Mazagon Dock vs Garden Reach vs Cochin Shipyard: Q1FY26 में किसका प्रदर्शन रहा दमदार, जानें ऑर्डर बुक में कौन है आगे
निवेशकों की नजरें इन दिनों डिफेंस शिपबिल्डर्स सेक्टर पर टिकी हुई हैं. ऐसे में Mazagon Dock, Garden Reach और Cochin Shipyard एक बड़े प्लेयर के रूप में उभरे हैं. तीनों कंपनियों का Q1FY26 का रिजल्ट आ गया है, लेकिन यह जानना जरूरी है कि किसने अच्छा प्रदर्शन किया है. भारत का डिफेंस शिपबिल्डर्स सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और FY27 तक 2.12 लाख करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिलने की उम्मीद है, जिसमें पनडुब्बियों और युद्धपोतों के प्रोजेक्ट शामिल हैं.
Mazagon Dock vs Garden Reach vs Cochin Shipyard: भारत का डिफेंस शिपबिल्डर्स सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, जिसका मुख्य कारण सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और इस क्षेत्र में भारी निवेश है. upstox के अनुसार, FY27 तक इस क्षेत्र को 2.12 लाख करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिलने की संभावना है, जिसमें पनडुब्बियों और छोटे युद्धपोतों के ऑर्डर शामिल हैं. मझगांव डॉक, कोचीन शिपयार्ड और गार्डन रीच जैसी कंपनियों को इससे सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. हालांकि, इतने बड़े ऑर्डर के बावजूद, जून तिमाही के नतीजे मिले-जुले रहे हैं. तीनों प्रमुख डिफेंस शिपबिल्डर्स कंपनियों के Q1FY26 के रिजल्ट में अंतर देखने को मिला, तो चलिए जानते हैं किसका रिजल्ट कैसा रहा और इनके शेयर का क्या हाल है.
Mazagon Dock Shipbuilders
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) भारतीय नौसेना के लिए युद्धपोत और पनडुब्बियां बनाने वाली अहम कंपनी है. यह देश की एकमात्र ऐसी शिपयार्ड है जिसने नौसेना के लिए डिस्ट्रॉयर और पारंपरिक पनडुब्बियां बनाई हैं, साथ ही ‘वीर’ और ‘खुकरी’ जैसे कोरवेट जहाज भी तैयार किए हैं. हालांकि Q1FY26 में कंपनी के रेवेन्यू में 11 फीसदी की बढ़ोतरी (2,357 करोड़ रुपये से 2,626 करोड़ रुपये) के बावजूद, खर्चों में 35 फीसदी की बढ़ोतरी (2,348 करोड़ रुपये) होने से नेट प्रॉफिट 35 फीसदी गिरकर 452.15 करोड़ रुपये रह गया.
इस तिमाही में कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन में भी गिरावट दर्ज की गई. ऑपरेटिंग मार्जिन इस दौरान 27.4 फीसदी से घटकर सिर्फ 11.4 फीसदी रह गया. गुरुवार को इसका शेयर 1 फीसदी गिरकर 2,721.40 रुपये पर पहुंच गया है.
Cochin Shipyard
कोचीन शिपयार्ड (CSL) ने हाल ही में अमेरिकी नौसेना के साथ मास्टर शिप रिपेयर समझौता किया है, जो इसकी वैश्विक पहचान को दिखा रहा है. कंपनी जहाज निर्माण और मरम्मत दोनों क्षेत्रों में काम करती है. Q1FY26 में इसका रेवेन्यू 38 फीसदी बढ़कर 1,068.59 करोड़ रुपये हो गया, जबकि कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 8 फीसदी बढ़कर 188 करोड़ रुपये रहा है.
हाल के कुछ बड़े ऑर्डर, जैसे 1,200 करोड़ रुपये का डिफेंस रिफिट ऑर्डर और पोलस्टार मैरिटाइम के लिए 250 करोड़ रुपये के दो टग बोट का ऑर्डर, ने कंपनी के ऑर्डर बुक को मजबूत किया है. गुरुवार को इसका शेयर 0.47 फीसदी बढ़कर 1,691 रुपये पर पहुंच गया.
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Garden Reach Shipbuilders & Engineers (GRSE)
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स (GRSE) ने तीनों शिपयार्ड कंपनियों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. कंपनी ने Q1FY26 में 29 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,310 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 37 फीसदी की छलांग के साथ 120 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है. GRSE का ऑर्डर बुक भी काफी मजबूत है. कंपनी को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) के लिए दो कोस्टल रिसर्च वेसल बनाने का ठेका मिला है, साथ ही नौसेना के 25,000 करोड़ रुपये के नेक्स्ट-जनरेशन कोरवेट प्रोजेक्ट में सबसे कम बोली लगाकर अच्छी स्थिति बनाई है.
इसके अलावा, GRSE ने Reintjes GmbH के साथ एडवांस्ड मरीन गियरबॉक्स बनाने के लिए समझौता किया है, जिससे कंपनी की तकनीकी क्षमता और बढ़ेगी. इस मजबूत प्रदर्शन का असर शेयर की कीमत पर भी देखने को मिला है. इसने पिछले एक वर्ष में 29.46 फीसदी का रिटर्न दिया है. हालांकि गुरुवार को इसका शेयर 1.94 फीसदी गिरकर 2,587.90 रुपये पर पहुंच गया.
कौन है आगे
कंपनी | रेवेन्यू | PAT | मार्केट कैप | प्रति शेयर आय (₹) | ऑर्डर बुक | YoY रिटर्न |
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मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स | 2,626 करोड़ रुपये (▲11 फीसदी YoY) | 452 करोड़ रुपये (▼35 फीसदी YoY) | 1.09 लाख करोड़ रुपये | 10.39 | 29,918 करोड़ रुपये | 22.1 फीसदी |
कोचीन शिपयार्ड | 1,069 करोड़ रुपये (▲38 फीसदी YoY) | 188 करोड़ रुपये (▲8 फीसदी YoY) | 44,473 करोड़ रुपये | 7.14 | 22,500 करोड़ रुपये | 9.8 फीसदी |
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स | 1,310 करोड़ रुपये (▲29 फीसदी YoY) | 120 करोड़ रुपये (▲37 फीसदी YoY) | 29,650 करोड़ रुपये | 10.49 | 22,680 करोड़ रुपये | 60.1 फीसदी |
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