Closing Bell: निफ्टी 24700 के ऊपर और सेंसेक्स 419 अंक चढ़ा, सभी सेक्टर हरे निशान में बंद

Closing Bell: सोमवार 4 अगस्त को भारतीय शेयर बाजार में व्यापक खरीदारी देखी गई, जिससे बेंचमार्क इंडेक्स- सेंसेक्स और निफ्टी 50 को पॉजिटिव वैश्विक संकेतों और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के बीच दो दिनों से चली आ रही गिरावट पर लगाम लगाने में मदद मिली.

शेयर बाजार में तेजी. Image Credit: Tv9 Network

Closing Bell: भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में सोमवार 4 अगस्त को तेजी दर्ज की गई, जिससे गिरावट का सिलसिला थम गया. निफ्टी 24,700 के ऊपर पहुंचकर भारतीय इक्विटी इंडेक्स मजबूती के साथ बंद हुए. सेंसेक्स 418.81 अंक या 0.52 फीसदी बढ़कर 81,018.72 पर और निफ्टी 157.40 अंक या 0.64 फीसदी बढ़कर 24,722.75 पर बंद हुआ. लगभग 2047 शेयरों में तेजी, 1607 शेयरों में गिरावट और 154 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.

निफ्टी में सबसे ज्यादा बढ़त हीरो मोटोकॉर्प, टाटा स्टील, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अडानी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयरों में रही, जबकि नुकसान पावर ग्रिड कॉर्प, एचडीएफसी बैंक, ओएनजीसी, आईसीआईसीआई बैंक और अपोलो हॉस्पिटल्स के शेयरों में दर्ज की गई.

निफ्टी पर टॉप गेनर

शेयरउछाल (%)
हीरो मोटो5.18
टाटा स्टील4.08
अडानी पोर्ट्स3.56
बीईएल3.37
जेएसडब्लू स्टील2.86

सेक्टोरल इंडेक्स

अन्य सभी सेक्टरोल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जिनमें पीएसयू बैंक, फार्मा, रियल्टी, आईटी, मेटल, टेलीकॉम, मीडिया, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटो शेयरों में 0.5-2.5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.7 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई.

4.5 लाख करोड़ की कमाई

व्यापक खरीदारी ने बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन पिछले सत्र के 444.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 449 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ.

टॉप ट्रेड

मार्केट में बढ़ गई अनिश्चितता

अल्फामनी में इक्विटी और पीएमएस के मैनेजिंग पार्टनर ज्योति प्रकाश ने मार्केट पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह भारतीय बाजारों के लिए वैश्विक प्रतिकूलताएं और बढ़ गईं, क्योंकि अमेरिका ने रूसी तेल आयात पर 25% टैरिफ और अतिरिक्त दंड लगाया, जिससे अनिश्चितता और बढ़ गई. सोने की कीमतें 3,350 डॉलर प्रति औंस के आसपास स्थिर रहीं, जबकि इक्विटी वैल्यूएशन हाई बना हुआ है.

अडानी एंटरप्राइज, कोटक और विप्रो के कारण लार्ज कैप शेयरों में 1.2 फीसदी की गिरावट आई. हालांकि वरुण बेवरेजेज और बॉश ने कुछ हद तक लचीलापन दिखाया. मिड और स्मॉल कैप शेयरों का प्रदर्शन और भी बुरा रहा, जिनमें क्रमशः 1.9% और 3.0% की गिरावट आई, जिसकी वजह एमआरपीएल, इंडस टावर और कई एनबीएफसी में गिरावट रही.

विदेशी निवेशक लगातार 10 दिनों से शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं, जिससे रुपया 2022 के बाद से अपने सबसे कमजोर महीने में पहुंच गया है. जबकि घरेलू निवेशक लगातार समर्थन दे रहे हैं. पहली तिमाही के आय सत्र ने निराशाजनक प्रदर्शन किया, जिसके कारण वित्त वर्ष 26 के लिए ईपीएस में गिरावट आई.

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