHIMERA 200 एंटी ड्रोन सिस्टम के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर भी मिला है.
क्या करती है कंपनी?
पारस डिफेंस, जो डिफेंस और स्पेस ऑप्टिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, हैवी इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स प्रोटेक्शन सॉल्यूशंस में महारथ रखती है इसके पांच प्रमुख प्रोडक्ट कैटेगरी है, जिसमें डिफेंस और स्पेस ऑप्टिक्स, डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स, हैवी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स प्रोटेक्शन सॉल्यूशंस और नीश टेक्नोलॉजी शामिल है.