26100 पार नहीं हुआ तो क्या आएगी मुनाफावसूली? Nifty के अहम सपोर्ट-रेजिस्टेंस समझिए

बाजार ने इस हफ्ते न तो तेजी दिखाई और न ही बड़ी गिरावट. सीमित दायरे, कम वोलैटिलिटी और सेक्टोरल रोटेशन ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर किया है. क्या यह ठहराव किसी बड़े मूवमेंट से पहले की शांति है? संकेत कहानी कहते हैं.

शेयर मार्केट अपडेट्स. Image Credit: Tv9

पिछले हफ्ते शेयर बाजार में जिस तेजी की आदत निवेशकों को लग चुकी थी, उस पर इस बार थोड़ा ब्रेक नजर आया. बाजार ने न तो कोई बड़ी छलांग लगाई और न ही कोई तेज गिरावट दिखाई. पूरे हफ्ते कारोबार सीमित दायरे में सिमटा रहा और अंत में बाजार हल्की कमजोरी के साथ बंद हुआ. यह ठहराव इस बात का संकेत है कि निवेशक फिलहाल नई दिशा का इंतजार कर रहे हैं.

सीमित दायरे में घूमता रहा Nifty

पिछले सप्ताह Nifty 25,700 से 26,100 के बीच घूमता रहा. इस दौरान कोई साफ ब्रेकआउट नहीं दिखा. हफ्ते के अंत में Nifty 80.55 अंक यानी करीब 0.31 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ. इससे पहले बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली थी, ऐसे में यह गिरावट मुनाफावसूली और ठहराव का संकेत मानी जा रही है, न कि किसी बड़े ट्रेंड बदलाव का.

बाजार की अस्थिरता को मापने वाला India VIX 5.70 प्रतिशत गिरकर 9.52 पर आ गया, जो कई सालों के निचले स्तरों के करीब है. इसका मतलब साफ है कि फिलहाल बाजार में डर नहीं है. निवेशक शांत हैं और किसी बड़े झटके की आशंका नहीं दिख रही. हालांकि, बहुत कम वोलैटिलिटी कई बार आने वाले बड़े मूवमेंट का संकेत भी होती है.

सपोर्ट और रेजिस्टेंस पर नजर जरूरी

सैमको सिक्योरिटीज में डेरिवेटिव्स रिसर्च एनालिस्ट, धूपेश धमेेजा के अनुसार, ऑप्शन डेटा पर नजर डालें तो एट-द-मनी स्ट्राइक्स के आसपास कॉल और पुट दोनों में भारी राइटिंग देखने को मिल रही है. इसके साथ ही ट्रेडर्स की आक्रामक पोजिशनिंग यह संकेत देती है कि फिलहाल निफ्टी एक सख्त रेंज में बंधा हुआ है. अगर इंडेक्स 26,100 के ऊपर मजबूती के साथ टिकता है, तो तेजी को नई जान मिल सकती है और 26,350 की ओर बढ़त का रास्ता खुल सकता है.

वहीं, 25,900 के नीचे फिसलन बाजार की संरचना को कमजोर कर सकती है, जिससे नई बिकवाली का दबाव बनेगा और निफ्टी फिर से 25,700 के स्तर की ओर खिसक सकता है. ऐसे में मौजूदा कंसोलिडेशन का दौर और लंबा खिंचने की आशंका बनी हुई है.

तकनीकी तौर पर 25,700 से 25,850 का जोन Nifty के लिए अहम सपोर्ट बनकर उभरा है. यही स्तर 50-DMA के आसपास भी है, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ जाती है. वहीं, ऊपर की तरफ 26,100 और उसके बाद 26,250 बड़े रेजिस्टेंस हैं. जब तक 26,100 के ऊपर मजबूत ब्रेक नहीं मिलता, तब तक नई तेजी की उम्मीद कमजोर रहेगी.

इंडिकेटर क्या कह रहे हैं

साप्ताहिक RSI करीब 59.92 पर है, जो न ज्यादा ओवरबॉट है और न ही ओवरसोल्ड. इसका मतलब है कि बाजार फिलहाल संतुलन में है. MACD अभी भी सिग्नल लाइन के ऊपर है, लेकिन उसकी रफ्तार धीमी हो रही है. कैंडल चार्ट पर भी कोई खास पैटर्न नहीं बना, जो बाजार की अनिश्चितता और इंतजार की स्थिति को दिखाता है.

PL Capital के मुताबिक, Nifty में मजबूती बनी हुई है और यह लगातार अहम 50-EMA स्तर के ऊपर टिके रहने में सफल रहा है. यह 50-EMA फिलहाल 25,750 के आसपास स्थित है, जो निकट अवधि का मजबूत सपोर्ट बना हुआ है. इंडेक्स का मौजूदा बंद स्तर करीब 25,960 के पास रहा, जिससे बाजार की धारणा और बायस में और सुधार देखने को मिला है.

सेक्टोरल रुझान- कहां ताकत, कहां कमजोरी

Relative Rotation Graphs के मुताबिक बैंकिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, PSU बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज और मिडकैप इंडेक्स लीडिंग जोन में हैं. हालांकि इनमें से कुछ की रफ्तार थोड़ी धीमी हो रही है, फिर भी ये सेक्टर बाजार से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.
ऑटो और मेटल सेक्टर कमजोर जोन में हैं, लेकिन ऑटो में हल्का सुधार दिख रहा है. IT, सर्विसेज और रियल्टी सेक्टर सुधार के जोन में हैं, जबकि FMCG, मीडिया, एनर्जी और कंजम्पशन सेक्टर पिछड़ते नजर आ रहे हैं.

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आगे की रणनीति क्या हो

क्रिसमस की छुट्टी के चलते आने वाला हफ्ता छोटा है और वॉल्यूम कम रह सकता है. ऐसे में निवेशकों के लिए बेहतर होगा कि वे इंडेक्स पर आक्रामक दांव लगाने के बजाय स्टॉक-विशेष रणनीति अपनाएं. मुनाफे की सुरक्षा पर ध्यान दें, टाइट स्टॉप लॉस रखें और रेजिस्टेंस के पास तेजी का पीछा करने से बचें. जब तक 25,700–26,100 का दायरा साफ तौर पर नहीं टूटता, तब तक धैर्य ही सबसे बड़ी रणनीति रहेगी.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.