₹70 हजार करोड़ से ज्यादा का ऑर्डरबुक, अब बिहार सरकार से ₹20900000000 का कॉन्ट्रैक्ट, फोकस में रखें ये इंफ्रा स्टॉक
भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी NCC लिमिटेड को बिहार सरकार से 2,090 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिला है. इस खबर के बाद शेयर 5% तक चढ़कर 216 रुपये पहुंच गया. कंपनी की ऑर्डरबुक 70,087 करोड़ रुपये है जिसमें बिल्डिंग्स, ट्रांसपोर्टेशन और इलेक्ट्रिकल प्रोजेक्ट्स का बड़ा हिस्सा है. मजबूत टेंडर पाइपलाइन और सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स से निवेशकों को लंबे समय के लिए भरोसा मिल रहा है.
NCC Ltd: इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी NCC लिमिटेड को बिहार सरकार से ₹2,090 करोड़ का बड़ा ऑर्डर मिला है. यह प्रोजेक्ट वॉटर रिसोर्स डिपार्टमेंट से जुड़ा है जिसमें बरनार रिजर्वायर, डैम स्ट्रक्चर और इरीगेशन चैनल बनाने का काम शामिल है. इस खबर का सीधा असर कंपनी के शेयर पर दिखा और सोमवार को यह करीब 5% उछलकर ₹216 तक पहुंच गया. मजबूत ऑर्डरबुक और नई टेंडर पाइपलाइन से कंपनी आने वाले समय में निवेशकों का भरोसा बनाए रखने की कोशिश कर रही है.
NCC को मिला बड़ा सरकारी कॉन्ट्रैक्ट
NCC को यह ऑर्डर बिहार सरकार के वॉटर रिसोर्स डिपार्टमेंट से मिला है. कॉन्ट्रैक्ट में बरनार रिजर्वायर और संबंधित स्ट्रक्चर का निर्माण, डैम और इरीगेशन चैनल शामिल हैं. प्रोजेक्ट की अवधि 30 महीने तय की गई है. सरकारी प्रोजेक्ट्स मिलने से कंपनी को लंबे समय के लिए मजबूत रेवेन्यू स्ट्रीम बनाने का मौका मिलेगा.
शेयर प्राइस में आया उछाल
इस नए ऑर्डर की घोषणा के बाद निवेशकों का भरोसा बढ़ा और NCC का शेयर सोमवार को 5% तक उछलकर 216 रुपये पर पहुंच गया था. हालांकि बाद में इसमें गिरावट देखने को मिली. आज, 18 सितंबर को इसके शेयरों में मामूली तेजी देखने को मिली और यह 216 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा था. कंपनी का मार्केट कैप 13,300 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है. उम्मीद की जा रही हैं कि सरकारी प्रोजेक्ट्स मिलने से कंपनी के शेयर में आगे भी पॉजिटिव ट्रेंड देखने को मिल सकता है.
मजबूत Orderbook बनी ताकत
मजबूत ऑर्डरबुक बनी ताकत NCC की कुल ऑर्डरबुक 70,087 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. इसमें बिल्डिंग्स का सबसे ज्यादा 34 फीसदी हिस्सा है, जबकि ट्रांसपोर्टेशन 26 फीसदी और इलेक्ट्रिकल प्रोजेक्ट्स 22 फीसदी हिस्सेदारी रखते हैं. यह डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो कंपनी को सेक्टर में मजबूती देता है.
नए ऑर्डर और प्रोजेक्ट प्रोग्रेस
Q1 FY26 में कंपनी ने कुल 3,658 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर मिला है. इनमें सबसे बड़ा हिस्सा बिल्डिंग्स सेगमेंट का रहा जो 79% तक पहुंचा. इसी दौरान कंपनी ने 5,139 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पूरे किए जिनमें बिल्डिंग्स, माइनिंग और इलेक्ट्रिकल वर्क्स शामिल थे. यह दिखाता है कि कंपनी न सिर्फ नए प्रोजेक्ट्स हासिल कर रही है बल्कि समय पर डिलीवरी भी दे रही है.
Segment | Share (%) | Value (₹ Crore) |
---|---|---|
Buildings | 34% | 23,829 |
Transportation | 26% | 18,822 |
Electrical (T&D) | 22% | 15,419 |
Mining | 7% | 4,906 |
Water & Railways | 6% | 4,205 |
Irrigation | 5% | 3,506 |
Total | 100% | 70,087 |
फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर दबाव
हालांकि ऑर्डरबुक मजबूत है, लेकिन Q1 FY26 में कंपनी के नतीजे दबाव में रहे.
- राजस्व घटकर ₹5,179 करोड़ रह गया, जो साल-दर-साल 6% की गिरावट है.
- नेट प्रॉफिट 8% गिरकर ₹205 करोड़ पर आ गया.
कमजोर डिमांड और मार्जिन प्रेशर का असर वित्तीय प्रदर्शन पर साफ दिखा. हालांकि मैनेजमेंट का कहना है कि आने वाले तिमाहियों में मजबूत ऑर्डर इन्फ्लो से सुधार देखने को मिलेगा.
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टेंडर पाइपलाइन से बढ़ी उम्मीदें
कंपनी की टेंडर पाइपलाइन ₹2.55 लाख करोड़ की है. NCC ने FY26 के लिए ₹22,000–25,000 करोड़ ऑर्डर इन्फ्लो का गाइडेंस दिया है. इसमें से ₹5,000–6,000 करोड़ L1 स्टेज पर हैं यानी कंपनी के हाथ आने लगभग तय हैं. इसका मतलब यह है कि आने वाले महीनों में कंपनी के पास प्रोजेक्ट्स की कोई कमी नहीं होगी.
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