कर्ज लगभग जीरो, 643% रिटर्न… कांच की बोतलें बनाने वाली कंपनी का नया दांव; HUL–Bira 91 जैसे दिग्गज हैं क्लाइंट्स

कभी सिर्फ कांच की बोतलों तक सीमित यह पुरानी इंडस्ट्री कंपनी अब खुद को नए दौर के लिए दोबारा गढ़ रही है. ग्लास से लेकर PET बोतलें और आगे चलकर एल्युमिनियम कैन तक AGI एक ऐसी पैकेजिंग कंपनी बनना चाहती है जो सिर्फ कंटेनर नहीं, बल्कि ब्रांड की पहचान और बिजनेस के भविष्य को आकार दे.

कांच की बोतलें बनाने वाली कंपनी का नया दांव Image Credit: Money 9 Live

AGI Greenpac: जब कोई बोतलें बनाने वाली कंपनी एल्युमिनियम कैन की बात करने लगे, तो समझिए कुछ बड़ा बदल रहा है या तो बाजार, या फिर कंपनी खुद. AGI Greenpac में दोनों ही बदलाव एक साथ हो रहे हैं. कभी सिर्फ कांच की बोतलों तक सीमित यह पुरानी इंडस्ट्री कंपनी अब खुद को नए दौर के लिए दोबारा गढ़ रही है. ग्लास से लेकर PET बोतलें और आगे चलकर एल्युमिनियम कैन तक AGI एक ऐसी पैकेजिंग कंपनी बनना चाहती है जो सिर्फ कंटेनर नहीं, बल्कि ब्रांड की पहचान और बिजनेस के भविष्य को आकार दे.

मौजूदा समय में कंपनी का प्रदर्शन

FY25 में कंपनी की इनकम 4 फीसदी बढ़कर 2528 करोड़ रुपये रही. EBITDA 9% बढ़कर 614 करोड़ रुपये हुआ, यानी 24% मार्जिन. यह अब तक का सबसे ज्यादा है. कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 16% है. इन आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी मजबूत और लगातार मुनाफे में है.

क्या हैं कंपनी की भविष्य की योजना

1. क्षमता बढ़ाना (Expansion)

कंपनी मध्य प्रदेश में नया ग्रीनफील्ड प्लांट बना रही है. यह प्लांट साल 2027 तक शुरू होगा और कंपनी की ग्लास क्षमता 25% बढ़ाकर 2,600 टन प्रति दिन कर देगा. नॉर्थ इंडिया तेजी से बढ़ता बाजार है, इसलिए यह प्लांट ग्राहकों के करीब रहकर लागत घटाएगा.
2. एल्युमिनियम कैन बिजनेस

UP में नया प्लांट लगाकर कंपनी एल्युमिनियम कैन उद्योग में प्रवेश कर रही है. पहले चरण में 950 मिलियन कैन और बाद में 1.6 बिलियन कैन बनाने की क्षमता होगी. यह बाजार भारत में सिर्फ 2 कंपनियों के पास है. मांग तेजी से बढ़ रही है. AGI के लिए यह बड़ा अवसर है क्योंकि इसके कई ग्राहक पहले से ग्लास वाले सेगमेंट में जुड़े हैं.
3. प्रीमियम प्रोडक्ट्स बढ़ाना

Bhongir वाला स्पेशियलिटी ग्लास प्लांट पूरी क्षमता पर चल रहा है, जहां प्रीमियम शराब और कॉस्मेटिक बोतलें बनती हैं. यहां कंपनी क्षमता बढ़ा रही है ताकि अधिक मार्जिन वाले प्रोडक्ट बेच सके. AGI करीब ₹1,900–2,000 करोड़ निवेश FY28 तक करेगी पर ज्यादातर पैसों की व्यवस्था अपनी कमाई से करेगी.

कम कर्ज, मजबूत बैलेंस शीट

कंपनी ने जुलाई 2025 में 193 करोड़ रुपये कर्ज चुकाया और अब कुल कर्ज सिर्फ 233 करोड़ रुपये है. नेट डेट-टू-इक्विटी सिर्फ 0.1x है. बड़ी पूंजी वाली इंडस्ट्री में यह बहुत मजबूत स्थिति मानी जाती है. मार्जिन फिलहाल 23 फीसदी के आसपास हैं, जो थोड़े घटे हैं ऊर्जा लागत बढ़ने की वजह से, लेकिन मैनेजमेंट कह रहा है कि अगले वर्षों में 1–2 फीसदी और बढ़ सकते हैं. CMD संदीप सोमानी के पास 40 साल से ज्यादा का अनुभव है. CEO राजेश खोसला प्रोसेस और टेक्नोलॉजी पर फोकस रखते हैं और स्पेशियलिटी ग्लास व क्लोजर्स बिजनेस को बड़ा किया है. प्रमोटरों की हिस्सेदारी 60.24 फीसदी है और शेयरों पर कोई प्लेज नहीं है. यह अच्छे कॉर्पोरेट गवर्नेंस का संकेत है.

कंपनी के क्लाइंट

स्टॉक वैलुएशन

AGI का मार्केट कैप करीब 5000 करोड़ रुपये है. यानी यह अभी भी स्मॉल-कैप है. शेयर प्राइस 766 रुपये के आसपास है और PE लगभग 14 गुना, जो उसके 5-वर्षीय औसत से थोड़ा कम है. ROE 16 फीसदी है और नए प्लांट शुरू होने पर और बढ़ सकता है. कंपनी ने अपने निवेशकों को 5 साल में 643 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है.

अगर कंपनी एल्युमिनियम कैन और स्पेशियलिटी ग्लास प्रोजेक्ट समय पर पूरा कर पाती है, तो यह भारत की पैकेजिंग इंडस्ट्री में चुपचाप बड़ा बदलाव ला सकती है.

सोर्स: Groww, FE, AGI Glasspac website

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