NSE का बड़ा फैसला, SME IPO के लिए 20% लोअर प्राइस बैंड लागू; 4 अगस्त से होगा प्रभावी

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने SME IPO के प्री-ओपन सेशन के लिए 20 फीसदी का लोअर सर्किट लिमिट लागू करने की घोषणा की है. यह नियम 4 अगस्त से प्रभावी होगा. इस बदलाव का उद्देश्य SME शेयरों में अस्थिरता को कम करना और निवेशकों को अधिक स्थिर प्राइस बैंड देना है.

NSE ने SME IPO के लिए 20% लोअर प्राइस कैप की घोषणा की. Image Credit: TV9 Bharatvarsh

SME IPO Price Cap: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE ने SME कंपनियों के IPO को लेकर एक नया फैसला लिया है. 4 अगस्त 2025 से SME IPO के लिए प्री ओपन सेशन में अब 20 फीसदी की लोअर प्राइस लिमिट यानी न्यूनतम कीमत तय कर दी गई है. इससे पहले 4 जुलाई 2024 को NSE ने 90 फीसदी की अपर लिमिट की घोषणा की थी. अब प्राइस बैंड का दायरा तय होने से SME शेयरों की ट्रेडिंग में अस्थिरता को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकेगा. यह बदलाव केवल NSE Emerge प्लेटफॉर्म पर लागू होगा.

20 फीसदी की न्यूनतम कीमत तय

NSE ने SME IPO के लिए प्री ओपन सेशन में इश्यू प्राइस से 20 फीसदी कम कीमत को न्यूनतम सीमा (फ्लोर प्राइस) के तौर पर लागू किया है. इसका मतलब यह है कि अब SME कंपनियों के शेयर पहले दिन इश्यू प्राइस से अधिकतम 20 फीसदी नीचे ही खुल सकेंगे. यह नया कदम सभी एक्सचेंजों में प्राइस डिस्कवरी की प्रक्रिया को एक समान बनाएगा. इससे बाजार में ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी और SME सेगमेंट में निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होगा.

90 फीसदी की अपर लिमिट पहले ही लागू

इससे पहले NSE ने 4 जुलाई 2024 को SME शेयरों के लिए प्री ओपन सेशन में 90 फीसदी की अधिकतम सीमा तय की थी. अब दोनों बैंड्स तय होने से ट्रेडिंग के दौरान शेयर की कीमत अधिक ऊपर या नीचे नहीं जाएगी और बैलेंस बना रहेगा.

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NSE Emerge पर ही लागू होगा नियम

यह नया नियम केवल NSE Emerge प्लेटफॉर्म पर लिस्ट होने वाले SME IPO पर लागू होगा. मेनबोर्ड IPO, रिलिस्टेड शेयर या पब्लिक लोन पर यह नियम लागू नहीं होगा. यह बैंड सिस्टम SME शेयरों की शुरुआती ट्रेडिंग में भारी उतार चढ़ाव को रोकने में मदद करेगा. इससे निवेशकों को अधिक स्थिर और सुरक्षित ट्रेडिंग का अनुभव मिलेगा.